पाठ ७ – मेरे रजा साहब
प्रस्तुत पाठ लेखिका और कलाकार सुजाता बजाज तथा प्रसिद्ध चित्रकार सैयद हैदर रजा के विषय में संस्मरण है। रजा साहब ने लेखिका की चित्रकला से प्रभावित होकर उन्हें पेरिस आने के लिए प्रेरित किया था। पेरिस में रजा साहब लेखिका के स्थानीय अभिभावक थे। प्रस्तुत संस्मरण में लेखिका ने रजा साहब के व्यक्तित्व के अनेक पहलुओं जैसे कला के प्रति उनका प्रेम, युवा कलाकारों को प्रेरणा देना, अपनी कृतियों के लिए लगाव, सर्वधर्म समभाव आदि गुण से पाठकों को परिचित कराया है।
करीने से – तरीके से, सलीके से
समालोचक – गुण-दोष आदि का प्रतिपादन करने वाला
जिज्ञासा – उत्सुकता
अनहोनी – असंभव, न होने वाली
मौलिक सृजन
‘कला से प्राप्त आनंद अवर्णनीय होता है।’ इसपर अपने मत लिखो।
उत्तर: मानव एक सामाजिक प्राणी है। अन्य प्राणियों के समान उसकी भी आवश्यक आवश्यकताएँ भोजन, पानी, निवास स्थान हो होतो हैं। परंतु बुद्धिशील मनुष्य को केवल इतना प्राप्त करके संतोष नहीं होता। उसके लिए मानसिक भूख शांत करना भी आवश्यक होता है। इसके लिए कुछ लोग संगीत कला का आश्रय लेते हैं. कुछ चित्रकला का. कुछ मूर्तिकला का । कला की साधना ऐसी अभिरुचि है. जिसमें व्यस्त होकर मनुष्य ऐसा आनंद पाता है कि दुख-दर्द तो क्या स्वयं तक को भूल जाता है। कला ही है, जिसमें मानव मन में संवेदनाएँ उभारने प्रवृत्तियों को ढालने, चिंतन को मोड़ने तथा अभिरुचि को दिशा देने की अद्भुत क्षमता है। कला में ऐसी शक्ति होती है कि इसमें डूबकर मनुष्य परम आनंद को प्राप्त कर सकता है। मनोरंजन, सौंदर्य, उल्लास न जाने कितने तत्त्वों से भरपूर है यह।
लेखनीय
हस्तकला प्रदर्शनी में किसी मान्यवर को अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित करने के लिए निमंत्रण पत्र लिखो।
उत्तर:
१२ सितंबर, २०२२
सेवा में,
माननीय अध्यक्ष
जहांगीर आर्ट गैलरी,
मुंबई, महाराष्ट्र।
विषय: अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित करने हेतु।
मा. महोदय,
मेरा नाम आदर्श अमान है । मैं सेंट मैरिज हाई स्कूल का का प्राचार्य हूँ ।
माननीय महोदय जी हमारे विद्यालय में २५ सितंबर, २०२३ को हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा । इस प्रदर्शनी में भारत के विविध राज्यों के हस्तशिल्पों का दर्शन होगा । खास बात यह है कि इस प्रदर्शनी में जो भी चीजें प्रदर्शित की जाएंगी उन्ह सभी चीजों का निर्माण हमारे विद्यालय के नन्हें-मुन्ने कलाकारों के माध्यम से होगा । इस प्रदर्शनी का अध्यक्ष पद आप ग्रहण करेंगे तो हमें खुशी होगी और हमारे छात्रों को प्रोत्साहन मिलेगा ।
मैं आशा करता हूँ कि आप इस प्रदर्शनी का अध्यक्ष पद ग्रहण कर हमें कृतज्ञ करेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय,
अमान खान (प्राचार्य)
सेंट मैरीज हाई स्कूल।
पठनीय
अंतरजाल से ग्राफिक्स, वर्ड आर्ट, पिक्टोग्राफ संबंधी जानकारी पढ़ो और उनका प्रयोग कहाँ-कहाँ हो सकता है, यह बताओ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
श्रवणीय
दूरदर्शन पर किसी कलाकार का साक्षात्कार सुनो और कक्षा में सुनाओ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
संभाषणीय
किसी प्रसिद्ध चित्र के बारे में अपने मित्रों से चर्चा करो।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
स्वाध्याय
सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-
(१) संजाल पूर्ण करो :
