पाठ ९ – रीढ़ की हड्डी
‘रीढ़ की हड्डी’ यह एक एकांकी है। प्रस्तुत एकांकी के माध्यम से लेखक ने स्त्री के प्रति समाज की जो हीन मानसिकता है, उस पर करारा व्यंग्य किया है। नारी को स्वयं सबला होकर अपनी प्रगति करनी चाहिए। स्वयं के उद्धार के लिए उसे शिक्षित होकर सकारात्मक कदम उठाने चाहिए। प्रस्तुत एकांकी की उमा यह प्रयास करती है और घर पर उसे देखने आए लड़के को और उसके परिवार वालों को खरी-खोटी सुनाकर उनकी रूढ़िवादी मानसिकता का पर्दाफाश करती है।
उमा के घर पर उसे देखने के लिए गोपाल प्रसाद अपने बेटे शंकर के साथ आते हैं। उनके अनुसार लड़की को ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होना चाहिए। उसे सिर्फ घर का काम एवं सिलाई का काम आना चाहिए। पेटिंग, वाद्य बजाना और गाना गाना आना चाहिए। आखिर, उसे घर ही तो सँभालना है। वे उमा से तरह-तरह के प्रश्न पूछते हैं। उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों से उमा गुस्सा हो जाती है और उनके बेटे की असलियत सभी के समक्ष खोलकर रख देती है। इससे अपमानित होकर गोपाल प्रसाद अपने बेटे के साथ वहाँ से चले जाते हैं।
उमा नारी पर होने वाले अत्याचारों का विरोध करती है। उसके हृदय में स्त्री शिक्षा के प्रति सकारात्मक विचार है। वह स्वयं भी पढ़ी-लिखी है । समाज के दकियानूसी विचारों पर प्रहार कर वह समाज के सामने खुद की एक मिसाल स्थापित करती है।
तख्त – लकड़ी की बनी हुई बड़ी चौकी
तश्तरी – छोटी थाली
खँखारना – खाँसना, गला साफ करना
तकल्लुफ – शिष्टाचार
लेखनीय
आपके घर की किसी परंपरा के बारे में घर के बुजुर्गों से जानकारी प्राप्त कीजिए । वह परंपरा उचित है या अनुचित, इसपर अपना मत शब्दांकित कीजिए ।
उत्तर: हमारे घर में जिससे कुछ लाभ होता है, उसकी पूजा करने की परंपरा रही है। हम सूर्य और चंद्रमा की पूजा करते हैं। इसके अलावा वृक्षों में नीम, वट और पीपल की भी पूजा की जाती है। इन सबसे हमें कोई न कोई लाभ होता है। तुलसी के पौधे से तो लाभ ही लाभ है। इससे वातावरण शुद्ध रहता है। घर में मच्छर-मक्खी नहीं आते। इसकी पत्तियाँ और मंजरी औषधि के रूप में काम में आती हैं। इसलिए लोग तुलसी को अपने आँगन, बगीचे तथा घर के आसपास लगाते हैं। उसकी श्रद्धापूर्वक सेवा और पूजा करते हैं। इससे इस उपयोगी पौधे का संरक्षण होता है। इसलिए तुलसी की पूजा अवश्य होनी चाहिए।
संभाषणीय
‘दहेज एक अभिशाप’ विषय पर चर्चा कीजिए।
उत्तर: हमारे समाज में अनेक प्रथाएँ प्रचलित हैं, इनमें दहेज जैसी एक प्रथा भी भारत में पुराने जमाने से चली आ रही है। इस प्रथा में बेटी को उसके विवाह पर उपहारस्वरूप कुछ दिया जाता है। आज इस प्रथा ने बुराई का रूप धारण कर लिया है। दहेज का दावानल संपूर्ण पीढ़ी को निगल रहा है। गरीब परिवार के माता-पिता अपनी बेटियों का विवाह नहीं कर पाते क्योंकि उनके पास पैसे नहीं होते। सचमुच यह प्रथा सामाजिक अभिशाप है। हमारे देश में लड़कियाँ आज भी १३ वर्ष की उम्र से पहले ब्याह दी जाती हैं। जबकि अन्य लड़कियों की शादी १६ वर्ष की उम्र तक हो जाती है। इसका अर्थ यह है कि लड़की जितना पढ़ेगी, उतना ही उपयुक्त लड़का तलाशना होगा और उसके लिए ढेर सारा दहेज भी जुटाना पड़ेगा। दहेज रूपी दानव से बचने के लिए कई माता-पिता अपनी लड़की को जन्म से पहले ही मार देते हैं। जो लड़कियाँ दहेज कम लेकर आती हैं, उन्हें मारा-पीटा जाता है। यहाँ तक कि उन्हें जलाया भी जाता है। उन्हें आत्महत्या करने के लिए भी मजबूर किया जाता है। जब तक हमारे समाज में यह प्रथा रहेगी, तब तक बेटियाँ दुखी ही रहेंगी।
