पाठ ५ – जूलिया
जूलिया वासिल्देवना बच्चों की देखभाल करने वाली एक गवर्नेस है। एक बार उसके मालिक उसे घर पर बुलाते हैं और अन्यायपूर्वक उसका वेतन काट लेते हैं, लेकिन डरपोक और दब्बू स्वभाव की होने के कारण जूलिया उनका विरोध नहीं कर पाती है। तब उसके मालिक उसे समझाते हुए कहते हैं कि उन्होंने तो वेतन काटने का सिर्फ नाटक किया था। उसे यह समझाने के लिए कि यह समाज अत्यंत निर्दयी है। यहाँ पर अपना हक छीनकर लेना पड़ता है। अगर व्यक्ति संघर्ष नहीं करेगा तथा अपने अधिकार के लिए आवाज नहीं उठाएगा तो यह समाज उसे जीने नहीं देगा। उस पर अन्याय करता ही रहेगा। इसलिए समाज में रहना है, तो अपने अधिकारों के लिए पूरी शक्ति के साथ लड़ना होगा। क्योंकि डरपोक लोगों के लिए इस समाज में कोई स्थान नहीं है।
रूबल – रूस की मुद्रा/चलन
निर्मम – निर्दयी
भीरु – डरपोक
बोदा – मूर्ख, गावदी, सुस्त
नागा – वह दिन जिस दिन काम न किया हो
मुहावरे
ठग लेना – धोखा देना
वाक्य : किसी को धोखा देकर उससे कुछ ठग लेना चातुरी नहीं, वह तो मूर्खता है।
हड़प लेना – बेईमानी से अधिकार कर लेना दूसरे की वस्तु हजम कर जाना
वाक्य : चीन सीमावर्ती भारतीय राज्यों को हड़प लेना चाहता है।
संभाषणीय
नौकरीपेशा अभिभावकों को अपने बच्चे शिशु-पालन केंद्र में रखने पड़ते हैं-इस संदर्भ में चर्चा कीजिए :
उत्तर: नौकरीपेशा अभिभावकों के लिए शिशु-पालन केंद्र के साथ बच्चों की देखभाल को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा है। आजकल की जीवनशैली में, जहाँ अधिकांश अभिभावक और अभिभाविकाएँ अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए व्यस्त होते हैं, शिशु-पालन केंद्र एक आवश्यकता बन गए हैं।
पहला मुद्दा है करियर और पालना। नौकरीपेशा अभिभावक करियर को प्राथमिकता देना चाहते हैं, और इसके लिए उन्हें बच्चों को सुरक्षित और सुरक्षित स्थान पर छोड़ना पड़ता है, जिसका अर्थ है कि वे उन्हें एक शिशु-पालन केंद्र में रखते हैं। दूसरा, बच्चों की देखभाल का प्रश्न है। शिशु-पालन केंद्र बच्चों के लिए सुरक्षित और सुरक्षित माहौल प्रदान करते हैं, जिससे अभिभावक अपने बच्चों को सही तरीके से पोषण और प्रेम के साथ बढ़ा सकते हैं। तीसरा मुद्दा है समय का प्रबंधन। नौकरीपेशा अभिभावक अपने बच्चों के लिए समय निकालने में कठिनाई का सामना कर सकते हैं, और इसका उपयोग शिशु-पालन केंद्र करता है, जो उन्हें समय का अधिक नियमित रूप से प्रबंधन करने में मदद कर सकता है।
समर्थन, शिशु-पालन केंद्र नौकरीपेशा अभिभावकों के लिए अद्वितीय माध्यम हो सकते हैं जो उन्हें करियर और पालना दोनों को बालंस करने में मदद कर सकते हैं।
लेखनीय
छोटे व्यवसायियों के साथ दिए गए मुद्दों के आधार पर वार्तालाप कीजिए और संवाद के रूप में लिखिए।
उत्तर:
रमेश – नमस्कार! मोहनलाल जी कैसे हैं? बड़े दिनों बाद मुलाकात हुई। अभी आप कौन-सा व्यवसाय कर रहे हैं?
मोहनलाल – नमस्कार रमेश ! मैं अच्छा हूँ। अभी कुछ दिनों पहले ही मैंने अगरबत्ती उद्योग की शुरूआत की है।
रमेश – मोहनलाल जी इतने सारे व्यवसाय के होते आपने इस व्यवसाय का चुनाव क्यों किया ?
मोहनलाल – रमेश, इस व्यवसाय को चुनने का मुख्य कारण है इसमें लागत कम लगती है और लाभ ज्यादा होता है। इसके लिए ज्यादा जगह की भी आवश्यकता नहीं होती है तथा सरकार की तरफ से आसान शर्तों में कर्ज मिलने की भी सुविधा है। अगर आप छोटे स्तर पर शुरूआत करना चाहते हैं तो आप अपने घर से भी इस व्यापार की शुरूआत कर सकते है। सिर्फ व्यापार की शुरूआत करने से पहले आपको व्यापार का रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है।
रमेश – इसके लिए आपको दिन में कितना समय देना पड़ता है ?
