पाठ ८ – जन्मदिन
बबलू एक शरारती लड़का था, जो अपने आप में हो मस्त रहता था। अकसर न खुला छोड़ देता, पानी बहता रहता। यह सब खा आदि कभी भी बंद नहीं करता था। माता-पिता स्कूल के शिक्षक सभी उसे समझाते रहते परंतु उस पर कोई असर नहीं होता था। अंत में माँ को मौसी के साथ मिलकर एक नाटक करना पड़ा, जिससे बबलू को समझ में आए कि पानी, बिजली आदि अनमोल हैं।
बरबाद – नाश
तमाम – सभी
भंडार – खजाना
भरोसा – विश्वास
सन्नाटा – गहन शांति
कामयाब – सफल
मुहावरे
धमा-चौकड़ी मचाना – धूम मचाना
वाक्य : छुट्टियों में बच्चे खूब धमा चौकड़ी मचाते हैं।
मैं कौन हूूँ ?
सूचना, निर्देश, आदेश, अनुरोध, विनती के वाक्य विरामचिह्न सहित पढ़ो और समझो :
१. बगीचे के फल-फूल तोड़ना मना है ।
उत्तर: सूचना वाक्य
२. जैसे – फल, सब्जी लेकर घर आओ ।
उत्तर: निर्देश वाक्य
३. ‘चंदामामा’ बालपत्रिका पढ़ो ।
उत्तर: आदेश वाक्य
४. अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें ।
उत्तर: अनुरोध वाक्य
५. बच्चों ने कहा, ‘’कृपया हमें अंतरिक्ष के बारे में बताऍं ।’’
उत्तर: विनती भरा वाक्य
जरा सोचो ………. बताओ
यदि पानी की टोंटी बाेलने लगी……..
उत्तर:
विचार मंथन
।। सौर ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा ।।
भाषा की ओर
शब्दयुग्मों की जोड़ियाँ मिलाओ।
अड़ोस
बारी
अच्छा
नहाना
हँसी
वहाना
खुशी
बारी
पड़ोस
बुरा
उत्तर:
अड़ोस-पड़ोस
बारी-बारी
अच्छा-बुरा
नहाना-वहाना
हँसी-खुशी
स्वयं अध्ययन
मातृभाषा के दस शब्द एवं दो वाक्यों का हिंदी में अनुवाद करो।
उत्तर:
सुनो तो जरा
ध्वनिफीति, सी. डी. पर कोई लाेकगीत सुनो ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
बताओ तो सही
तुम अपनी छोटी बहन/छोटे भाई के लिए क्या करते हो ?
उत्तर: मैं अपने छोटे भाई/छोटी बहन के साथ वक्त बिताने का प्रयास करता हूँ, उनकी मदद करता हूँ, और उनके साथ खेलता हूँ। मैं उनकी पढ़ाई और विकास में सहयोग करता हूँ और उनके साथ प्यार और समर्थन देता हूँ।
वाचन जगत से
डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की आत्मकथा का अंश पढ़कर चर्चा करो।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
मेरी कलम से
अपने नाना जी/दादा जी को अपने मन की बात लिखकर भेजो ।
उत्तर:
अमान खान,
७/सी, टैक्सीमेंस कॉलोनी,
कुर्ला (पश्चिम),
मुंबई – ४०० ०७०.
२८ सितंबर २०२३.
आदरणीय नाना जी,
सादर प्रणाम।
आप कैसे हो? नानी जी कैसी हैं? यहाँ सब कुशल मंगल है मेरी गरमी की छुट्टियाँ शुरू हो गई हैं। मैं वहाँ नहीं आ सका तो क्या मैं पत्र के जरिए अपने सारे समाचार आप तक पहुँचाता रहूँगा।
आज यहाँ समर कैंप में आए मुझे पाँच दिन हो गए हैं। शहर के शोर-गुल से दूर यहाँ बहुत अच्छा लगता है। हम लगभग ५० लड़के और ४० लड़कियाँ हैं और हमारे साथ ६ इंस्ट्रक्टर हैं जिनमें दो महिला इंस्ट्रक्टर भी हैं। चार चौकीदार भी है जो बारी-बारी हमारे कैंप की निगरानी करते हैं। साथ में दो रसोइए भी हैं जो हमारे नाश्ते भोजन का बंदोबस्त करते हैं।
कल हमें पर्वतारोहन सिखाया गया। आज हमें रस्सी द्वारा नदी पार करना सिखाया जाएगा। प्रकृति की गोद में ये सबकुछ करते-करते हमारा दिन कब गुजर जाता है पता ही नहीं चलता। यहाँ मुझे बहुत कुछ सीखने मिल रहा है। शुरू-शुरू में अपनी चीजें समेटकर रखने में दिक्कत आ रही थी। पर अब उसकी भी आदत हो रही है और मैं घर जाने पर भी माँ को मेरी चीजें समेटने की तकलीफ नहीं दूंगा कैंप के अगले पाँच दिन मुझे और भी बहुत कुछ सीखने मिलेगा।
अच्छा, नाना जी अब रखता हूँ। हमारे रात के भोजन का वक्त हो गया है और हमें बुलाने के लिए सीटी बज गई हैं। नानीजी को मेरा प्रणाम कहना ।
आपका लाड़ला,
अमान
दो-तीन वाक्य में उत्तर लिखो :
१. बबलू की आदत से कौन परेशान थे?
