Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Nine

पाठ ११ – स्‍वतंत्रता गान

This lamp of freedom should always be kept burning. No matter how dark it is or how strong the wind is blowing, today this lamp should be kept burning at the door of every house in the country. This lamp is bringing a new dawn into the darkness of dependence.

 

This gift of freedom has been received with great vigour by the freedom fighters and has been handed over to the powerful hands of the new generation. The leaders of the country have devotedly entrusted this lamp into the hands of the youth, with the hope that they will never let it go out. no matter how fast the flow of water is. The boat is moving fast. Today this lamp should not be extinguished on the Ganges. This lamp of freedom is like life for us Indians.

 

I don’t know how many centuries ago we imagined this freedom. We humbly prayed to the foreign invaders to set us free. This feeling of freedom of ours is very sacred. We Indians have meditated for this freedom since time immemorial. Whether there is peace or unrest in the country or in the world, whether it is the time of war or the time of treaties, whether it is time for revolution, this lamp should not be extinguished at any place, be it the arrow of the river or the bottom of the river. This lamp is like an extension of light for society and the country.

 

Even if there are only three or four flowers, there is dusty vegetation around, be it tall bamboo or even acacia. A sheet of grass should be spread all around. When the wind blows, a wave will arise in that grass. Whether the wind blows or shakes rapidly, whether it is someone’s grave or a tomb, this lamp should not be extinguished at any time or place. It is as if many heroes have sacrificed their lives for the country by becoming martyrs.

 

Clouds of anarchy are hovering all over the country. Many problems are stirring like a storm before the leaders of the country. The people of the country are fighting among themselves for various reasons. Somewhere there is a clash of languages, for some other reason. But this lamp of freedom should not be extinguished because of these small things. It is the happy expression of the free spirit in the heart of every Indian.

बयार – हवा

निशीथ – निशा, रात

विहान – सवेरा

कछार – किनारा

वितान – आकाश, गगन

दुकुल – दुपट्टा

हिलोर – लहर

संभाषणीय

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम संबंधी पढ़ी/सुनी किसी प्रेरणादायी घटना/प्रसंग पर चर्चा कीजिए :

उत्तर: 

आज़ाद हिन्द फ़ौज (१९४२)

 

आज़ाद हिन्द फ़ौज (आईएनए) की स्थापना मूल रूप से सितंबर १९४२ में जापान के भारतीय युद्ध-बंदियों के साथ सिंगापुर में कैप्टन मोहन सिंह द्वारा की गई थी।

 

१९४३ में सुदूर पूर्व में सुभाष चंद्र बोस के आगमन के साथ एक मुक्ति सेना के विचार को पुनर्जीवित किया गया था। जुलाई में, सिंगापुर में एक बैठक में, रासबिहारी बोस ने संगठन का नियंत्रण सुभाष चंद्र बोस को सौंप दिया।

 

इसमें लगभग ८५,००० नियमित सैनिक शामिल थे, जिनमें एक अलग महिला इकाई, झांसी की रानी रेजिमेंट (रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर) शामिल थी, जिसे एशिया में अपने तरह की पहली सेना माना जाता है।

 

श्रवणीय

क) राष्ट्रभक्ति पर आधारित कोई कविता सुनिए ।

उत्तर: 

नमन तुमको मेरा…

– अनंत प्रसाद ‘रामभरोसे’

 

सूर्य-चंदा और तारे

के सुखद मनहर नजारे

 

हैं सजाते देश को नित

स्वर्ण किरणों के सहारे,

 

गोधुली जिसकी सुहानी

सुखद है जिसका सवेरा

नमन तुमको देश मेरा।

 

अहा! पर्वत और घाटी

धन्य अपनी धूल माटी

अर्चना में लिप्त जिसकी

वेद मंत्रों के सुपाठी,

 

देवताओं की धरा यह

साधु-संतों का बसेरा

नमन तुमको देश मेरा। 

 

हम चले सबको जगाने

जागरण का गीत गाने

विश्वगुरु फिर से बनाने,

 

उठ गए हैं हम धरा से

अब मिटाने को अंधेरा

नमन तुमको देश मेरा। 

 

ख) अपने देश की विविधताएँ सुनिए ।

उत्तर: भारत एक ऐसा देश है जहां पूरी दुनिया अनेकता में एकता देखती है। जाति, धर्म, समाज, भाषा आदि की विविधताओं के बावजूद सभी लोगों में भाईचारे की भावना अधिक है। भारतीय संस्कृति का विश्व में कोई सानी नहीं है। यहां धरती, जंगल, पहाड़, पेड़, जानवर और नदियों की पूजा की जाती है। भारत भूमि को माता का दर्जा दिया गया है। गंगा, जमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में माताओं का गौरव है। 

इस देश में हरियाली है; किसान खेतों और खलिहानों में मेहनत करता है और पूरे देश का पेट भरता है। ऐसा सिर्फ भारत में होता है, जहां पूरा देश किसान को अन्नदाता के रूप में देखता है। भारत देश में हर जाति और धर्म के लिए अलग-अलग त्योहार हैं, लेकिन इन त्योहारों को सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं। यह देश मोतियों की एक अनमोल माला के समान है, जिसमें विभिन्न जातियों, धर्मों, संप्रदायों और राज्यों के मोती एक साथ भाईचारे के मजबूत धागे से बंधे हुए हैं।

 

लेखनीय

समूह बनाकर भारत की विशेषता बताने वाले संवाद का लेखन कीजिए तथा समारोह में उसकी प्रस्तुति कीजिए।

उत्तर: 

अनिल : मित्रो, चार दिन बाद स्वतंत्रता दिवस समारोह है। क्यों न हम अपनी कक्षा की ओर से एक कार्यक्रम की प्रस्तुति करें ।

अशोक : अच्छा विचार है अनिल कुछ सोचा है कि क्या दिखाएँगे? अदित: यदि हम अपने देश की विशेषताओं के बारे में कुछ बताएँ ?

उदय : अदित, तुम्हारा सुझाव बहुत अच्छा है। हम अभी से काम शुरू करते हैं। एक सूची बनाते हैं कि किन-किन विशेषताओं को इस प्रस्तुति में शामिल करें।

सलिल : प्राचीन काल से लें। आर्यभट्ट ने यहीं पर शून्य का आविष्कार किया था।

अनिल : सुश्रुत, पाणिनि, कालिदास जैसे व्यक्ति यहीं हुए हैं। 

अशोक : महावीर और बुद्ध जैसे त्यागी, सम्राट अशोक जैसे अहिंसाव्रती को क्यों भूल रहे हो मेरे भाई ?

उदय : साहित्य के क्षेत्र में प्रथम एशियन नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ ठाकुर भारतीय ही थे।

अदित: भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले वीर तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, शहीद चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह, सुखदेव, अशफाकउल्ला आदि का नाम आने वाले समय में भी याद रखा जाएगा।

सलिल : और महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन, आजादी के बाद होने वाला विकास नदी बाँध योजनाएँ, हरित – क्रांति, श्वेत क्रांति आदि।

अशोक : सलिल इतना ही नहीं, शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक उच्च स्तरीय संस्थान अपने देश में हैं, जहाँ शिक्षा पाने का सपना प्रतिवर्ष न जाने कितने विदेशी छात्र छात्राएँ देखते हैं।

उदय : और यहाँ के धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों, सांस्कृतिक मेलों आदि को देखने के लिए लाखों विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष हमारे देश में आते हैं।

उदय : और इन सबसे भी महत्त्वपूर्ण है हमारे प्यारे भारत की संस्कृति। यहाँ धर्म, भाषा, बोली, रहन-सहन, खान-पान, उत्सव आदि में इतनी अधिक विभिन्नता है फिर भी हम सब भारतवासी मिल-जुलकर प्रेमपूर्वक रहते हैं।

 

पठनीय

भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र संबंधी जानकारी पढ़िए और छोटी-सी टिपण्णी तैयार कीजिए।

उत्तर: छात्रों को इंटरनेट का संदर्भ लेना चाहिए, भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र पर जानकारी पढ़नी चाहिए और उस पर एक संक्षिप्त नोट तैयार करना चाहिए

कल्पना पल्लवन

‘विश्व स्तर पर भारत की पहचान निराली है’, स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: भारत देश की विश्व स्तर पर एक विशेष पहचान है। यह विश्व का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है। हमारी संस्कृति प्राचीन काल से ही विकसित रही है। महावीर और बुद्ध जैसे त्यागी यहीं हुए हैं। सम्राट अशोक ने युद्ध की विभीषिका से त्रस्त होकर सदा के लिए हिंसा का त्याग कर दिया। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए ब्रिटिश साम्राज्य के पाश से देशवासियों को मुक्त कराया। स्वतंत्रता के पश्चात भारत ने धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को अपनाया। यहाँ अनेक धर्म, विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले लोग मिलजुलकर रहते हैं। आधुनिक काल में विश्व के विकसित देशों में इंजीनीयरिंग हो या मेडिकल, खेल हों या सौंदर्य प्रतियोगिताएँ, सभी क्षेत्रों में भारतीय अपना योगदान दे रहे हैं।

पाठ से आगे

अंतरजाल/ग्रंथालय से ‘दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन’ (सार्क) में भारत की भूमिका की जानकारी प्राप्त करके टिप्पणी लिखिए।

उत्तर: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) दक्षिण एशिया के आठ देशों का एक आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। सार्क में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से भारत न केवल सार्क में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है बल्कि संगठन की अधीनता में भी 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखता है। संगठन के देशों में भारत का सर्वाधिक व्यापार बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान से होता था। अफगानिस्तान हो या बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, मालदीव या नेपाल, भारत हर किसी की आर्थिक मदद करता रहा है।

पाठ के आँगन में

(१) ‘यह स्वतंत्र भावना का स्वतंत्र गान है’ इस पंक्ति मेंआई कवि की भावना स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: भारतीय स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए किए गए संघर्ष का इतिहास बहुत लंबा है। देशवासियों के सैंकड़ों वर्षों के अनथक प्रयासों और बलिदानों के फलस्वरूप स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई है। सभी देशवासी प्रसन्न हैं, क्योंकि लंबे समय तक विदेशियों की गुलामी के बाद आजादी की हवा में साँस लेने का अवसर भारतवासियों को मिला है। वे हर परिस्थिति में इस स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखना चाहते हैं। देशवासियों के छोटे-छोटे विभिन्न मतभेदों का प्रभाव चिर प्रतीक्षित स्वतंत्रता पर नहीं पड़ना चाहिए। प्रत्येक देशवासी की यही भावना है।

 

(२) उचित जोड़ियाँ मिलाइए :

अतीत
प्रार्थना
पुनीत
साधना
अनंत
भावना
विनीत
कल्पना
अशांति

उत्तर:

अतीत
कल्पना
पुनीत
भावना
अनंत
साधना
विनीत
प्रार्थना

Leave a Reply