Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Eight

पाठ २ - दो लघुकथाएँ

शब्द वाटिका :

तगारी – बड़ा तसला, घमेला

कलुषित – अपवित्र, दूषित

ललक – लालसा, तीव्र इच्छा

अवसरवादी – स्‍वार्थी, मतलबी

बयान – चर्चा, आवाज, कथन

 

मुहावरा :

१. लोहा मानना – श्रेष्‍ठता काे स्‍वीकर करना 

वाक्य : वह ऐसे प्रतिभावान थे कि अच्छे-अच्छे विद्वान उनका लोहा मानते थे।

 

२. रँगे हाथ पकड़ना – अपराध करते हुए प्रत्‍यक्ष पकड़ना

वाक्य : रेलवे अधिकारीयो ने दुर्गाराम को रेलवे का समान बेचते हुए रंगे हाथो पकड़ लिया ।

मौलिक सृजन

‘विनम्रता सारे सद्गुणों की नींव है’ विषय पर अपने मन के भाव लिखो ।

उत्तर: वीरता की विशेषता विनम्रता है। विनम्रता एक महान गुण है जो आपके व्यक्तित्व को निखारता है और आपको जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता दिलाता है। एक दयालु और कोमल मन होना और सभी स्थितियों में विनम्रता से व्यवहार करना महत्वपूर्ण है। अगर दुनिया में हर कोई विनम्र होता, तो दुनिया एक और खूबसूरत जगह होती। इससे ज्यादा हम नहीं मांगेंगे। परिवार में विवाद कम होगा। सब प्रेम से मिलजुल कर रह सकेंगे। मैं चाहता हूं कि हर किसी में वह विनम्रता हो जो बहुत महत्वपूर्ण है।

 

विनम्रता सभी सद्गुणों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसका अर्थ है अहंकार या अभिमान से बचना। विनम्रता के अभाव में लड़ने की संभावना अधिक होती है। जब मनुष्य विनम्र होता है तो उसकी शक्ति उसे ऊर्जा प्रदान करती है, क्योंकि विनम्रता सभी गुणों का आधार है। जब व्यक्ति विनम्रता से जीवन जीना सीख जाता है तो वह हंसी के साथ कोई भी समस्या का सामना कर सकता है। विनम्र व्यक्ति के आगे कठोर हृदय भी झुक जाता है।

संभाषणीय

‘इंद्रधनुष के सात रंग, रहें हमेशा संग-संग’ इस कथन के आधार पर कहानी बनाकर अपने सहपाठियों के सामने प्रस्‍तुत करो । 

उत्तर: एक बार एक बूढ़ा किसान था जिसके सात बेटे थे। वे हमेशा आपस में झगड़ते रहते थे। किसान बहुत दुखी हुआ। उसने उन्हें झगड़ा न करने की शिक्षा दी, परन्तु उन्होंने न मानी। एक दिन किसान बीमार पड़ा और उसका समय आ गया। उसने एक युक्ति निकाली और अपने सात पुत्रों को उसमें बुला लिया। उसने उन्हें लाठियों का गट्ठर दिया। उसने उनसे गठरी तोड़ने को कहा। लेकिन सातों में से कोई भी उस गठरी को नहीं तोड़ सका। अब पोटली खुल गई है। किसान ने अपने बेटों से एक-एक करके लाठी तोड़ने को कहा। प्रत्येक पुत्र ने लाठी को आसानी से तोड़ा। इस पर पिता ने पूछा, “बताओ, इससे तुम्हें क्या शिक्षा मिलती है?” तब बड़ा बेटा बोला, “पिताजी, हम समझ गए हैं कि एकता में बल होता है।” जब तक हम साथ हैं तब तक हमें कोई नहीं तोड़ सकता। जब हम अलग होते हैं तो हमारी शक्ति आधी हो जाती है। इसलिए पापा हम आपसे वादा करते हैं कि अब हम सात भाई हमेशा साथ रहेंगे, जैसे “इंद्रधनुष के सात रंग हमेशा साथ रहते हैं,” वैसे ही हमें भी साथ रहना चाहिए। इंद्रधनुष से हमें जो सीख मिलती है वह यह है कि एकता में बल होता है।

