पाठ ५ – ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
‘ईमानदारी की प्रतिमूर्ति’ इस पाठ के लेखक सुनील शास्त्री हैं। वे स्वयं लालबहादुर शास्त्री जी के बेटे हैं। उन्होंने प्रस्तुत पाठ में अपने पिता जी की यादों को ताजा किया है। उनके पिता जी आदर्शवादी व गांधीवादी थे। वे गांधी जी के सिद्धांतों का पालन करते थे। ‘सादा जीवन उच्च विचार’ यही उनके जीवन का वचन था। प्रधानमंत्री बनने के बावजूद भी उन्होंने अपनी सादगी एवं ईमानदारी को जीवित रखा। वे स्वभाव से नम्र थे। उनके व्यक्तित्व में आकर्षकता थी। वे सामने वाले पर अपने विचारों का प्रभाव निर्माण करते थे। उन्होंने अपने दोनों बेटे अनिल व सुनील को अच्छे संस्कार दिए। वे बहुत ही संवेदनशील थे। दूसरों की मजबूरी उनसे देखी नहीं जाती थी। इसलिए वे अपनी पत्नी से गहने माँगते हैं; ताकि गरीब लोगों के घर में चूल्हा जल सके। लेखक ने इस पाठ में अपने पिता के साथ बिताए हुए पलों को हसीन कहा है क्योंकि उनके पिता ने उनके व्यक्तित्व को सजाया-सँवारा है। अपने बच्चों से नादानी होने पर वे स्वयं इंपाला गाड़ी के पेट्रोल का किराया देने के लिए तैयार होते हैं। वे खादी के कपड़े फटने के बाद भी पहनते हैं। इन छोटे-छोटे प्रसंगों के द्वारा लेखक ने पाठकों के सामने अपने पिता जी में निहित मानवीय गुणों के दर्शन करवाए हैं।
हिदायत – सूचना, निर्देश
दस्तक – दरवाजे पर आवाज करने की क्रिया
इजाजत – आज्ञा, स्वीकृति
बेतरतीब – अस्त-व्यस्त, बिखरा हुआ
किफायत – मितव्ययता
मुहावरे
फूट-फूटकर रोना – जोर-जोर से रोना
वाक्य : अध्यापक द्वारा डांट फटकार करने से कुछ छात्र फूट-फूट कर रोने लगे।
देखते रह जाना – आश्चर्यचकित होना
वाक्य : स्टेशन से बाहर निकलते ही पॉकेट मार महिला के हाथ से बैग छीन कर भाग निकला और महिला देखती रह गई।
लेखनीय
आज के उपभोक्तावादी युग में पनप रही दिखावे की संस्कृति पर अपने विचार लिखिए ।
उत्तर: आज के उपभोक्तावादी युग में दिखावे की बढ़ती संस्कृति सामाजिक मूल्यों में एक चिंताजनक बदलाव को दर्शाती है, जिसमें वास्तविक अनुभवों और सार्थक संबंधों पर भौतिक संपत्ति और बाहरी मान्यता पर जोर दिया जाता है। यह एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देता है जहां स्टेटस सिंबल की खोज व्यक्तिगत विकास और प्रामाणिक पूर्ति पर हावी हो जाती है। विशिष्ट उपभोग पर यह जोर अक्सर तुलना और असुरक्षा के चक्र की ओर ले जाता है, अपर्याप्तता की भावना पैदा करता है और अधिक के लिए एक अस्थिर इच्छा को कायम रखता है। यह ऋण और अधिक खर्च करने की संस्कृति को भी बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्तियों को दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और कल्याण पर अल्पकालिक संतुष्टि को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस प्रवृत्ति से निपटने के लिए वास्तविक मानवीय संबंधों, आंतरिक संतुष्टि और टिकाऊ जीवन को प्राथमिकता देने की दिशा में एक सामूहिक बदलाव की आवश्यकता है, एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना जहां प्रामाणिकता और सार को धन के सतही प्रदर्शन पर प्राथमिकता दी जाती है।
पठनीय
पुलिस द्वारा नागरी सुरक्षा के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी पढ़िए एवं उनकी सूची बनाइए।
उत्तर: पुलिस द्वारा नागरिक सुरक्षा के लिए जाने वाले कार्य की सूची:-
(१) प्राकृतिक आपदाओं और अन्य आपात स्थितियों में सहायता करना।