मोहनलाल – रमेश इसके लिए मुझे ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि मैंने अपने घर से इसकी शुरूआत की है। इससे मुझे दो फायदे हुए कि मैं अपने परिवार के साथ भी समय बिता सकता हूँ और साथ ही साथ मेरा व्यापार भी चलता रहता है।
रमेश – मोहनलाल जी, क्या आपको इस व्यापार से आनंद मिल रहा है?
मोहनलाल – बिल्कुल रमेश, मुझे बहुत खुशी है कि मैंने इस उद्योग को अपनाया। कमाई के साथ ही साथ मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि मेरे कारण कुछ लोगों को रोजगार मिला । अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अगरबत्ती की भारी माँग है। इसलिए मुझे इस कार्य से बहुत ही आनंद का अनुभव हो रहा है।
रमेश – मोहनलाल जी, इतनी सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ! अच्छा चलता हूँ, नमस्कार ।
मोहनलाल – नमस्कार रमेश ।
श्रवणीय
दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले ‘हास्य कवि सम्मेलन’ की कविताएँ सुनिए और किसी एक कविता का आशय अपने मित्रों को सुनाइए ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
आसपास
घरेलू काम करने वाले लाेगों की समस्याओं की सूची बनाइए ।
उत्तर: घरेलू काम करने वाले लोगों को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, निम्नलिखित है:
१. कम वेतन: घरेलू काम करने वाले लोगों का वेतन अक्सर कम होता है और उन्हें उनकी मेहनत के मुताबिक वेतन नहीं मिलता।
२. काम की बढ़ती ज़िम्मेदारियाँ: घरेलू काम करने वाले लोग अक्सर घर के सभी कामों की ज़िम्मेदारी उठाते हैं, जैसे कि घर की सफाई, खाना पकाना, बच्चों की देखभाल, और और भी कई काम।
३. कम सुरक्षा और सुरक्षा: घरेलू काम करने वाले लोगों को कई बार अपनी सुरक्षा और सुरक्षा का सामना करना पड़ता है, खासतर जब वे अजनबियों के घरों में काम करते हैं।
४. काम की ज़िम्मेदारियों की अधिकता: घरेलू काम करने वाले लोगों को अक्सर काम की ज़िम्मेदारियों की अधिकता होती है, जो उनके स्वास्थ्य और वेतन पर असर डाल सकती है।
५. काम के लिए अच्छा ब्याज़: कई बार घरेलू काम करने वाले लोगों को उनके काम के लिए उचित ब्याज़ नहीं मिलता, और वे अधिक काम करने के लिए कम ब्याज़ पर मजबूर होते हैं।
६. सामाजिक और भावनात्मक प्रेशर: घरेलू काम करने वाले लोगों को सामाजिक और परिवारिक दबाव का सामना करना पड़ता है, जो उनके स्थिति को मजबूत कर सकता है।
पठनीय
किसी अन्य पाठ्यपुस्तक से एकांकी पढ़िए ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
मौलिक सृजन
‘जूलिया की जगह आप होते तो’ ….. विषय पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर: प्रस्तुत पाठ में लेखक ने जूलिया की पात्रता को जिस प्रकार दर्शाया है, उससे यह ज्ञात होता है कि वह एक सीधी-साधी और डरपोक महिला है; जो अन्याय को भी सहन कर लेती है। अगर उसकी जगह मैं होता, तो यह अन्याय कभी भी सहन नहीं करता। क्योंकि अन्याय को सहन करना भी एक प्रकार का अपराध है। अगर मैंने परिश्रम किया है, तो उसका उचित पारिश्रमिक मुझे मिलना ही चाहिए। कार्य को शुरू करने से पहले ही मैं अपने कार्य और वेतन संबंधी सारी चर्चा कर लेता कार्य की समाप्ति पर अगर मालिक पक्ष वेतन देने में आनाकानी करता या झूठे कारण दिखाकर वेतन कम करने का प्रयास करता, तो उसके खिलाफ आवाज उठाता। इसके बाद भी मालिक मेरा पूरा पारिश्रमिक नहीं देता, तो मैं प्रशासन की मदद लेने में भी हिचकता नहीं और अपना पूरा मेहनताना लेकर ही रहता। मैं कायर और डरपोक बनकर अत्याचार नहीं सहता।
पठित गद्यांश पर आधारित कृतियाँ पूर्ण कीजिए :
(१) संजाल पूर्ण कीजिए
उत्तर:
(२) कारण लिखिए :
(क) गृहस्वामी द्वारा जूलिया से माफी माँगना
उत्तर: गृहस्वामी ने जूलिया के साथ एक छोटा-सा क्रूर मजाक किया।
(ख) गृहस्वामी से जूलिया को संसार के साथ लड़ने के लिए कहना
उत्तर: इस संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।
(३) (क) परिच्छेद में प्रयुक्त कोई एक मुहावरा ढूँढ़कर उसका सार्थक वाक्य में प्रयोग कीजिए:
उत्तर: ठग लेना – धोखा देना
वाक्य : गृहस्वामी ने जूलिया के पूरे पैसे न देकर उसे ठग लिया।।
(ख) ‘पर’ शब्द के दो अर्थलिखिए ।
उत्तर: किंतु, पंख
(४) ‘संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है’, इसपर लगभग आठ से दस वाक्यों में अपने विचार लिखिए ।
उत्तर: इस संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है क्योंकि हमारी सामाजिक परिस्थिति ऐसी बन चुकी है कि खामोश रहनेवाले या भयभीत रहनेवाले लोगों के साथ और अधिक अन्याय होता है। डरने के कारण उनका सही हक भी मार लिया जाता है। हमारा किसान सालभर मेहनत करता है लेकिन कुछ लोग उनका अधिकार मार लेते हैं और किसान खामोशी के साथ यह अन्याय सहन करता रहता है। गरीब मजदूर पूरा दिन मेहनत करता है। लेकिन कुछ बोल नहीं पाने के कारण लोग उसके अधिकारों का हनन करते हैं और उसे उचित मेहनताना नहीं मिल पाता है। इसलिए यह समाज ऐसे लोगों के लिए नहीं है जो खामोशी से सारे ज्यादतियों को बर्दाश्त करते हैं। लोग ईमानदारी के साथ अपना कार्य संपन्न करने के बावजूद भी अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं सिर्फ दब्बू और रीढरहित होने के कारण। अतः इस समाज में डरपोक लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।
पाठ के आँगन में
(१) सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :
(क) संजाल :
उत्तर:
दबे स्वर
विनीत स्वर
रोते स्वर
काँपते स्वर
(ख) ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो :
(१) वान्या
उत्तर: कोल्या के बीमार होने पर जूलिया ने किसे पढ़ाया था?
(२) रुबल
उत्तर: रूस की मुद्रा को क्या कहते हैं ?
(२) पाठ में प्रयुक्त अंकों का उपयोग करके मुहावरे लिखिए :
उत्तर:
(१) दो – नौ दो ग्यारह होना । –
(२) एक – एक और एक ग्यारह होना।
(३) उन्नीस – उन्नीस-बीस का फर्क होना।
(४) चार – चार चाँद लगाना।
(५) पाँचों – पाँचों उँगलियाँ घी में होना।
(३) कई बार अज्ञान के कारण गरीबों को ठगा जाता है यह देखकर मेरे मन में विचार आए ____
उत्तर: कई बार जीवन में ऐसी घटनाएँ देखने को मिलती है जिसका प्रभाव बड़े लंबे समय तक रहता है। मैं एक बार एक दवाखाने में बैठा था। मेरे अगल-बगल कई मरीज बैठे थे । उनमें से एक मरीज था जो लगातार खाँस रहा था। उसकी स्थिति देखकर ही मालूम हो रहा था कि वह एक बहुत ही गरीब इंसान है। काफी देर बाद उसका नंबर आया और मेरा नंबर ठीक उसके बाद था इसलिए मैं भी उसके साथ डॉक्टर के चेम्बर के अंदर गया। डॉक्टर ने परीक्षण करने के बाद उसको बहुत सारे टेस्ट लिख दिए और कहा पहले टेस्ट कराकर ले आओ फिर दवाई दूँगा। अज्ञानता के कारण वह डॉक्टर से यह भी नहीं पूछ पाया कि यह टेस्ट उसे क्यों दिए गए हैं? वह गरीब बेचारा चुपचाप अपना सिर झुकाए कमरे से बाहर निकल गया। जो टेस्ट उस डॉक्टर ने दिए थे वो काफी महंगे थे और एक गरीब व्यक्ति के लिए वो सारे टेस्ट एक साथ करवाना मुश्किल का काम था। उस समय मेरे मन में यह विचार आया कि बड़ा होकर मैं भी डॉक्टर बनूँगा और गरीबों की निःशुल्क सेवा करूँगा। गाँव के लोग सीधे-साधे होते हैं और ज्यादा पढ़े-लिखे भी नहीं होते हैं। इसी का फायदा उठाकर लोग मनचाहे ढंग से उन्हें ठगते हैं। विशेषकर डॉक्टर जिन्हें भगवान के बाद सबसे ज्यादा सम्मान की नजरों से देखा जाता है। कुछ लोग इस पवित्र पेशे को बदनाम कर रहे हैं। मैं आगे चलकर एक डाक्टर के रूप में सिर्फ मरीजों की सेवा करूंगा। यही मेरी इच्छा है।
पाठ से आगे
परिचारिका पाठ्यक्रम नर्सिंग कोर्स संबंधी जानकारी अंतरजाल से प्राप्त कीजिए और आवश्यक अर्हता संबंधी चर्चा करें ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
भाषा बिंदु
नीचे दिए गए चिह्नों के सामने उनके नाम लिखिए तथा वाक्यों में उचित विरामचिह्न लगाइए :
उत्तर: