पुनरावर्तन - २
१. शाक (पत्तोंवाली) और सब्जियों के पाँच-पाँच नाम सुनो और सुनाओ ।
उत्तर:
२. एक महीने की दिनदर्शिका बनाओ और विशेष दिन बताओ ।
उत्तर:
दिनविशेष :
1 जुलाई – आषाढी एकादशी
5 जुलाई – गुरुपौर्णिमा
10 जुलाई – दीदी का जन्मदिन
25 जुलाई – नागपंचमी
३. १ से १०० तक की संख्याओं का मुखर वाचन करो ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
४. अपना परिचय देते हुए परिवार के बारे में दस वाक्य लिखो ।
उत्तर: मेरा नाम आरव देशपांडे है में 12 वर्ष का हूँ और छठी कक्षा में पढ़ता हूँ। मेरे विद्यालय का नाम समता विद्यालय है जो पुणे के पास कोरेगाँव में है। मेरे पिताजी श्री. आनंद देशपांडे पेशे से डॉक्टर है और कोरेगाँव के सरकारी अस्पताल में काम करते हैं। उनके पास मरीज रोते- कराहते आता है और हँसता हुआ जाता है मेरी माताजी श्रीमती विद्या देशपांडे शिक्षिका है और ज्युनियर कॉलेज में विज्ञान पढ़ाती है। मेरी एक प्यारी सी दीदी है जो इस वर्ष दसवीं की परीक्षा देगी। उसका नाम आर्या देशपांडे है और पाठशाला में हमेशा अव्वल आती है। हम सबको उम्मीद है कि बोर्ड की परीक्षा में भी वह इसी तरह अच्छे अंक लेकर अव्वल आएगी। आगे वह भी पिताजी की तरह डॉक्टर बनना चाहती है। पर मैं डॉक्टर नहीं बनूँगा मुझे पायलट बनना है। मेरे दादा-दादी और नाना-नानी गाँव मैं रहते हैं जो गोवा के पास छुट्टियों में मैं वहां जाता हूँ और खूब मजे करता हूँ।
५. अक्षर समूह में से वैज्ञानिकों के उचित नाम बताओ और लिखाे :
मी भा हो भा
उत्तर: होमी भाभा
नी से ज भि र
उत्तर: रजनी भिसे
मं बं जू स ल
उत्तर: मंजू बंसल
स्क रा र्य भा चा
उत्तर: भास्कराचार्य
जे क म ला ए. पी.
उत्तर: ए. पी. जे. कलाम
जा अ न म्म की ल
उत्तर: जानकी अम्मल
ना व क ला चा ल्प
उत्तर: कल्पना चावला
कृति/उपक्रम :
अपने बारे में भाई/बहन से सुनो ।
उत्तर: मैं जब-जब पायलट बनने की बात करता हूँ, दीदी मुझे चिढ़ाती है। मेरे बचपन का एक प्रसंग याद दिलाती है। आज सुनकर हँसी आ जाती है पर उस समय मैं बहुत डर गया था। जीवन में पहली बार मैं हवाई यात्रा कर रहा था। उम्र होगी लगभग चार वर्ष उस यात्रा का आकर्षण इतना था कि अपने सभी दोस्तों को बता आया था कि मैं आकाश में उड़नेवाला हूँ। पूना से हैद्राबाद सिर्फ डेढ़ घंटे में पहुंचूंगा। पर मेरे मित्र बंटी ने बताया कि, कभी-कभी विमान दुर्घटना होती है तो सारे यात्री मर जाते हैं। सुना तो मेरी अंतआत्मा काँप उठी ऐसा डर बैठ गया कि मैंने पापा को बार-बार पूछकर तंग किया था विमान बीच में खराब हो गया तो ! यात्रा के दौरान हवाई सुंदरी ने सारी जानकारी दी जो बहुत अच्छे से समझ में भी आई पर डर गया नहीं। विमान ने जब टेक ऑफ किया तो उसके हिलने से मैं जोर से चीखा था। हैद्राबाद उतरने तक मैं डरा डरा सा था। अब हँसी आती है पर दीदी मुझे चिढ़ाने का मौका नहीं छोड़ती।
इस वर्ष तुम कौन-सा विशेष कार्य करोगे, बताओ ।
