समय - ६० मिनट
अंक - २०
१. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
२. प्रश्न पत्र को ध्यान से पढ़ें ।
३. प्रत्येक प्रश्न के सामने अंक लिखे गये हैं ।
प्र १. निम्नलिखित कविता पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें :
लक्ष्मी शांत खड़ी अपने जख्मों पर तेल लगवाती रही । वह करामत अली के मित्र ज्ञान सिंह की निशानी थी । ज्ञान सिंह और करामत अली एक-दूसरे के पड़ोसी तो थे ही, वे कारखाने में भी एक ही विभाग में काम करते थे । प्रायः एक साथ ड्यूटी पर जाते और एक साथ ही घर लौटते।
ज्ञान सिंह को मवेशी पालने का बहुत शौक था । प्रायः उसके घर के दरवाजे पर भैंस या गाय बँधी रहती। तीन बरस पहले उसने एक जर्सी गाय खरीदी थी । उसका नाम उसने लक्ष्मी रखा था । अधेड़ उम्र की लक्ष्मी इतना दूध दे देती थी कि उससे घर की जरूरत पूरी हो जाने के बाद बाकी दूध गली के कुछ घरों में चला जाता। दूध बेचना ज्ञान सिंह का धंधा नहीं था। केवल गाय को चारा और दर्रा आदि देने के लिए कुछ पैसे जुटा लेता था ।
नौकरी से अवकाश के बाद ज्ञान सिंह को कंपनी का वह मकान खाली करना था । समस्या थी तो लक्ष्मी की । वह लक्ष्मी को किसी भी हालत में बेच नहीं सकता था । उसे अपने साथ ले जाना भी संभव नहीं था । जब
अवकाश में दस-पंद्रह दिन ही रह गए तो करामत अली से कहा-‘‘मियाँ ! अगर लक्ष्मी को तुम्हें सौंप दूॅं तो क्या तुम उसे स्वीकार करोगे…?’’
मियाँ करामत अली ने कहा था-‘‘नेकी और पूछ-पूछ । भला इससे बड़ी खुशनसीबी मेरे लिए और क्या हो सकती है ?’’
करामत अली पिछले एक वर्ष से उस गाय की सेवा करता चला आ रहा था । गाय की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी।
करामत अली को लक्ष्मी की पीठ पर रोगन लगाने के बाद भी इत्मीनान नहीं हुआ । वह उसके सिर पर हाथ फेरता रहा । लक्ष्मी स्थिर खड़ी उसकी ओर जिज्ञासापूर्ण दृष्टि से देखती रही । करामत अली को लगा जैसे लक्ष्मी कहना चाहती हो- ‘‘यदि मैं तुम्हारे काम की नहीं हूँ तो मुझे आजाद कर दो। मैं यह घर छोड़कर कहीं चली जाऊँगी ।’’
करामत अली ड्यूटी पर जाने की तैयारी में था । तभी रमजानी बोली-‘‘रहमान के अब्बा, अगर लक्ष्मी दूध नहीं देगी तो हम इसका क्या करेंगे ? क्या खूँटे से बाँधकर हम इसे खिलाते-पिलाते रहेंगे…?’’
‘‘जानवर है । बँधा है तो इसे खिलाना-पिलाना तो पड़ेगा ही।’’
‘‘जानते हो, इस महँगाई के जमाने में सिर्फ सादा चारा देने में ही तीन-साढ़े तीन सौ महीने का खर्चा है ।’’
‘‘सो तो है ।’’ कहते हुए करामत अली आगे कुछ नहीं बोला । घर से निकलकर कारखाने की तरफ हो लिया । रास्ते में वह रमजानी की बात पर विचार कर रहा था, लक्ष्मी अगर दूध नहीं देगी तो इसका क्या करेंगे। यह ख्याल तो उसके मन में आया ही नहीं था कि एक समय ऐसा भी आ सकता है कि गाय को घर के सामने खूँटे सें बाँधकर मुफ्त में खिलाना भी पड़ सकता है ।
उसके साथी नईम ने उसे कुछ परेशान देखा तो पूछा-‘‘करामत मियाँ, क्या बात है, बड़े परेशान नजर आते हो ? खैरियत तो है?’’
‘‘ऐसी कोई विशेष बात नहीं है ।’’
‘‘कुछ तो होगा ।’’
‘‘ क्या बताऊँ । गाय ने दूध देना बंद कर दिया है, बूढ़ी हो गई है। बैठाकर खिलाना पड़ेगा और इस जमाने में गाय-भैंस पालने का खर्चा…।’’
‘‘इसमें परेशान होने की क्या जरूरत है ? गाय बेच दो ।’’
करामत अली ने हौका भरते हुए कहा, ‘‘हाँ, परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है । बहुत आसान तरीका है । लक्ष्मी को बेच दिया जाए।’’ वह नईम के पास से हटकर अपने काम में जुट गया ।
१. करामत अली रामजानी की बात पर विचार क्यों कर रहा था? (१ अंक)
२. करामत अली क्यों परेशान दिखाई दे रहा था? (१ अंक)
३. गद्यांश में से दो विदेशी शब्द ढूंढकर लिखिए – (१ अंक)
४. आकृति पूर्ण कीजिए: (२ अंक)
(चौखट में दी सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए)
५. गद्यांश में से दो शब्द–युग्म ढूंढकर लिकिए (१ अंक)
६. स्पष्ट शब्दों में ज्ञानसिंह की समस्याएँ बताएं? (२ अंक)
७. गद्यांश में से एक शब्द बताइए जिसका अर्थ ये है – ‘आधी या ढलती उम्र का’ (१ अंक)
८. उचित प्रत्यय लगाइए: (१ अंक)
(अ) परेशान
(आ) तैयार
९. कारण लिखिए: (१ अंक)
लक्ष्मी करामत अली के लिए इसलिए बोझ बन गई थी।
१०. पालतू जानवरों के साथ किए जाने वाले सौहार्दपूर्ण व्यवहारों के बारे में बताइए। (२ अंक)
या
‘पालतू जानवरों को वृद्ध होने पर बेच देना चाहिए।’ इसपर अपने विचार बताइए (२ अंक)
११. मुहावरों का अर्थ तथा वाक्य में प्रयोग कीजिए (१ अंक)
कोरा जवाब देना
१२. निम्नलिखित वाक्य में उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कर वाक्य पुनः लिखिए : (१ अंक)
केवल टीका नथुनी और बिछिया रख लिए थे
प्र २. किसी पालतू प्राणी को आत्मकथा ८० से १०० शब्दों में लिखिए : (५ अंक)