पाठ ९ – मेरे पिता जी
Through the text presented, Harivansh Rai Bachchan has effectively depicted the changes in the country and society, along with the qualities of his father’s lifestyle, personality, determination, self-respect, dutifulness, etc.
नैमित्तिक – निमित्यसंबंधी
विलायत – विदेश
वाकचातुर्य – वाकपटुता, बोलने में चतुराई
अचेतन – चेतनारहित
चलास – चलने का शौक
सहकर्मी – दफ्तर में साथ में काम करने वाला
आत्मरक्षा – स्वयं की रक्षा
सिरफिरा – पागल
वारदात – घटना
नियमबद्ध – नियम के अनुसार
अचरज – आश्चर्य
निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-
१) कारण लिखिए :-
क) विमान के प्रति लेखक का आकर्षित होना –
उत्तर: विमान ने लेखक को सीमाओं से परे सोचने की शक्ति दी और उसके सपनों को पंख दिए। लेखक ने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग को अपने अध्ययन के क्षेत्र के रूप में चुना क्योंकि वह उड़ने से मोहित था और वर्षों से उड़ने की इच्छा रखता था।
ख) लेखक का एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुनना –
उत्तर: लेखक का एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुनना क्योंकि उड़ान भरने के प्रति वे आकर्षित थे।
पहली बार मैंने एम. आई. टी. में निकट से विमान देखा था, जहाँ विद्यार्थियों को विभिन्न सब – सिस्टम दिखाने के लिए दो विमान रखे थे । उनके प्रति मेरे मन में विशेष आकर्षण था । वे मुझे बार – बार अपनी ओर खींचते थे । मुझे वे सीमाओं से परे मनुष्य की सोचने की शक्ति की जानकारी देते थे तथा मेरे सपनों को पंख लगाते थे । मैंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग काे अपना अध्ययन क्षेत्र चुना क्योंकि उड़ान भरने के प्रति मैं आकर्षित था । वर्षों से उड़ने की अभिलाषा मेरे मन में पलती रही । मेरा सबसे प्यारा सपना यही था कि सुदूर आकाश में ऊँची और ऊँची उड़ान भरती मशीन को हैंडल किया जाए ।
२) स्वमत –
‘मेरी अभिलाषा’ विषय पर लगभग छह से आठ पंक्तियों में लिखिए ।
उत्तर: जिंदगी चार दिन की ही होती है। इस छोटी सी जिंदगी में हर कोई उड़ना चाहता है। यानी हर व्यक्ति का अपना लक्ष्य होता है। मेरी अपनी भी एक इच्छा है। एक वैज्ञानिक बनने के लिए, यानी मैं विज्ञान का अध्ययन करना चाहता हूँ, और मैं भारत में शोध करना चाहता हूँ। मैं भारत को एक वैज्ञानिक महाशक्ति के रूप में सार्वजनिक रूप से बढ़ावा देना चाहता हूँ।
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:-
१) संजाल :
उत्तर:
२) ‘अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है,’ इसपर अपने विचार लिखिए ।
उत्तर : किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में भाषा का बहुत महत्व होता है। भाषा ही वह माध्यम है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने समाज में पहचाना जाता है। विभिन्न भाषाओं का ज्ञान होने से हम विभिन्न मानव समाजों की संस्कृतियों के बारे में जान सकते हैं। हम न केवल अपने देश के बारे में बल्कि दुनिया भर में कब, कहां और क्या हुआ, इस बारे में भी जानकारी रख सकते हैं। उन देशों के साहित्य के माध्यम से उनके इतिहास, धर्म, संस्कृति आदि के बारे में जाना जा सकता है। विभिन्न क्षेत्रों का उचित ज्ञान व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
पाठ के आँगन में
(१) सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
(क) निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर उनके लिए पाठ में प्रयुक्त विशेषताएँ लिखिए :
१. जूता ………………
उत्तर: काला
२. पाजामा ………………
उत्तर: ढीला
३. अचकन ………………
उत्तर: खूब फबने वाली
४. टोपी ………………
उत्तर: दुपल्ली
(ख) ‘संयुक्त परिवार’ संबंधी अपने विचार लगभग छह से आठ पंक्तियों में लिखिए ।
उत्तर: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से संयुक्त परिवार की परंपरा रही है। संयुक्त परिवार में माता-पिता, भाई-बहन के अतिरिक्त ताऊ-चाचा, उनके विवाहित पुत्र भी सम्मिलित होते हैं। इन परिवारों में व्यक्ति से अधिक महत्व परिवार को दिया जाता है। आज के बदलते सामाजिक परिवेश में संयुक्त परिवार की परंपरा टूट रही है। संयुक्त परिवार में जहाँ बच्चों का लालन-पालन और मानसिक विकास अच्छी तरह होता है, वहीं वृद्ध लोगों का जीवन भी बच्चों के साथ शांतिपूर्वक व्यतीत होता है। आज जब अधिकतर महिलाएँ कामकाजी होती हैं, तब संयुक्त परिवार का महत्त्व और बढ़ जाता है। माँ की अनुपस्थिति में बच्चे शिशुगृह में रहने के स्थान पर दादा- दादी आदि के साथ ममतापूर्ण वातावरण में रहकर अच्छे संस्कार सीख सकते हैं।