उत्तर:
(२) कृति पूर्ण करो :
उत्तर:
(३) सूची तैयार करो :
१. पाठ में आए विविध देशों के नाम।
उत्तर:
पेरिस
मुंबई
न्यूयॉर्क
लंदन
२. पाठ में उल्लिखित विविध भाषाएँ।
उत्तर:
हिंदी
उर्दू
अंग्रेजी
फ्रेंच
(४) कृति पूर्ण करो :
उत्तर:
भाषा बिंदु
पाठ्यपुस्तक से दस वाक्य चुनकर उनमें से उद्देश्य और विधेय अलग करके लिखो।
उत्तर:
(१) तीसरी बहन बस सोचती रही।
उद्देश्य : तीसरी बहन
विधेय : बस सोचती रही।
(२) मेरी लड़की ने मुझसे पूछा ।
उद्देश्य : मेरी लड़की ने
विधेय : मुझसे पूछा ।
(३) सभी लोग सकते में आ गए।
उद्देश्य : सभी लोग
विधेय : सकते में आ गए।
(४) रजा साहब उस रात सपने में
उद्देश्य : रजा साहब
विधेय : उस रात सपने में आए।
(५) श्रीमती जी ने घड़ी में अलार्म लगा दिया।
उद्देश्य : श्रीमती जी ने
विधेय : घड़ी में अलार्म लगा दिया।
(६) नया ठेकेदार ईमानदार था।
उद्देश्य : नया ठेकेदार
विधेय : ईमानदार था।
(७) जीभ ने नम्रता बनाए रखी।
उद्देश्य : जीभ ने
विधेय : नम्रता बनाए रखी।
(८) ग्रामीण नदी में कूदा ।
उद्देश्य : ग्रामीण
विधेय नदी में कूदा ।
(९) मैं अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने लगा।
उद्देश्य : मैं
विधेय : अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने लगा।
(१०) राजा ने राजकुमारी को गले लगा लिया।
उद्देश्य : राजा ने
विधेय : राजकुमारी को गले लगा लिया।
उपयोजित लेखन
‘जहाँ चाह होती है वहाँ राह निकल आती है’, इस सुवचन पर आधारित अस्सी शब्दों तक कहानी लिखिए।
उत्तर: महेश गाँव से नाशिक शहर में आई एक गरीब कामवाली का पुत्र था। उसे पढ़ने का बहुत चाव था। जब भी अवसर मिलता, वह बच्चों के कमरे में आकर बैठ जाता और बड़ी हसरत से उनकी किताबों को देखा करता । उसके ऐसे लगाव को देखकर मालकिन ने उसे पास के सरकारी स्कूल में भर्ती करा दिया। घर पर भी मालकिन के बच्चे पढ़ाई में उसकी मदद करने लगे। महेश बहुत जल्दी अपनी बुद्धिमत्ता के कारण शिक्षकवर्ग की निगाहों में आ गया। प्राचार्य उसमें रुचि लेने लगे। एक अभिभावक के समान समय-समय पर उसकी प्रगति के बारे में पूछने लगे। महेश हर कक्षा में प्रथम आता। बारहवीं कक्षा में उसने
पूरे महाराष्ट्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया और आई. आई. टी., मुंबई में प्रवेश लिया। प्राचार्य अभी भी उसे निरंतर प्रेरणा प्रोत्साहन देते रहते। महेश वर्ष प्रतिवर्ष तरक्की की सीढ़ियाँ चढ़ता रहा। यहाँ उसकी प्रतिभा और अधिक खिली। अंतिम वर्ष में उसे स्वर्ण पदक मिला और तुरंत ही उसे विदेश में नौकरी मिली उस वर्ष की सबसे अधिक सालाना आय पर देश के तमाम समाचारपत्रों में महेश का इंटरव्यू छपा, जिसमें उसने केवल एक ही बात पर जोर दिया कि उसकी इच्छा है अपने गाँव में आर्थिक रूप | से पिछड़े परिवारों के बच्चों के लिए एक स्कूल खोलना । प्रदेश के शिक्षा मंत्री का ध्यान इस वक्तव्य पर गया। उन्होंने अपने विभाग को इस बारे में निर्देश दिए। सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा हुई। बहुत कम समय में ही अनेक समाजसेवी संस्थाओं ने महेश से संपर्क किया और सबके मिले प्रयासों के फलस्वरूप अगले सत्र तक महेश के गाँव में एक नया स्कूल तैयार हो गया, जहाँ निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था थी ।
स्वयं अध्ययन
किसी गायक/गायिका की सचित्र जानकारी लिखो।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।