Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Seven

पाठ ७ – रहस्य

नए शब्द

सन्नाटा – नीरव शांति

सलाह-मशविरा – परामर्श

बीचोबीच – मध्यभाग में

उत्पात – ऊधम, उपद्रव

डकैती – लूट-पाट

राहजनी – रास्ते में लूट-पाट

आतंक – दहशत, भय

 

मुहावरा

खाट पकड़ना – बीमार होना 

वाक्य : बारिश में भीगकर राहुल ने खाट पकड़ ली।

 

करवटें बदलना – बेचैन रहना

वाक्य : गरमी के कारण मैं रातभर करवटें बदलती रही।

 

कमर कसना – दृढ़ संकल्‍प करना

वाक्य : परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए सभी छात्रों ने कमर कस ली है।

 

तारीफ के पुल बॉंधना – प्रशंसा करना

वाक्य : राज तारीफ के पुल बाँधते हुए अपनी विदेश यात्रा का वर्णन कर रहा था।

 

आँखें खुली की खुली रहना – चकित रह जाना

वाक्य : मैं रातों रात करोड़पति बनने की स्कीम में फसा था लेकिन अब मेरी आँखें खुल गई है।

 

खून पसीना एक करना – कड़ी मेहनत करना 

वाक्य : पिता अपनी खून पसीना एक करके कमाई हुई दौलत को बेटे को बरबाद नहीं करने देंगे।

 

हथियार डालना – आत्‍मसमर्पण करना

वाक्य : दुश्मन सेना का गोला बारूद खत्म हो गया तो सेना ने हथियार डाल दिए।

स्वयं अध्ययन

हिंदी-मराठी के समानार्थी मुहावर और कहावतें सुनो और उनका द्विभाषी लघुकोश बनाओ : जैसे – अधजल गगरी छलकत जाए – उथळ पाण्याला खळखळाट फार.

उत्तर: 

हिंदी – बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।

मराठी – गाढवाला गुळाची चव काय?

 

हिंदी – एक पंथ दो काज।

मराठी – एका दगडात दोन पक्षी मारणे.

 

हिंदी – जो गरजते हैं वे बरसते नहीं।

मराठी – गरजेल तो बरसेल काय?

 

हिंदी – दूर के ढोल सुहावने।

मराठी – दुरून डोंगर साजरे.

 

हिंदी – बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा।

मराठी – काखेत कळसा नि गावाला वळसा.

 

हिंदी – बूँद बूँद से घट भरता है।

मराठी – थेंबे थेंबे तळे साचे.

 

हिंदी – साँच को आँच नहीं।

मराठी – सत्याला मरण नाही.

 

हिंदी – डूबते को तिनके का सहारा।

मराठी – बुडत्याला काडीचा आधार.

 

हिंदी – खोदा पहाड़ निकली चुहिया।

मराठी – डोंगर पोखरून उंदीर काढणे.

 

हिंदी – ढाक के तीन पात 

मराठी – पळसाला पाने तीनच.

बताओ तो सही

अंधश्रद्‌धा निर्मूलन संबंधी स्वयं किए हुए कार्य बताओ ।

IMG 20231018 193150 पाठ ७ – रहस्य

उत्तर: 

घर में – मुझे याद है चलते समय किसी ने जुकाम के कारण भी छींक दिया तो मेरे दादाजी जाना स्थगित कर देते थे क्योंकि उनका मानना था कि छीक के कारण उनके काम सिद्ध होने में बाधा आएगी।

 

विद्यालय में – विद्यालय में प्रतिभा प्रदर्शन प्रतियोगिता थी तब मैंने जादू के छोटे-मोटे खेल किए। नारियल से फूल निकालकर मैंने सबको चौका दिया। फिर सभी को बता भी दिया कि नारियल में छेद करके मैंने फूलों की कलियाँ कल ही नारियल में डाल दी थीं। आज वे कलियाँ नारियल में स्थित पानी के कारण खिल गई थी। सबके सामने नारियल तोड़ने पर उसमें फूल इसलिए निकले। यह जादू नहीं बल्कि हाथ की सफाई है।

 

परिवेश में – अपने परिवेश में मैंने अपने साथियों के साथ मिलकर एक संघटना बनाई है। गणेश विसर्जन के समय पानी में मूर्तियाँ और निर्माल्य का विसर्जन होने से जल प्रदूषण होता है।

विचार मंथन

।। श्रद्‌धा और विज्ञान, जीवन के दो पक्ष महान ।।

वाचन जगत से

टिप्पणी बनाने हेतु समाचार पत्र से बहादुरी के किस्से पढ़ाे और संकलन करो ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

सुनो तो जरा

पाठाें में आए हुए मूल्यों को सुनो, तालिका बनाओ और सुनाओ ।

उत्तर: 

१. अंधश्रद्धा से दूर रहना ।

२. वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना ।

३. सच्चाई का पता लगाना।

४. निडर बहादुरी से चलने का सही मार्ग ।

५. गलत काम करने वाले लोगों के खिलाफ आवाज उठाई।

सदैव ध्यान में रखो

बड़ों की आज्ञा का पालन करना चाहिए ।

१. जोड़ियाँ मिलाओ :

            (अ)                                   (ब) 

(क) फोटो की दुकान              कपोल कल्पना

(ख) भूत-वूत                      कहकहों की आवाज 

(ग) हवेली                             खतरनाक काम

                                              नारायणपुर

उत्तर: 

(क) फोटो की दुकान – नारायणपुर

(ख) भूत-वूत – कपोल कल्पना

(ग) हवेली – कहकहों की आवाज

 