(२) स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए सुरक्षा और सुरक्षा प्रदान करना ।
(३) खुफिया जानकारी जुटाने और संदिग्धों को पकड़ने के लिए अंडरकवर ऑपरेशन चला रहे हैं।
(४) अपराध के पीड़ितों को सहायता और सहायता प्रदान करना ।
(५) आस-पड़ोस में गश्त करना और सेवा के लिए कॉल का जवाब देना ।
(६) अपराधों की जांच और गिरफ्तारी करना ।
(७) यातायात कानूनों को लागू करना और वाहनों और पैदल चलने वालों के प्रवाह को विनियमित करना।
(८) प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना।
(९) सरकारी अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों की रक्षा करना।
(१०) भीड़ को प्रबंधित करना और विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करना।
(११) वारंट तामील करना और अदालतों से आदेश निष्पादित करना।
(१२) अपराध की रोकथाम और सार्वजनिक सुरक्षा पर समुदाय को शिक्षा और संसाधन प्रदान करना।
(१३) क्षेत्रीय या राष्ट्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिए अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों और संगठनों के साथ सहयोग करना ।
(१४) सार्वजनिक कार्यक्रमों में व्यवस्था बनाए रखना और उपस्थित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना ।
(१५) परिवहन प्रणाली और सरकारी भवनों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए सुरक्षा प्रदान करना ।
(१६) प्राकृतिक आपदाओं और अन्य आपात स्थितियों में सहायता करना।
(१७) स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए सुरक्षा और सुरक्षा प्रदान करना।
(१८) खुफिया जानकारी जुटाने और संदिग्धों को पकड़ने के लिए अंडरकवर ऑपरेशन चला रहे हैं।
(१९) अपराध के पीड़ितों को सहायता और सहायता प्रदान करना।
(२०) संचार और सहयोग की सुविधा के लिए सामुदायिक पुलिस पहल में भाग लेना और समुदाय के सदस्यों के साथ संबंध बनाना ।
संभाषणीय
अनुशासन जीवन का एक अंग है, इसके विभिन्न रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलते हैं, बताइए ।
उत्तर: छात्रों के लिए, अनुशासन उनके शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें अध्ययन कार्यक्रम का प्रबंधन करना, समय सीमा का पालन करना और विकर्षणों के बीच फोकस बनाए रखना शामिल है। शैक्षणिक अनुशासन के लिए निरंतर प्रयास, प्रभावी समय प्रबंधन और निरंतर सीखने की प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। इसमें आलोचनात्मक सोच कौशल, शैक्षणिक अखंडता और आत्म-सुधार के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण की खेती भी शामिल है। इसके अलावा, छात्र जीवन में अनुशासन पाठ्येतर गतिविधियों को संतुलित करने, एक सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने तक फैला हुआ है जिसमें शारीरिक फिटनेस, रचनात्मक गतिविधियाँ और सामाजिक जुड़ाव शामिल हैं। संक्षेप में, एक छात्र के रूप में अनुशासन विकसित करना एक सफल शैक्षणिक यात्रा की नींव रखता है और भविष्य के प्रयासों के लिए आवश्यक मूल्यवान जीवन कौशल के विकास को बढ़ावा देता है।
स्वाध्याय
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
(१) संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर:
(२) परिणाम लिखिए :
१. सुबह साढ़े पाँच-पौने छह बजे दरवाजा खटखटाने का –
उत्तर: जिसका दरवाजा खटखटाया जा रहा है उस व्यक्ति की नींद खराब होगी और उसे गुस्सा भी आ सकता है।
२. साठ पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसे जमा करवाने का
उत्तर: अब लेखक सरकारी गाड़ी का दुरूपयोग नहीं करेगा।
(३) पाठ में प्रयुक्त गहनों के नाम :
उत्तर:
(४) वर्ण पहेली से विलोम शब्दों की जोड़ियाँ ढूँढ़कर लिखिए :
उत्तर:
(i) प्रसन्न × अप्रसन्न
(ii) सदुपयोग × दुरूपयोग
(iii) भला × बुरा
(iv) सुख × दुख
(५) ‘पर जो असल गहना है वह तो है’ इस वाक्य से अभिप्रेत भाव लिखिए ।
उत्तर: लालबहादुर शास्त्री जी की पत्नी के इस कथन से पता चलता है कि उनके लिए अपने जीवन में असली गहना स्वयं लालबहादुर शास्त्री हैं। पत्नी के लिए अपने जीवन में पति से बढ़कर दूसरा कोई अनमोल गहना नहीं होता है। पति के आगे सभी जेवरात तुच्छ होते हैं।
(६) कुरते के प्रसंग से शास्त्री जी के इन गुणों (स्वभाव) का पता चलता है :
उत्तर:
१. शास्त्री जी किफायती स्वभाव के थे।
२. वे मेहनत और पैसों का मोल जानते थे।
(७) पाठ में प्रयुक्त परिमाणों की सूची तैयार कीजिए :
उत्तर:
१. पाँच ग्राम सोना
२. एक-एक सूत
(८) ‘पर’ शब्द के दो अर्थ लिखकर उनका स्वतंत्र वाक्य में प्रयोग कीजिए ।
उत्तर:
१. पर : पंख
वाक्य : पक्षी के दो पर होते हैं।
२. पर : परंतु
वाक्य : मैं तुम्हारे घर आने वाला था पर कुछ कारणवश नहीं आ सका।
अभिव्यक्ति
‘सादा जीवन, उच्च विचार’ विषय पर अपने विचार लिखिए ।
उत्तर: व्यक्ति का जीवन बहुत ही सादा होना चाहिए पर उसके विचार उच्च होने चाहिए। गांधी जी का जीवन बहुत ही सादा था। वे सिर्फ धोती पहनते थे ताकि देश के करोड़ों लोगों को तन ढकने के लिए कपड़ा मिले। लेकिन गांधी जी के विचार आदर्शवादी थे। उनके विचारों का प्रभाव जनता पर पड़ा था। इस प्रकार व्यक्ति का जीवन सादा ही होना चाहिए और उसे अपने विचारों से लोगों के मन-मस्तिष्क पर छाप छोड़नी चाहिए। शास्त्री जी का जीवन भी बहुत ही सादा था। सादगी से उन्हें बेहद लगाव था। आखिर वे गांधीजी के अनुयायी थे। देश के महापुरुष स्वामी विवेकानंद के जीवन से सभी परिचित हैं। उनका जीवन भी सादा था पर अपने विचारों से उन्होंने अमेरिका के विद्वानों को भी दाँतों तले ऊँगलियाँ दबाने के लिए मजबूर कर दिया था। जो व्यक्ति अपने जीवन में ‘सादा जीवन उच्च विचार’ का पालन करता है; वह सफलता की मंजिल पर पहुँच जाता है। वह स्वयं प्रतिकूल परिस्थिति में रहकर दूसरों के लिए आनंद के उपवन का निर्माण करता है।
भाषा बिंदु
(१) निम्न वाक्यों में अधोरेखांकित शब्द समूह के लिए कोष्ठक में दिए गए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए :
[प्रत्येक वाक्य में कम-से-कम दो अशुद्धियाँ हैं]
१. करामत अली गाय अपनी घर लाई ।
उत्तर: करामत अली गाय अपने घर लाया।
२. उसने गाय की पीठ पर डंडे बरसाने नहीं चाहिए थी ।
उत्तर: उसे गाय की पीठ पर डंडे बरसाना नहीं चाहिए था।
३. करामत अली ने रमजानी पर गाय के देखभाल का जिम्मेदारी सौंपी ।
उत्तर: करामत अली ने रमजानी पर गाय की जिम्मेदारी सौंपी
४. आचार्य अपनी शिष्यों को मिलना चाहते थे ।
उत्तर: आचार्य अपने शिष्यों से मिलना चाहते थे।
५. घर में तख्ते के रखे जाने का आवाज आता है ।
उत्तर: घर में तख्ते रखने की आवाज आती है।
६. लड़के के तरफ मुखातिब होकर रामस्वरूप ने कोई कहना चाहा ।
उत्तर: लड़के की तरफ मुखातिब होकर रामस्वरूप ने कुछ कहना चाहा।
७. सिरचन को कोई लड़का-बाला नहीं थे ।
उत्तर: सिरचन कोई लडके- बच्चे नहीं थे।
८. लक्ष्मी की एक झूब्बेदार पूँछ था ।
उत्तर: लक्ष्मी की पूँछ झूब्बेदार थी।
९. कन्हैयालाल मिश्र जी बिड़ला के पुस्तक को पढ़ने लगे ।
उत्तर: कन्हैयालाल मिश्र जी बिड़ला की पुस्तक पढ़ने लगे।
१०. डॉ. महादेव साहा ने बाजार से नए पुस्तक को खरीदा ।
उत्तर: डॉ. महादेव साह ने बाजार से नई पुस्तक खरीदी।
११. लेखक गोवा को गए उनकी साथ साढ़ू साहब भी थे ।
उत्तर: लेखक गोवा गए और उनके साथ साढू साहब भी थे।
१२. टिळक जी ने एक सज्जन के साथ की हुई व्यवहार बराबर थी ।
उत्तर: तिलक जी द्वारा एक सज्जन के साथ हुआ व्यवहार बराबर था।
१३. रंगीन फूल की माला बहोत सुंदर लग रही थी ।
उत्तर: रंगीन फूलों की माला बहुत सुंदर लग रही थी।
१४. बूढ़े लोग लड़के और कुछ स्त्रियाँ कुएँ पर पानी भर रहे थे ।
उत्तर: बूढ़े, लड़के और कुछ स्त्रियाँ कुएँ से पानी निकाल रहे थे।
१५. लड़का, पिता जी और माँ बाजार को गई ।
उत्तर: लड़का, पिता जी और माता जी के साथ बाज़ार गया।
१६. बरसों बाद पंडित जी को मित्र का दर्शन हुआ ।
उत्तर: बरसों बाद पंडित जी को मित्र के दर्शन हुए।
१७. गोवा के बीच पर घूमने में बड़ी मजा आई ।
उत्तर: गोवा बीच पर घूमने में बड़ा मजा आया।
१८. सामने शेर देखकर यात्री का प्राण मानो मुरझा गया ।
उत्तर: सामने शेर देखकर यात्री के प्राण मानो मुरझा गए।
१९. करामत अली के आँखों में आँसू उतर आई ।
उत्तर: करामत अली की आँखों में आँसू आए ।
२०. मैं मेरे देश को प्रेम करता हूँ ।
उत्तर: मैं अपने देश से प्रेम करता हूँ ।
उपयोजित लेखन
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लिखिए । उसे उचित शीर्षक दीजिए ।
गाँव में लड़कियाँ – सभी पढ़ने में होशियार – गाँव में पानी का अभाव – लड़कियों का घर के कामों में सहायता करना – बहुत दूर से पानी लाना – पढ़ाई के लिए कम समय मिलना – लड़कियों का समस्या पर चर्चा करना – समस्या सुलझाने का उपाय खोजना – गाँववालाें की सहायता से प्रयोग करना – सफलता पाना – शीर्षक ।
उत्तर:
होशियार लड़कियाँ
चंद्रपुर नाम का एक छोटा-सा गाँव था। गाँव में रहने वाले सभी लोग बहुत ही सीधे-सादे थे। वे दिनभर अपने-अपने खेतों में काम करते और शाम को घर आकर खाना-पीना खाकर आराम करते। उन सभी की लड़कियाँ स्कूल जाती थीं। आश्चर्य की बात यह थी कि सभी लड़कियाँ पढ़ने में बहुत ही होशियार थीं सारी की सारी लड़कियाँ समझदार भी थीं। पढ़ाई के अलावा ये सारी लड़कियाँ अपने-अपने घर का सारा काम भी करती थीं। वे खाना बनाने में माहिर थीं।
एक दिन उस गाँव पर संकट आया गाँव में एक तालाब था। किसी कारणवश उस तालाब का सारा पानी सूख गया। इस कारण गाँव में पानी का अभाव निर्माण हुआ। लड़कियों को अब दूसरे गाँव में पैदल जाकर पानी लाना पड़ता था। इस कारण उन्हें पढ़ाई करने के लिए कम समय मिलता था।
एक दिन गाँव की सारी लड़कियाँ इस समस्या का उपाय ढूँढ़ने के लिए एकत्रित हुई। उन्होंने आपस में चर्चा करके समस्या का उपाय ढूँढ़ निकाला। उन्होंने अपने माता-पिता को समझाया कि यदि हम सब मिलकर गाँव में कुआँ खुदवाएँ तो हम सबकी समस्या का निराकरण हो सकता है। सभी को अपनी-अपनी लड़कियों की बात सही लगी। सबने मिलकर गाँव में कुआँ खुदवाने का कार्य शुरू कर दिया। कुआँ चालीस फुट खोदा गया था और गाँव वाले उसे और गहराई तक खोदना चाहते थे पर यह क्या! कुएँ में से झरने पानी के रूप में रिसने लगे। सभी गाँव वाले प्रसन्न हो गए और उन्होंने गाँव की सारी लड़कियों की तारीफ की।
सीख : कहानी से यह सीख मिलती है कि समस्या आने पर उसे सुलझाने के लिए उपाय ढूँढ़ने चाहिए। व्यक्ति को समस्या आने पर आलसी नहीं होना चाहिए।