दहेज प्रथा से बचने के लिए लोगों की मानसिकता में बदलाव आना बेहद जरूरी है। उन्हें यह ध्यान में रखना चाहिए कि बेटी कोई वस्तु नहीं, जो दहेज से बिक जाए। इस दिशा में हमारे समाज की युवा पीढ़ी महत्त्वपूर्ण कदम उठा सकती है। सभी के हित के लिए युवा पीढ़ी को दृढ़ संकल्प के साथ इस प्रथा का विरोध करने के लिए हाथ से हाथ मिलाना होगा। एकजुट होकर इस समस्या का निदान करना होगा।
श्रवणीय
विवाह में गाए जाने वाले पारंपरिक मंगल गीत सुनिए तथा सुनाइए।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
पठनीय
पाठ में आए अंग्रेजी शब्द पढ़िए और शब्दकोश की सहायता से उनका हिंदी में अनुवाद कीजिए ।
उत्तर:
(१) कॉलेज – महाविद्यालय
(२) सोसायटी – समाज
(३) बी. एस्सी. – विज्ञान स्नातक
(४) कोर्स – पाठ्यक्रम
(५) वीक एंड – सप्ताहांत
(६) मार्जिन – गुंजाइश
(७) बिजनेस – व्यापार
(८) बैकबोन – रीढ़ की हड्डी
(९) टैक्स – कर
(१०) पेंटिंग – चित्रकारी
(११) होस्टल – छात्रावास
(१२) मैट्रिक – मैट्रिक
स्वाध्याय
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए –
(१) संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर:
(२) कृति पूर्ण कीजिए :
१.
उत्तर:
२.
उत्तर:
(३) गोपाल प्रसाद की दृष्टि में बहू ऐसी हो :
उत्तर:
(४) कारण लिखिए :
१. बाप-बेटे चौंक उठे –
उत्तर: पिछले महीने उमा की आँखें दुखने लगी थीं।
२. उमा को चश्मा लगा –
उत्तर: पिछले महीने उमा की आँखें दुखने लगी थीं।
३. रामस्वरूप ने हारमोनियम उठाकर लाने को कहा –
उत्तर: रामस्वरूप, गोपाल प्रसाद और शंकर को दिखाना चाहते थे कि उनकी लड़की हारमोनियम बजाना जानती है।
४. उमा को गुस्सा आया –
उत्तर: गोपाल प्रसाद उमा के चश्मे, उसके गाने-बजाने, पेंटिंग, सिलाई और उसकी पढ़ाई आदि के बारे में एक के बाद एक प्रश्न करते जा रहे थे।
(५) सूचनानुसार लिखिए :
१. कृदंत बनाइए :
पढ़ना
उत्तर: पढ़ाकू
सीना
उत्तर: सीनेवाला
समझना
उत्तर: समझदार
चाहना
उत्तर: चाहत
२. शब्दयुग्म पूर्ण कीजिए :
पढ़े –
उत्तर: लिखे
सभा –
उत्तर: सोसायटी
पेंटिंग –
उत्तर: वेटिंग
सीधा –
उत्तर: सादा
अभिव्यक्ति
सुनी-पढ़ी अंधविश्वास की किसी घटना में निहित आधारहीनता और अवैज्ञानिकता का विश्लेषण करके लिखिए ।
उत्तर: मेरी दादी बड़ी अंधविश्वासी हैं। उनका मानना था कि कोई घर से बाहर जा रहा हो और किसी को छींक आ जाए तो जाने वाले का काम पूरा नहीं होगा। किसी के बाहर जाते समय कोई छींक दे तो दादी बाहर जाने वाले को रोक देती थीं। घर के सभी लोग उनकी इस आदत से परेशान थे। एक बार मेरे भाई को इंटरव्यू के लिए बाहर जाना था। यह इंटरव्यू हमारे जिले के सर्वश्रेष्ठ स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के पद के लिए था। भाई काफी दिनों से इसके लिए तैयारी और प्रतीक्षा कर रहे थे। मुझे बहुत खाँसी-जुकाम हो रहा था। जैसे ही भाई ने बैग उठाकर चलना चाहा, मुझे जोर-जोर से छींकें आने लगीं। दादी ने भाई को जाने नहीं दिया और उनका वह महत्त्वपूर्ण इंटरव्यू छूट गया। घर के सभी लोग इस घटना से बहुत दुखी हुए। मैंने दादी को समझाया कि छींक एक स्वाभाविक क्रिया है। जुकाम होने पर नाक में एक प्रकार की सरसराहट होती है। नाक में मौजूद नर्व सेल इसका संकेत मस्तिष्क को भेजते हैं। मस्तिष्क इसकी प्रतिक्रिया में चेहरे, गले और छाती की मांसपेशियों को सक्रिय कर देता है, जिसके फलस्वरूप ये सब मिलकर तेज हवा निकालकर बाहरी कणों को बाहर फेंक देते हैं। यही क्रिया छींक है। दादी के मन में भी भाई के इंटरव्यू को लेकर अफसोस था। उन्होंने मेरी बात समझी और धीरे-धीरे अपनी इस आदत को छोड़ दिया।