उत्तर: बबलू को पानी बरबाद करने की आदत थी नहाते समय, मंजन करते समय वह देर तक पानी बहाता नल की टोंटी भी अकसर खुली छोड़ देता जिसके कारण स्कूल में उसे डाँट पड़ती थी। वह बिजली भी व्यर्थ खर्च करता काम न हो तो भी पंखा, कूलर या फिर बल्ब बंद नहीं करता था। बबलू की इस आदत से उसके माता-पिता दोनों परेशान थे।
२. शीला मौसी ने बिजली की कटौती का क्या कारण बताया ?
उत्तर: शीला मौसी की बेटी पूजा का जन्मदिन था परंतु उनके यहाँ बिजली नहीं थी। क्योंकि आज उनके यहाँ बिजली कटौती हुई थी। गरमी बढ़ जाने से सब जगह बिजली का भार बढ़ गया था। इसीलिए कंपनी ने बिजली कटौती शुरू कर दी थी। आज उनके ब्लॉक में बिजली कटौती हुई और बारी-बारी दूसरे ब्लॉकों में बिजली कटौती की जाएगी ऐसा शीला मौसी ने बताया।
३. प्यास के कारण बबलू की स्थिति कैसी बनी थी ?
उत्तर: शीला मौसी के यहाँ पार्टी में पानी भी पर्याप्त नहीं था। बबलू को प्यास लगी थी और सभी के गिलास में केवल आधा-आधा पानी से भरा था। बबलू ने सारा पानी एक घूँट में ही खत्म किया। इससे उसकी प्यास बुझी नहीं और थोड़ा-बहुत खाने पर उसकी प्यास और भड़क उठी। वह बेचैन हो उठा। उसका गला सूखता जा रहा था। खाने का एक कौर भी गले से नीचे नहीं उतर रहा था। इस तरह वह प्यास के कारण छटपटाने लगा था।
४. बबलू ने किस बात को कभी नहीं जाना ?
उत्तर: बबलू कभी यह नहीं जान पाया कि शीला मौसी के यहाँ जन्मदिन की पार्टी में पानी और बिजली न होने के कारण जो कुछ हुआ वह एक नाटक मात्र था। माँ ने शीला मौसी को फोन पर बबलू की पानी और बिजली को बरबाद करने की आदत के बारे में बता दिया था। बबलू को सबक सिखाने के लिए मौसी ने बिजली कटौती और पानी न होने का नाटक किया जो पूरी तरह सफल हुआ था।
सदैव ध्यान में रखो
प्राकृतिक संपदाओं की बचत करना आवश्यक है।
अध्ययन कौशल
निम्नलिखित चित्रों के नाम बताओ और जानकारी लिखो ।
उत्तर:
पहला चित्र तालाब का है। तालाब या पोखर जलभरा गड़ढा होता है। तालाब कृत्रिम या प्राकृतिक जलाशय है। जिसमें वर्ष में कम से चार महिने जल भरा रहता है।
दुसरे चित्र में कुआँ है। यह जल का मानवनिर्मित स्रोत है। यह पत्थरोंसे, चट्टानों से बनाया जाता है। गाँव में कुएँ ज्यादातर दिखाई देते है। पीने के पानी के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
तीसरा चित्र झरने का है। किसी पर्वत या अत्यंत उँचाई से बड़ी मात्रा में जल गिरता है तो झरना या जलप्रपात की निर्मिती होती हैं।
चौथे चित्र में बारिश दिखाई दे रही है। यह प्राकृतिक जलस्रोत है। पृथ्वी के उपर से पानी बाष्पित होकर उपर जाता है और ठण्डा होकर पानी की बूँदों के रूप में पुनः धरती पर गिरता है। बारिश का मौसम जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर चार महिने होता हैं।
पाँचवा चित्र नदी का है। कुछ नदियों में वर्षभर जल बहता रहता है। परंतु कुछ नदियों का जल गर्मियों में बहुत कम हो जाता है या वे सूख जाती है। यह जल पहाड़ियों से बहता हुआ नदियों में गिरता है।
ये पाँच जल के वे स्रोत है जो मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी है। जल के कारण पृथ्वी पर जीवन संभव है। क्योंकि पीने के लिए, सिंचाई, उद्योग, घरेलू कार्य सभी के लिए जल आवश्यक है और इनका संरक्षण और संवर्धन करना हर एक व्यक्ति का कर्तव्य है।