Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Seven

पाठ ८ – जीवन नहीं मरा करता है

नए शब्द

नीलाम होना – बिक जाना

जिल्द – पुस्‍तक का बाह्य आवरण

शिकन – सिलवट, चिंता

पनघट – वह स्थान जहाँ लोग पानी भरते हैं 

किश्ती – नाव

तम – अंधकार

पतझर – पत्ते झरने की ॠतु

मुखड़ा – चेहरा

 

मुहावरा

गले लगना – प्यार से मिलना

वाक्य : हम जात पात को नहीं मानते. हम दलितों को भी गले लगाते हैं।

जरा सोचो ……… चर्चा करो

यदि सूर्य प्रकाश न होता तो इनपर क्या प्रभाव पड़ता ?

IMG 20231010 023334 पाठ ८ – जीवन नहीं मरा करता है

उत्तर:

वनस्पति : यदि सूर्य प्रकाश न होता तो पृथ्वी पर वनस्पति का नामोनिशान न होता। पेड़-पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ही फोटोसिंथेसिस प्रक्रिया के द्वारा क्लोरोफिल नामक पदार्थ तैयार करते हैं। इसी क्लोरोफिल के कारण पेड़-पौधों का जीवन संभव है। 

 

पशु-पक्षी : यदि सूर्य प्रकाश न होता तो पृथ्वी पर पशु-पक्षी भी न होते सभी पशु और पक्षी किसी न किसी रूप में वनस्पति पर आश्रित होते हैं। शाकाहारी पशु पेड़-पौधे खाकर जीवित रहते हैं। माँसाहारी पशु जीवन-यापन के लिए इन शाकाहारी पशुओं पर निर्भर रहते हैं। यह प्रक्रिया खाद्य श्रृंखला कहलाती है। 

 

मानव: यदि सूर्य प्रकाश न होता तो पृथ्वी पर मानव का अस्तित्व भी संभव न होता। मनुष्य अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए पूरी तरह से वनस्पति जगत पर निर्भर करता है। फल, सब्जी, दाल, चावल, अनाज, कागज, लकड़ी एवं अनेक अन्य चीजें मनुष्य पेड़-पौधों से ही प्राप्त करता है। 

 

अंत में हम कह सकते हैं कि यदि सूर्य प्रकाश न होता तो इस पृथ्वी पर जीवन ही संभव नहीं होता।

सुनो तो जरा

ई न्यूज, आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं अन्य प्रसार माध्यमों आिद से समाचार पढ़ो/सुनाे और मुख्य बातें सुनाओ ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए ।

अध्ययन कौशल

सौरऊर्जा पर टिप्पणी तैयार करो और पढ़ो :

IMG 20231010 023346 पाठ ८ – जीवन नहीं मरा करता है

उत्तर: सौरऊर्जा वह ऊर्जा है जो सोधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। सौरऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु में परिवर्तन लाती है। यह ऊर्जा ही धरती पर सभी प्रकार के जीवन (पेड़- पौधे, जीव-जंतु आदि) का सहारा है।

 

वैसे तो सौरऊर्जा के विविध प्रयोग किए जाते हैं। किंतु सौरऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलना अह है सौरऊर्जा जो रोशनी और उष्मा दोनों रूपों में प्राप्त होती है और कई प्रकार से उपयोग में लाई जाती है। सौर उष्मा का उपयोग अनाज को सुखाने, खाना पकाने, पानी उबलना, पानी शुद्ध करने के लिए तथा बिजली बनाने के लिए किया जाता है।

 

इसके प्रयोग में खामियों भी है। बरसात के दिनों में जब सूर्य किरणे कम मात्रा में मिलती है तो उसका परिणाम उत्पाद पर होता है। फिर भी सौरऊर्जा एक ऐसी ऊर्जा है जिसका स्त्रोत निरंतर मिलता रहेगा, अन्य ऊर्जा स्त्रोतों की तरह नष्ट नहीं होगा।

मेरी कलम से

निम्नलिखित शब्द की सहायता से नए शब्द बनाओ :

IMG 20231010 023357 पाठ ८ – जीवन नहीं मरा करता है

उत्तर: 

IMG 20231010 023807 पाठ ८ – जीवन नहीं मरा करता है

विचार मंथन

।। जीवन चलता ही रहता ।।

सदैव ध्यान में रखो

कालचक्र निरंतर गतिमान है ।

१. निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ लिखो :

(क) ‘लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है ।’

उत्तर: पतझर के मौसम में पेड़ के पत्ते झर जाते हैं और उपवन मुरझा जाता है। परंतु पेड़-पौधों की शाखाओं में फिर से बहार देखने की इच्छा जीवित होती है। वह इच्छा उपवन को मरने नहीं देती और वसंत ऋतु के आते ही उपवन फिर से पल्लवित हो जाता है।

 

(ख) ‘कितनी बार गगरियॉं फूटीं शिकन न पर आई पनघट पर ।’

उत्तर: पनघट पर औरते पानी भरने आती हैं। उनकी गगरियाँ मिट्टी की होती हैं जो लंबे समय तक नहीं टिकती इसलिए फूट जाती हैं। फूटने पर औरतें नई गगरियाँ ले आती हैं और पानी ले जाती हैं। गगरियों के फूटने की चिंता न पनघट करता है न औरतें पनघट पर चहल-पहल वैसी ही बनी रहती है।

 

२. इस कविता का मुख्य आशय लिखो ।

उत्तर: इस कविता में कवि ‘नीरज’ जी ने हमें विविध उदाहरण देकर जीवन की शाश्वतता की ओर संकेत किया है। हम जीवन में कई सपने देखते हैं। सपने पूरे होते हैं तो हमें जीवन सुखमय लगता है और सपने टूट जाने पर हम भी टूट कर बिखर जाते हैं। कवि हमें समझा रहे हैं कि आँसू बहाने से कभी समस्या का हल नहीं निकलता। जीवन में सुख और दुख दोनों आते ही है। अपनों द्वारा ही हमारे साथ छल होता है और हमारी असफलता पर खिल्ली भी उन्हीं द्वारा उड़ाई जाती है। अपनों को खोल से बाहर निकलकर वे पराए हो जाते हैं पर जीवन रुकता नहीं।

 

३. जीवन की शाश्वतता को बताने वाली पंक्‍तियाँ लिखो ।

उत्तर: निम्न पंक्तियाँ जीवन की शाश्वतता बताती हैं।

  • कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।
  • कुछ दीपों के बुझ जाने से आँगन नहीं मरा करता है।
  • कुछ खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता है।
  • लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है।
  • कुछ मुखड़ों की नाराजी से दर्पन नहीं मरा करता है।

भाषा की ओर

पढ़ो, समझो और करो :
() छोटा कोष्ठक, [] बड़ा (वर्गाकार) कोष्ठक, {} मँझला (सर्पाकार) कोष्ठक, ^ हंसपद

IMG 20231010 023437 पाठ ८ – जीवन नहीं मरा करता है

उत्तर:

१. कामायनी (महाकाव्य) कवि जयशंकर प्रसाद 

२. विशाखा लंदन से दिल्‍ली आती है [हवा जैसी] आने की सूचना नहीं देती।

३. बालभारती  हिंदी पुस्तकें है

   सुलभभरती

                                         घर

४. किसी दिन हम भी आपके ^ आएँगे ।