उत्तर: जैसे ही मई की छुट्टियाँ शुरू होती है मैं उसे मौज मस्ती के साथ बिताने की योजना बनाने लगता हूँ। पर इस वर्ष माँ ने बताया कि हम कहीं घूमने नहीं जाएँगे। क्योंकि दीदी की दसवीं की पढ़ाई शुरू हो गई है। तो मैंने सोचा मैं भी कुछ पढ़ ही लूंगा। फिर मैंने माँ से पूछकर अपनी योजना को हकीकत मैं बदलने का निश्चय किया। मैं इस वर्ष संगणक का एनिमेशन का कोर्स करूँगा। मुझे संगणक में रुचि है। कुछ काम की बात भी सीख लूँ तो अच्छा रहेगा, इसलिए माँ ने भी मुझे इजाजत दे दी है। इसके अलावा आसपास के घरों में और होटलों में पानी बचाने का अनुरोध करने अपने मित्रों के साथ जाऊँगा। जैसे ही मेरी परीक्षा खत्म होगी मैं अपना काम शुरू कर दूँगा।
सप्ताह में एक दिन कहानियाँ पढ़ो ।
उत्तर:
अनोखा संदेश
एक जमींदार ने बहुत सारी जमीन पर धान की फसल उगाई और उसकी रखवाली के लिए अनेक नौकर तैनात कर दिए। वे रात-दिन रखवाली करते, लेकिन फिर भी पक्षी आकर फसल खा जाते।
नौकरों ने यह बात किसान को बताई, तो उसने रखवालों को जाल फैलाने का आदेश दिया, ताकि पक्षियों को पकड़ा जा सकें। एक दिन उसमें एक सुंदर पक्षी फँस गया। नौकर उसे जमींदार के पास ले गए। उन्होंने कहा – यह रोज हमारे खेत से भरपेट धान खाता है और खाने के बाद कुछ धान की बालियों को मुँह में दबाकर उड़ जाता है। जमींदार ने सुना तो बोला- अच्छा अब हम इसे सजा देंगे।
तभी पक्षी बोल पड़ा सजा देने से पहले आप मेरी भी सुन लें। जमींदार ने कहा- ठीक है कहो, पक्षी ने कहा आपके इतने बड़े खेत से मेरी चोंच भर हिस्सा लेने से आपका कुछ विशेष नुकसान नहीं हो जाएगा। मैं अपने खाने के बाद केवल छह बालियाँ लेकर जाता हूँ। जमींदार ने पूछा, “किसलिए ?” पक्षी ने कहा, “मैं दो बालियाँ अपने वृद्ध माता-पिता के लिए लेकर जाता हूँ। उन्हें अब दिखाई नहीं देता है। मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने वृद्ध माता-पिता का पालन पोषण करूँ, उन्हें भूखा न रखें।
दो बालियाँ नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए लेकर जाता हूँ और दो बालियां परमार्थ रूप में अपने बीमार पड़ोसियों के लिए लेकर जाता हूँ। यदि जीवन में इतना परमार्थ भी न कर सकूँ तो मेरा जीवन व्यर्थ है।” पक्षी का कथन सुनकर जमींदार बहुत प्रभावित हुआ। उसे लगा इससे सीखने की जरूरत है। उसने पक्षी को आजाद किया।
पढ़ी हुई सामग्री की विश्लेषणात्मक प्रस्तुति करो ।
उत्तर: इस वर्ष हमें नई पाठ्यपुस्तक मिली जिसका नाम सुलभ भारती हैं। पाठ्यक्रम दो भागों में बँटा हुआ है पहली इकाई और दूसरी इकाई ।
दोनों इकाइयों की शुरुआत चित्रात्मक पाठों से की गई है। फिर दोनों इकाइयों में मिलकर चार कविताएँ हैं, कहानियाँ हैं, एकांकी है, पत्र है, संस्मरण है, व्याकरण है। पाठ्यसामग्री के नीचे दिए गए स्वाध्याय में कल्पनाशीलता को प्रधानता दी गई है। जरा सोचो, खोजबीन, मैंने क्या समझा, अध्ययन कौशल, भाषा की ओर आदि करने में अध्ययन बोझ या उक्तानेवाला नहीं लगता। बीच बीच में पहेलियाँ दी हैं या चुटकुले सुनाने को कहा है जिसके कारण हँसते-खेलते पढ़ाई हो जाती है। साथ ही जीवन के नैतिक मूल्यों को भी खूब याद दिलाया गया है। जैसे ईमानदारी, कर्मठता आदि बातें पाठ्यसामग्री द्वारा पढ़ाई गई हैं।