भाषा बिंदु
(१) निम्नलिखित वाक्यों में आए हुए अव्ययों को रेखांकित कीजिए और उनके भेद दिए गए स्थान पर लिखिए :
उत्तर:
(२) पाठ में प्रयुक्त अव्यय छाँटिए और उनसे वाक्य बनाकर लिखिए :
क्रियाविशेषण अव्यय
१. धीरे-धीरे
वाक्य – मुन्ना धीरे-धीरे चलने लगा।
२. ज्यादा
वाक्य – बीमारी से अभी उठे हो, ज्यादा मत खाओ।
संबंधसूचक अव्यय
१. के पास
वाक्य – हमारे स्कूल के पास नदी बहती है।
२. के साथ
वाक्य – टॉमी गाड़ी के साथ दौड़ रहा है।
समुच्चयबोधक अव्यय
१. कि
वाक्य – गांधी जी ने कहा था कि गाय करुणा की कविता है।
२. और
वाक्य – दुर्योधन और कर्ण की मित्रता अनमोल थी।
विस्मयादिबोधक अव्यय
१. ओह!
वाक्य – ओह! कितनी गरमी है।
२. हँ हँ हँ!
वाक्य – हँ हँ हँ ! आइए, विराजिए ।
(३) नीचे आकृति में दिए हुए अव्ययों के भेद पहचानकर उनका अर्थपूर्णस्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
उत्तर:
(१) हाय! – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य : हाय! कितनी भयानक रेल दुर्घटना थी।
(२) काश! – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य : काश! समय पर दवा मिल जाती, तो रोगी बच जाता।
(३) प्रायः – क्रियाविशेषण अव्यय
वाक्य : प्रयाग प्रायः स्कूल में अनुपस्थित रहता है।
(४) बाद – क्रियाविशेषण अव्यय
वाक्य : स्कूल से आने के बाद थोड़ा आराम करके पढ़ने बैठो।
(५) और – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य : शुभम और हर्षित भाई हैं।
(६) बल्कि – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य : आपको निबंध केवल पढ़ना ही नहीं है, बल्कि उसकी समीक्षा भी करनी है।
(७) के पास – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य : हमारे घर के पास एक मंदिर है।
(८) यदि… तो – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य : यदि इसी तरह समय बरबाद करते रहे, तो पास नहीं हो पाओगे।
(८) इसलिए – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य : मेहमान आने वाले हैं इसलिए जल्दी से खाना बना लो।
(१०) वाह ! – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य : वाह ! कितना सुंदर दृश्य है।
(११) की तरफ – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य : नदी की तरफ जाओ।
(१२) के अलावा – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य : यहाँ मेरे और भगवान के अलावा कोई नहीं है।
(१३) कारण – क्रियाविशेषण अव्यय
वाक्य : महिम, किस कारण तुम दस दिन तक स्कूल नहीं आए ?
(१४) के लिए – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य : अंशु ने मनीषा के लिए फ्रॉक खरीदा।
(१५) अच्छा – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य : अच्छा! स्तुति भी नृत्य में भाग लेगी।
(१६) क्योंकि – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य : अनुज कल स्कूल नहीं आया था, क्योंकि बीमार था।
(१७) नहीं… तो – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य : खेल-कूद छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान दो, नहीं तो फेल हो जाओगे ।
उपयोजित लेखन
अपने परिसर में विद्यार्थियों के लिए ‘योगसाधना शिविर’ का आयोजन करने हेतु आयोजक के नाते विज्ञापन तैयार कीजिए ।
उत्तर: