पाठ २ - लक्ष्मी
प्रस्तुत कहानी की प्रमुख पात्र लक्ष्मी (गाय) है। हमारी संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है और उसको पूजा होती है। ज्ञान सिंह और करामत अली गहरे दोस्त थे। वे दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। ज्ञान सिंह को नौकरी से अवकाश पाने के बाद कंपनी का घर छोड़ना पड़ा।। अतः वह अपनी गाय लक्ष्मी को अपने मित्र करामत अली को सौंप देते है और उसका पालन-पोषण करने के लिए कहते हैं। करामत अली भी गाय का ठीक से भरण-पोषण करने की जिम्मेदारी लेता है। एक वर्ष तक करामत अली के घर में दूध देने का कार्य लक्ष्मी ने किया। बूढ़ी हो जाने के कारण वह दूध देने में असमर्थ हो जाती है, इसलिए करामत अली का बेटा रहमान उसे बेरहमी से पीटता है। यह बात करामत अली को अच्छी नहीं लगती। उसकी बीबी भी उसे बार-बार गाय को बेच देने की बात करती रहती है। वे उस अनुपयोगी गाय को मुफ्त का चारा-पानी देने में असमर्थ थे। रहमान गाय को एक व्यक्ति को बेचना चाहता है करामत अली उस व्यक्ति को पहचान लेता है और गाय को बेचने से मना कर देता है। करामत अली जानता था कि वह आदमी गाय को ले जाकर कसाईखाने में बेच देगा। करामत अली अपने मित्र को दिए वचन से मुकरना नहीं चाहता। वह निर्णय ले लेता है कि भले ही वह सिर्फ एक वक्त का ही खाना खाएगा, लेकिन गाय को खाना जरूर खिलाएगा। अंत में वह गाय को गोशाला में ले जाने का निर्णय लेता है; क्योंकि वह जानता है कि लक्ष्मी वहाँ पर ठीक से रहेगी। उसका यह निर्णय उसे मानवता की चोटी पर आसीन करता है।
शब्दार्थ
बथान – पालतू गाय-बैल के रहने का स्थान
मवेशी – कृषिकार्य में उपयुक्त तथा दुधारू पशु
दर्रा – अनाज के अंश
हौका – दीर्घ नि:श्वास
पुआल – धान के सूखे डंठल, जिनमें से दाने निकाल दिए गए हों
खली – तेल निकल जाने के बाद तिलहन का बचा हुआ हिस्सा जो मवेशी खाते हैं।
काँजी हाउस – सरकारी मवेशीखाना (जिसमें लावारिस पशु बंद करके रखे जाते हैं।)
मुहावरा
मुँह मारना – जल्दी-जल्दी खाना
वाक्य : पेटुराम ने अपनी भूख मिटाने के लिए इधर-उधर मुँह मारना शुरू कर दिया।
गला भर आना – भाव विह्वल होना, आवाज भर आना
वाक्य : संगीता का दुख सुन कर हर किसी का गला भर आया।
कोरा जबाब देना – साफ मना करना
वाक्य : मैंने मेरी सहेली रूपा से उसकी गणित की कॉपी मांगने पर उसने मुझे कोरा जवाब दे दिया।
तैश में आना – आवेश में आना
वाक्य : जब समीर के मालिक ने उसे बुरा-भला कहा तो तैश में आकर उसने नौकरी छोड़ दिया।
परिच्छेद पर आधारित कृतियाँ :
परिच्छेद :
‘ज्ञान सिंह को मवेशी …….. स्वीकार करोगे ……..?’
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
(१) संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर:
(२) उत्तर लिखिए :
१. ______ ज्ञान सिंह की समस्याएँ ______
उत्तर:
गाय को अपने साथ नहीं ले जा सकता था।
गाय को किसी भी हालत में नहीं बेच सकता ।
२. ______ ज्ञान सिंह के दूध बेचने का उद्देश्य ______
उत्तर:
गाय के लिए चारा और दर्रा खरीदना।
कुछ पैसे जुटाना।
(३) चौखट में दी सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
उत्तर:
पर्यायवाची : नौकर
वचन परिवर्तनः सेवक
लिंग परिवर्तन : सेविका
विलोम : स्वामी
(४) पालतू जानवरों के साथ किए जाने वाले सौहार्दपूर्ण व्यवहार के बारे में अपने विचार लिखिए ।
उत्तर: जानवरों का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्त्व है। इसलिए प्राचीन काल से पशु मनुष्य के साथी रहे हैं। गाय, बैल, भैंस, कुत्ता, घोड़ा आदि जानवर हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं। पालतू पशु मनुष्य के परिवार के सदस्य जैसे होते हैं। हमें उन्हें प्रेम से पालना चाहिए। हमें उनके प्रति सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखना चाहिए। उन्हें उचित समय पर अच्छी खुराक देनी चाहिए। उनकी साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। पशु मूक प्राणी होते हैं। वे अपना दुख-दर्द बता नहीं सकते। इसलिए मनुष्य को उनके भोजन के साथ-साथ उनकी भावनाओं को भी समझना जरूरी है। ये जानवर हमारे प्रति भी सद्व्यवहार और स्नेह रखते हैं। उनकी अच्छी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है।
श्रवणीय
‘पर्यावरण चक्र को बनाए रखने में प्राणियों की भूमिका’ के बारे में यू ट्यूब/रेडियो/दूरदर्शन से जानकारी सुनिए ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
पठनीय
भारत सरकार द्वारा ‘पशु संरक्षण’ पर चलाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी पढ़िए और घोषवाक्य बनाकर प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
संभाषणीय
‘विलुप्त हो रहे जानवरों’ पर संक्षेप में अपने विचार व्यक्त कीजिए ।
उत्तर: विलुप्त जानवर जैव विविधता की अपूरणीय क्षति का प्रतीक हैं। उनका गायब होना पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करता है और विलुप्त होने के पीछे मानव-संचालित कारकों को उजागर करता है। पर्यावास विनाश, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक दोहन और आक्रामक प्रजातियाँ उनके विनाश में योगदान करती हैं। जैव विविधता की रक्षा के लिए आवास संरक्षण, पुनर्स्थापन, बंदी प्रजनन और टिकाऊ प्रथाओं की आवश्यकता होती है। विलुप्त जानवरों को समझना ग्रह के प्रबंधकों के रूप में हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है, जो जीवन की परस्पर संबद्धता और संरक्षण की तत्काल आवश्यकता पर जोर देता है। प्रजातियों के अस्तित्व, हमारी भलाई और ग्रह की स्थिरता के लिए जैव विविधता का संरक्षण महत्वपूर्ण है।
लेखनीय
‘पेटा’ (PETA) संस्था के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए और इसके प्रमुख मुद्दे विद्यालय के भित्ति फलक पर लिखिए ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
स्वाध्याय
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए –
(१) संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर:
(२) उचित घटनाक्रम लगाकर वाक्य फिर से लिखिए :
१. उसके गले में रस्सी थी ।
उत्तर: उसने तुम्हें बड़ी बेदर्दी से पीटा है।
२. रहमान बड़ा मूर्खहै ।
उत्तर: रहमान बड़ा मूर्ख है।
३. वह लक्ष्मी को सड़क पर ले आया ।
उत्तर: उसके गले में रस्सी थी।
४. उसने तुम्हें बड़ी बेदर्दी से पीटा है ।
उत्तर: वह लक्ष्मी को सड़क पर ले आया।
(३) उत्तर लिखिए :
उत्तर:
(४) गलत वाक्य, सही करके लिखिए :
१. करामत अली पिछले चार सालों से गाय की सेवा करता चला आ रहा था ।
उत्तर: करामत अली पिछले एक साल से गाय की सेवा करता चला आ रहा था।
२. करामत अली को लक्ष्मी की पीठ पर रोगन लगाने के बाद इत्मीनान हुआ ।
उत्तर: करामत अली को लक्ष्मी की पीठ पर रोगन लगाने के बाद भी इत्मीनान नहीं हुआ।
(५) निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर वर्णन कीजिए :
उत्तर:
(६) कारण लिखिए :
१. करामत अली लक्ष्मी के लिए सानी तैयार करने लगा।
उत्तर: सुबह से रमजानी या रहमान किसी ने भी लक्ष्मी को चारा, दर्रा कुछ भी नहीं दिया था। लक्ष्मी बहुत भूखी थी।
२. रमजानी ने करामत अली को रोगन दिया।
उत्तर: करामत के बेटे ने बड़ी ही बेरहमी से लक्ष्मी को पीटा था जिस कारण उसकी पीठ पर घाव हो गए थे।
३. रहमान ने लक्ष्मी को इलाके से बाहर छाेड़ दिया।
उत्तर: रहमान ने सोचा कि लक्ष्मी नाले के पास उगी दूब खाकर पेट भर लेगी।
४. करामत अली ने लक्ष्मी को गऊशाला में भरती किया।
उत्तर: पैसे की तंगी के कारण करामत अली लक्ष्मी के दाने-चारे का प्रबंध नहीं कर पा रहा था। वह लक्ष्मी को भूखों मरता नहीं देख सकता था।