Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Six

पाठ २ – तूफानों से क्या डरना

हमें किसी से घृणा नहीं करनी चाहिए। सभी के साथ प्यार से रहना चाहिए। जिंदगी में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं। हमें इनसे डरना नहीं चाहिए। जो लोग आगे बढ़ने की हिम्मत करते हैं, उन्हें सभी की मदद मिलती है। हमें अपने जीवन में अच्छे काम करने चाहिए।

 

जीवन में हार और जीत तो होती ही रहती है। कुछ कामों में सफलता मिलती है, तो कुछ में असफलता। इससे निराश नहीं होना चाहिए। हमें जीवन को एक खेल मानना चाहिए। सफलता-असफलता जो भी मिले, उसे खुशी-खुशी स्वीकार करना चाहिए। जब तक जीवन है, खुशी-खुशी जियो। एक दिन तो सभी को यह संसार छोड़कर जाना ही है। जिंदगी में तूफान तो आते ही रहते हैं। हमें इनसे डरना नहीं चाहिए ।

 

प्रत्येक मनुष्य के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। जीवन में कभी उजाला होता है, कभी अँधेरा होता है। अर्थात कभी अच्छे दिन आते हैं और कभी बुरे। परंतु यह बात तय है, रात चाहे जितनी लंबी हो, उसका अंत होता है और सवेरा आता है। समय एक-सा सदा नहीं रहता। हमें विपरीत परिस्थितियों में धैर्य रखना चाहिए। जिंदगी में तूफान तो आते रहते हैं। हमें इनसे डरना नहीं चाहिए।

 

हमें अपने शरीर पर बहुत अभिमान है, यह धारणा एक महामारी के समान फैली हुई है। हमारी जिम्मेदारी है कि सबको सच्ची राह दिखाएँ। हमें ज्ञान रूपी दीपक जलाकर अज्ञानता का अंधकार दूर करना होगा। जिंदगी में तूफान तो आते रहते हैं। हमें इनसे डरना नहीं चाहिए।

सत्कर्म – अच्छा कार्य 

अभिमान – घमंड

महामारी – संक्रामक भीषण रोग

तूलिका – ब्रश

धीरज – धैर्य

आत्मज्ञान – स्वंय का ज्ञान

देह – शरीर

स्वयं अध्ययन

चित्र देखकर हाव-भाव की नकल करो ।

IMG 20231011 091814 पाठ २ – तूफानों से क्या डरना

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

खोजबीन

भारतीय स्थानीय समय के अनुसार देश-विदेश के समय की तालिका बनाओ ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

भाषा की ओर

कविता में आए किन्हीं पाँच शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखो ।

उत्तर:

जीवन × मृत्यु

खुशी × गम

अंत × आरंभ

दूर × पास

लंबी × छोटी

सुनो तो जरा

रेडियो पर एकाग्रता से भजन सुनो और दोहराओ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

बताओ तो सही

‘साक्षरता अभियान’ के बारे में जानकारी बताओ।

उत्तर: साक्षरता अभियान लोगों को बेहतर ढंग से पढ़ना और लिखना सीखने में मदद करने के एक बड़े प्रयास की तरह है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि पढ़ना और लिखना ऐसे कौशल हैं जो जीवन में कई दरवाजे खोल सकते हैं। साक्षरता अभियान के दौरान, लोग इन कौशलों को सिखाने के लिए विशेष कक्षाएं या कार्यक्रम स्थापित कर सकते हैं। वे सभी को किताबें और शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने का भी प्रयास करते हैं। ये अभियान अक्सर उन समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जहां कई लोग पढ़ने और लिखने में संघर्ष करते हैं। उनका उद्देश्य सीखने को मज़ेदार और सुलभ बनाना है, ताकि अधिक लोग इसमें शामिल हो सकें। स्वयंसेवक और शिक्षक इन अभियानों में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं, जिससे दूसरों को आत्मविश्वासी पाठक और लेखक बनने में मदद मिलती है। कुल मिलाकर, साक्षरता अभियान व्यक्तियों को अपने जीवन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और मजबूत, शिक्षित समुदायों के निर्माण में योगदान करते हैं।

