Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Seven

पाठ ७ – जहाँ चाह, वहाँ राह

नए शब्द

लाँघना – पार करना 

असर – परिणाम

बकवास – व्यर्थ की बातें

निदान – समाधान

माहौल – वातावरण

हल – निराकरण 

भांपना – अंदाज लगाना 

हौसला – हिम्मत

राशि – धन 

प्रचुर – अधिक

 

कहावत

जहाँ चाह, वहाँ राह – इच्छा होने पर मार्ग मिलता है

वाक्य : तुम यो हाथ पर हाथ रखकर मत बैठो, कोशिश करते रहो क्योंकि तुम यो हाथ पर हाथ रखकर मत बैठो, कोशिश करते रहो क्योंकि जहाँ चाह, वहाँ राह है।

बताओ तो सही

किसी महान विभूति का जीवनक्रम वर्षानुसार बनाकर लाओ और पढ़ो : जैसे – जन्म, शालेय शिक्षा आदि ।

IMG 20231010 015404 पाठ ७ – जहाँ चाह, वहाँ राह

उत्तर:

घर : छुट्टी का दिन था। सुबह जल्दी आँख खुल गई थी। माता-पिता और दीदी सब सोए थे। तभी मैंने सोचा आज मैं सबके लिए चाय बनाऊँगा और फिर उन्हें जगाऊंगा। मैंने अपनी योजना के अनुसार चाय चढ़ा दी। पर दूध फट गया था। अब दूधवाला दूध ला देगा तभी में सबको चाय पिला सकूँगा। मैने लेमन टी के बारे में पढ़ा था। फिर क्या? मैंने सब को लेमन टी पिला दी। घर में सबने मेरी तारीफ की और मुझे लगा मैंने आज बड़ा काम कर दिया।

 

विद्यालय : मेरा हस्ताक्षर ठीक-ठाक है। सुंदर नहीं पर हर कोई आसानी से पढ़ सकता है। विद्यालय में जब हमारी वर्ग शिक्षिका ने फलक लेखन के लिए मुझे चुना तो मैं बहुत प्रसन्न हुआ। मैंने उस हफ्ते भर में कई किताबों से पढ़कर सुवचन ढूंढ़े और फलक पर लिखे। मेरे इस कार्य के लिए मुझे शाबाशी मिली। 

 

परिवेश : अपना परिवेश साफ-सुथरा रखना हमारा कर्तव्य है। और ‘स्वच्छ ग्राम-स्वस्थ ग्राम’ नारा तो चारों ओर सुनाई देता है। मैंने अपने परिवेश में एक दल बनाया और हमारे दल के बच्चे किसी को भी सड़क पर कूड़ा नहीं फेंकने देते। 

 

त्योहार : इस बार हमने दीवाली के त्योहार पर अनाथालय में जाकर बच्चों को मिठाई और नए कपड़े बाँटे। मिठाई और कपड़े पाकर उन बच्चों के चेहरे पर मुस्कराहट आई जो हमारे दिल को छू गई।

विचार मंथन

।। श्रद्‌धा और विज्ञान, जीवन के दो पक्ष महान ।।

वाचन जगत से

गणतंत्र दिवस पर सम्मानित बच्चों के बहादुरी के प्रसंग पढ़ो और पसंदीदा किसी एक का वर्णन करो ।

उत्तर: गणतंत्र दिवस पर प्रधान मंत्री के हाथों साहसी बालकों को सम्मानित किया जाता है उनको हाथी पर बिठाकर उनका जुलूस निकाला जाता है। चारू और चिन्मय ऐसे ही वीर बालक हैं।

 

एक दिन दोपहर के वक्त वे दोनों अपनी माँ के साथ लोकल ट्रेन से कहीं जा रहे थे। रास्ते में दो बदमाश गाड़ी में चढ़े और एक ने एक साठ साल की वृद्धा का बैग झपट लिया। दूसरे ने चाकू दिखाकर बच्चों की माँ का बैग छोना। चारू ने तब बदमाशों के हाथों से अपनी माँ का बैग छीन लिया। इसपर बदमाश ने चारू के बाल खींचे, उसे पीटा पर चारू ने बैग नहीं छोड़ा। चिन्मय ने उस बदमाश के बाल खींचे और उसे काट लिया जिसके कारण बदमाश के हाथ से चाकू छूट गया। चिन्मय ने झट चाकू उठाया और ट्रेन से बाहर फेंक दिया। दोनों भाई-बहनों को चोटें आईं पर वे उन बदमाशों से लड़ते रहे। इसी मूठभेड़ में वृद्धा का बैग भी बदमाश के हाथ से छूट गया जिसे चिन्मय ने पकड़ लिया हालात बेकाबू होते देख अगला स्टेशन आते ही बदमाश भाग गए। इस तरह दोनो बालकों ने मिलकर दो-दो बदमाशों के दाँत खट्टे किए।

खोजबीन

भारतीय सेना संबंधी जानकारी ढूँढ़ो और लिखो:

IMG 20231010 015433 पाठ ७ – जहाँ चाह, वहाँ राह

उत्तर: ‘कंधे से मिलते हैं कंधे और कदमों से कदम मिलते हैं, जब चलते हैं हम ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते है।’ ऐसी इस भारतीय सेना के तीन रेजिमेंट हैं- 

(1) थलसेना 

(2) नौसेना और

(3) वायु सेना इसके अलावा नाभिकीय कमान प्राधिकरण भी एक विभाग है। और तटरक्षक दल भी है।

 

भारतीय सेना के पद तीनों विभागों के मुख्य राष्ट्रपति होते हैं।

 

सेना के पद 

(1) फिल्ड मार्शल 

(2) जनरल 

(3) लेफ्टिनंट जनरल

(4) मेजर जनरल

(5) ब्रिगेडियर

(6) कर्नल

(7) लेफ्टिनंट कर्नल

(8) मेजर

(9) कैप्टन

(10) लेफ्टिनंट

(11) सूबेदार मेजर

(12) सूबेदार

(13) नायब सूबेदार 

(14) हवालदार, नायक और लांस नायक 

 

इनके पोशाकों के रंग अलग-अलग हैं। थलसेना के पोशाक का रंग खाखी है और उसपर हरे रंग के धब्बे हैं। नौसेना की पोशाक सफेद रंग की है और वायुसेना की पोशाक आसमानी नीले रंग की हैं।

अध्ययन कौशल

संदर्भ स्रोतों द्‌वारा निम्न रोगों से बचने के लिए दिए जाने वाले टीकों की जानकारी सुनो और संकलित करो :

IMG 20231010 015452 पाठ ७ – जहाँ चाह, वहाँ राह

उत्तर: 

IMG 20231010 015656 पाठ ७ – जहाँ चाह, वहाँ राह

सदैव ध्यान में रखो

दृढ़ संकल्पों से ही सपने साकार होते हैं ।

१. किसने किससे कहा है ?

(क) ‘‘आज इतने विद्यार्थियों के अनुपस्थित रहने का कारण क्या है ?’’

उत्तर: यह वाक्य गुरुजी ने विद्यार्थियों से कहा।

 

(ख) ‘‘ जब कभी शहर गए हैं, बड़े-बड़े पुल देखे भी हैं ।’’

उत्तर: यह वाक्य आशीष ने अपने मित्र सहेलियों से कहा।

 

२. कहानी के शीर्षक की सार्थकता बताओ ।

उत्तर: कहाना का शीर्षक है जहाँ चाह, वहाँ राह’ जो सर्वथा सार्थक है कहानी में छोटे बच्चों ने नाले पर पुल बनाने का निश्चय किया। यह एक असंभव लगने वाला कार्य था जो उनके हौसले के कारण संभव हुआ और उनकी पाठशाला नियमित जाने की इच्छा पूरी हुई। मनुष्य बुद्धिमान है और हर समस्या का हल वह ढूंढ सकता है क्योंकि ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”

 

३. आँखों देखी किसी घटना का वर्णन करो ।

उत्तर: इसी वर्ष की घटना है। फरवरी में हमारे विद्यालय का वार्षिक महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। मातोश्री प्रमिला बेन सभागृह में मशहूर कलाकार समीर वाजपेयी ने पधारकर अध्यक्षपद विभूषित किया। इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि, पाठशाला के आजी-माजी छात्र एवं अभिभावक उपस्थित थे। गणेश वंदना एवं सरस्वति वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। छठी कक्षा के छात्रों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

 

तत्पश्चात हमारे विद्यालय के निरीक्षक शर्मा सर ने अध्यक्ष महोदय का परिचय दिया और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया। अध्यक्ष महोदय के करकमलों द्वारा होनहार छात्रों को पुरस्कार दिए गए।

 

इस अवसर पर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे गए नृत्य, संगीत, एकांकी आदि द्वारा भारतीय संस्कृति की झाँकियाँ प्रस्तुत की गई। अध्यक्ष महोदय ने कार्यक्रम को भूरी-भूरी प्रशंसा की और विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य की कामना करते हुए हमें शुभाशीष दिया। धन्यवाद यापन के बाद राष्ट्रगीत गाया गया जो मैंने मेरे साथियों के संग प्रस्तुत किया। इसके साथ ही इस रंगारंग कार्यक्रम का समापन हुआ।

 

४. इस कहानी का सारांश लिखो ।

उत्तर: यह कहानी सचा गाँव के बच्चों की है जो पाठशाला में पढ़ते थे। संवा गाँव में एक नाला था जो गाँव को दो भागों में बाँट देता था। एक तरफ बस्ती और दूसरी तरफ खेत और पाठशाला थी। बरसात के दिनों में नाले में पानी भर जाता तब बड़े-बुजुर्ग अपने गाय-बैलों के साथ खेत में पहुँच जाते पर बच्चों को नाला लाँघना मुश्किल हो जाता और वे पाठशाला नहीं जा पाते।

 

एक दिन बच्चे पाठशाला नहीं जा पाए थे और बरगद के पेड़ के चबूतरे पर बैठकर बातें कर रहे थे तब उन्होंने अपनी समस्या हल करने के बारे में विचार किया। उन्होंने नाले पर पुल बनाने का निश्चय किया। उनके हौसले को देखकर गाँव के लोग और पाठशाला के शिक्षक सहायता के लिए आगे आए पुल के लिए धन जमा किया और अंततः उनकी वर्षो को कठिनाई दूर हो गई। नाले पर केवल पंद्रह दिनों में ग्रामीणों और विद्यार्थियों के सामूहिक श्रमदान से पुल बना एकता, संगठन और श्रमदान के कारण असंभव को उन्होंने संभव कर दिखाया।

भाषा की ओर

निम्नलिखित वाक्यों को पढ़ो और मोटे अक्षरों में छपे शब्दों पर ध्यान दो, पढ़कर उद्देश्य-विधेय अलग करके लिखो :

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उत्तर:

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ऊपर के वाक्यों में हिमालय, महासागर, निखिल, मुंबई, परिश्रम बारे में कहा गया हैं । वाक्य में जिसके बारे में कहा या बताया जाता है वह उद्देश्य होता है ।

 

ऊपर के वाक्यों में हिमालय के बारे में – देश का गौरव है, महासागर के बारे में – अपने देश के चरण पखारता है, निखिल के बारे में – कश्मीर घूमने गया था, मुंबई के बारे में – देश की आर्थिक राजधानी है, परिश्रम के बारे में – सफलता की कुंजी है – कहा गया है । उद्देश्य के बारे में जो कहा जाता है वह विधेय होता है ।