२. आर्यन और कनिष्‍का द्वारा देखी हुई हवेली का वर्णन अपने शब्दों में लिखो ।

उत्तर: आर्यन और कनिष्का हवेली का रहस्य जानने रात के अँधेरे में हवेली पहुँचे। हवेली में बीचोंबीच एक बड़ा कमरा था जिसका दरवाजा अंदर से बंद था। कमरे की खिड़कियाँ नीचे से बंद थीं लेकिन ऊपर से खुली थीं। खिड़की से अंदर झाँककर देखा तो हट्टे-कट्टे मोटे-तगड़े, बड़ी-बड़ी मूँछोंवाले कई लोग पगड़ी बाँधे बैठे थे। कुछ लोगों ने कमीज़ और पैंट भी पहनी थी। सब खाने में मस्त थे लेकिन सबके चेहरे डरावने थे। उनके पास बंदूकें, तलवारें और कारतूस थे। अंदर गैस बत्ती की तेज रोशनी थी।

 

३. कनिष्‍का और आर्यन को ‘वीरता पुरस्कार’ घोषित होने का कारण बताओ । 

उत्तर: जिस हवेली में भूतों का डेरा होने की बात गाँव में सब लोग कहते थे उस हवेली का रहस्य जानने के लिए आर्यन और कनिष्का मामा जी का कैमरा लेकर रात के अँधेरे में गए थे। उन्होंने हवेली में मौजूद लोगों के कई फोटो खींचे। फिर आर्यन ने नारायणपुर जाकर सारे फोटो तैयार करवाए और मामा जी को दिखाए। फिर मामा जी को साथ लेकर वे थानेदार के पास गए। थानेदार ने फोटो देखते ही पहचान लिया कि ये वही लोग हैं जिनकी तलाश पुलिस को थी। हवेली में जो डाकू थे उनकी तलाश पिछले कई वर्षो से पुलिस कर रही थी। डाकुओं के इस गिरोह ने कई वर्षों से उत्पात मचा रखा था। डकैती और राहजनी इनका पेशा था। ऐसे खतरनाक लोगों का ठिकाना ढूंढ़कर आर्यन और कनिष्का ने बहादुरी का काम किया था। पुलिस की मदद से उन्हें पकड़वाकर दोनों ने गाँववालों को डाकुओं के आतंक से मुक्त किया था। क्योंकि पुलिस के छापे में कुछ डाकू पकड़े गए थे और कुछ मारे गए थे।

 

इसी बहादुरी के लिए आर्यन और कनिष्का को ‘वीरता पुरस्कार’ घोषित हुआ।

 

४. इस कहानी की किसी घटना को संवाद रूप में प्रस्‍तुत करो ।

उत्तर: 

पात्र : आर्यन, कनिष्का, थानेदार, मामा जो

आर्यन : कनिष्का मैं सारे फोटो बनवाकर ले आया हूँ। कनिष्का आर्यन ये तसवीरें तो भूतों की नहीं लगती। चलो हम मामा जी को दिखाते हैं।

 

कनिष्का : (फोटो दिखाते हुए) आप कहते हो भूतों के पैर उलटे होते हैं, उनकी छाया नहीं होती, उनके फोटो नहीं ले सकते। देखिए ये भूतों के फोटो हमने कल रात हवेली जाकर लिए हैं।

 

मामा जी : (परेशान होकर) तो क्या भूत इनसानो जैसे होते हैं?

 

आर्यन : इनसानों जैसे नहीं, मामा जी इनसान ही भूत हैं। देखिए न, इनके पैर भी सीधे हैं, इनकी छाया भी है और इनके फोटो भी लिए गए हैं। असल में यह अफवाह मात्र है कि हवेली में भूत हैं।

 

कनिष्का : और नहीं तो क्या इन लोगों का रहस्य न खुले इसलिए इन्होंने ही हवेली में भूत होने ही अफवाह फैलाई ताकि लोग उधर न जाएँ और ये अपने काम बिना रोक-टोक के करते रहे।

 

आर्यन : मुझे तो यह मामला गड़बड़ लगता है। मामा जी क्या आप मेरे साथ थाने चलेंगे?

 

मामा जी : तुम सही हो बच्चों, चलो ये तसवीरें थानेदार को दिखाएँगे। (मामा) जी आर्यन और कनिष्का के साथ थाने जाते हैं।

 

थानेदार : (तसवीरें देखकर) अरे ये तो बहुत बड़ा डाकुओं का गिरोह है। कई वर्षों से ये डकैती और राहजनी कर उत्पात मचा रहे हैं। पुलिस ने इनको पकड़ने के लिए खून-पसीना एक कर दिया था। शाबाश! तुम दोनों ने बहुत बहादुरी का काम किया है। कहाँ हैं ये लोग ?

 

आर्यन : आप तैयारी कीजिए, ठिकाना में बताता हूँ (और उसी रात पुलिस ने भूतों के डेरे पर छापा मारकर गाँववालों को डाकुओं के आतंक से मुक्त कराया।)

भाषा की ओर

चित्र के आधार पर सभी कारकों का प्रयोग करके वाक्य लिखो :

IMG 20231018 193255 पाठ ७ – रहस्य

१. मछुआरे ने जाल फेंका ।

उत्तर: 

२. पायल ने मछलियों को चारा दिया।

३. नाविक ने पतवार से नाव चलाई।

४. रामू ने माला को नारियल तोड़कर दिए।

५. रामू ने पेड़ से नारियल तोड़े।

६. राजू का घर नदी के किनारे है।

७. रामू नारियल के पेड़ पर चढ़ा।

८. पानी में मछलियाँ तैर रही हैं।