वाचन जगत से

मीरा का पद पढ़ो और सरल अर्थ बताओ ।

उत्तर: 

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई।

जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई । 

अर्थ: मीरा कहती हैं, “मेरे तो बस श्रीकृष्ण हैं, जिन्होंने पर्वत को उँगली पर उठाकर गिरधर नाम पाया। उनके अलावा मैं किसी को अपना नहीं मानती। जिनके सिर पर मोर के पंख का मुकुट है वही मेरे पति हैं।”

मेरी कलम से

महीने में एक बार कविता का श्रुतलेखन करो ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

जरा सोचो ….. चर्चा करो

यदि समय का चक्र रुक जाए तो ……

उत्तर: समय का चक्र यानी कालचक्र, यही पूरे संसार का संचालन करता है। यदि उसमें कुछ खराबी आई या उसका संतुलन बिगड़ गया, तो संसार में सब कुछ टप पड़ेगा। जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। समय ही धन है व समय ही जीवन है। हमारे स्कूलों, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों का संचालन समय के अनुसार ही चलता है। यदि समय का सहयोग न मिला, तो ये सभी संस्थाएँ टप पड़ेंगी। दिन और रात होने के लिए भी समय का चक्र चलते रहना चाहिए।

 

समय का चक्र यानी कालचक्र, यही पूरे संसार का संचालन करता है। यदि उसमें कुछ “खराबी आई या उसका संतुलन बिगड़ गया, तो संसार में सब कुछ टप पड़ेगा। जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। समय ही धन है व समय ही जीवन है। हमारे स्कूलों, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों का संचालन समय के अनुसार ही चलता है। यदि समय का सहयोग न मिला, तो ये सभी संस्थाएँ टप पड़ेंगी। दिन और रात होने के लिए भी समय का चक्र चलते रहना चाहिए।

 

अस्पतालों में मरीजों का इलाज समय पर नहीं हुआ, तो मरीज मर जाएँगे। कारखाने समय पर न चलें, तो उत्पादन टप हो जाएगा। खाने-पीने की वस्तुएँ न मिलेंगी। यातायात के लिए समय का चक्र रुक गया, तो लोग बीच रास्तों में फँस जाएँगे। लोगों की जानें भी खतरे में पडेंगी । इसलिए समय के चक्र को कभी रुकने न दें।

कविता की पंक्तियाँ पूरी करो ।

उत्तर: कविता ‘तूफानों से क्या डरना’ कवयित्री शिखा शर्मा की लिखी हुई है। इस कविता में उन्होंने जीवन में सतत संघर्षशील रहने का जीवन मूल्य प्रस्तुत किया है।

 

वे कहती हैं जीवन में तूफान तो आते रहते हैं उनसे डरने की जरूरत नहीं बल्कि हिम्मत से मुकाबला करने की उमंग हो सबके साथ प्यार से पेश आओ और अच्छे कर्म करके जीवन में खुशियों के रंग भर दो। जीवन को हार जीत का खेल समझकर खेलो और जो भी प्राप्त हुआ उसे खुशी से ले लो। जब तक जिंदगी जिओ हँसी-खुशी से जिओ जीवन में सुख-दुख आते जाते रहते हैं। अतः दुख के अँधेरों में डरने की जरूरत नहीं बल्कि धीरज से आगे बढ़ो। सबको सच्ची राह दिखाओ और लोगों के जीवन से अँधेरा दूर करो।

सदैव ध्यान में रखो

हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए ।

विचार मंथन

।। करत-करत अभ्यास केजड़मति होत सुजान ।।

अध्ययन कौशल

समाज सेवी महिला की जीवनी पढ़कर प्रेरणादायी अंश चुनाे और बताओ ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

समझो हमें

पंचमाक्षर (ङ, ञ,ण,न,म) के अनुसार पतंगों में उचित शब्दों की जोड़ियॉं मिलाओ ।

IMG 20231011 091828 पाठ २ – तूफानों से क्या डरना