श्रवणीय

किसी समारोह का वर्णन उचित विराम, बलाघात, तान-अनुतान के साथ ‘एकाग्रता’ से सुनो और यथावत सुनाओ ।

उत्तर: 

आज हमारे मोहल्ले के खेल के मैदान को चारों तरफ से सजाया गया है। आज मोहल्ले की हर गली के दोनों ओर चूने की सफेद पट्टी लगा दी गई है। मोहल्ले के मुख्य द्वार पर लोहे का बड़ा दरवाजा बनाया गया है और उस पर एक पोस्टर भी लगाया गया है. 

 

उस पोस्टर पर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘मुख्यमंत्री आपका स्वागत है’ लिखा हुआ है और पोस्टर के एक तरफ उनकी बड़ी सी तस्वीर है. उसी दरवाजे पर हमारे जिले और हमारे राज्य की पुलिस मुस्तैद खड़ी थी और सुरक्षा के सारे इंतजाम देख रही थी. गेट से अंदर घुसते ही नीचे जमीन पर हरा कालीन बिछा हुआ था और उसके दोनों ओर गमले लगे हुए थे। जमीन पर एक बड़ा सा मंच सजाया गया था, जहां मुख्यमंत्री के बैठने की व्यवस्था थी. मंत्री की कुर्सी के पास कुछ और कुर्सियाँ रखी थीं; मंच के नीचे की तरफ अन्य लोगों और हम सभी के बैठने के लिए कुर्सियाँ भी रखी हुई थीं और थोड़ी ही दूरी पर पास में ही जलपान की समुचित व्यवस्था थी।

पठनीय

श्रमनिष्‍ठा का महत्‍त्‍व बताने वाला कोई निबंध पढ़ो ।

उत्तर: 

श्रमनिष्‍ठा का महत्‍त्‍व

मनुष्य के पास श्रम के अतिरिक्त कोई वास्तविक सम्पत्ति नहीं है । यदि यह कहा जाये कि, श्रम ही जीवन है तो यह गलत न होगा । जीवन में श्रम अनिवार्य है । गीता में श्रीकृष्णा ने कर्म करने पर बल दिया है । मानव देह मिली है तो कर्म करना ही पड़ेगा ।

 

जो पुरुषार्थ करता है वह पुरुष है । यह सारा संसार बड़े-बड़े नगर, गगनचुंबी भवन, हवाई जहाज, रेलगाड़ियाँ, स्कूटर तथा अन्य कई प्रकार के वाहन, विशाल कारखाने, टी.वी. तथा सिनेमा आदि सभी मानव के पुरुषार्थ की कहानी कहते हैं ।

 

कर्म करना जीवन है तो कर्म का न करना मृत्यु । श्रम न करने से ही जीवन नर्क बनता है और कर्म करने से स्वर्ग । ईमानदारी से श्रम करने से मानव फरिश्ता कहलाता है और श्रम न करने से शैतान । जैसा कि, कहा भी गया है खाली दिमाग शैतान का घर होता है । श्रम दो प्रकार का होता है – शारीरिक तथा मानसिक । किसी वस्तु, अर्थ धन अथवा उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किये गये प्रयत्न का नाम श्रम है ।

 

श्रम अपने आप में ही एक लक्ष्य है । श्रम करके चित्त प्रसन्न होता है । देह तंदरूस्त रहती है । व्यक्ति उन्नति करे अथवा न करे परिवार अथवा समाज में सम्मान मिलता है । किन्तु यह होता नहीं है कि व्यक्ति श्रम करे और वह उन्नति न करे । श्रम करने वाला व्यक्ति सदैव उन्नति करता है ।

 

बड़े-से-बड़े तेज और समर्थ व्यक्ति तनिक आलस्य से जीवन की दौड़ में पिछड़ जाते हैं किन्तु श्रम करने वाले व्यक्ति तनिक दुर्बल भी दौड़ में आगे निकल जाते हैं । इस सम्बन्ध में कछुए और खरगोश की कहानी को स्मरण किया जा सकता है । खरगोश तेज गति से चलता है । वह अपने तेज चलने पर बहुत गर्व करता है ।

 

सबको मालूम है कि कछुआ बहुत धीमी गति से चलता है । दोनों का दौड़ होती है । कछुआ लगातार चलता रहता है तथा परिणामस्वरूप गंतव्य पर पहले पहुँच जाता है । किन्तु खरगोश आलस्य करता है और पिछड़ जाता हें । श्रम करने वाला व्यक्ति कभी भी हारता नहीं है । मेहनत के बूते पर अति साधारण छात्र चकित करने वाले परिणाम दे जाते हैं ।

 

दूसरी ओर होनहार और मेधावी छात्र अपने आलस्य के कारण कुछ नहीं कर पाता । सेमुअल जॉनसन ने कहा है, “जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता पूरे जन्म के श्रम द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है । इससे कम मूल्य पर इसको खरीदा ही नहीं जा सकता है ।”

लेखनीय

किसी समारोह के मुख्य बिंदुओं, एवं मुद्दों को पढ़ो । इनका पुन: स्‍मरण करके लिखो । 

उत्तर: २४ सितंबर २०२२ को हमारे विद्यालय में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विशेष अतिथियों को बुलाया गया कुछ छात्रों ने नाटक भी प्रस्तुत किए। उसके बाद शिक्षकों ने मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित किया और उन्हें पुरस्कार दिया। कुछ शिक्षकों ने हिंदी दिवस पर भाषण भी दिया और हमें हिंदी भाषा का ज्ञान होने के लिए प्रोत्साहित किया यह हमारे विद्यालय का मुख्य महोत्सव होता है। जिसमें सभी शिक्षक और छात्र बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

 

समारोह के मुख्य बिंदु :-

१. समारोह का प्रथम मुख्य बिंदु है समारोह किस उपलक्ष में मनाया जा रहा है ताकि उसके आधार पर समारोह की सजावट की जा सके l

२. दूसरा मुख्य बिंदु समारोह में आ रहे अतिथियों के स्वागत की विशेष तैयारी की जानी चाहिए l

३. समारोह का मुख्य द्वार समारोह के उपलक्ष के आधार पर सजाया जाना चाहिए l

४. समारोह में जिस उत्सव को या दिवस को मनाया जा रहा है l उस दिवस पर आधारित भाषण नाटक और कविता तैयार की जानी चाहिए l

५. समारोह में आ रहे अतिथियों के स्वागत के साथ-साथ उनके भोजन की भी उचित व्यवस्था की जानी चाहिए l

* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :

(१) संजाल पूर्ण करो :

IMG 20230320 151924 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

उत्तर:

IMG 20230320 085606 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

(२) उत्‍तर लिखो :

१.

IMG 20230320 085505 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

उत्तर:

IMG 20230320 085424 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

२.

IMG 20230320 085531 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

उत्तर:

IMG 20230320 085444 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

(३) विधानों के सामने चौखट में सही (✓) अथवा गलत (✗) चिह्न लगाओ :

१. जिह्‌वा ने अविवेक पूर्ण उत्‍तर दिया । 

उत्तर: गलत (✗)

 

२. दाँत घमंडी थे ।

उत्तर: सही (✓)

 

३. सभी अपराधियों को नियमानुसार सजा नहीं हुई । 

उत्तर: गलत (✗)

 

४. ठेकेदार पुराना था ।

उत्तर: गलत (✗)

(४) उचित जोड़ियाँ मिलाओ :

उत्तर
१. बहुमंजिला
१. ईमानदार
२. अधिकारी
२. इमारत
३. नया ठेकेदार
३. भ्रष्‍ट
४. सार्वजनिक समारोह
४. अनुभवी
५. सम्‍मान

उत्तर:

उत्तर
१. बहुमंजिला
२. इमारत
१. ईमानदार
२. अधिकारी
३. भ्रष्‍ट
२. इमारत
३. नया ठेकेदार
१. ईमानदार
३. भ्रष्‍ट
४. सार्वजनिक समारोह
५. सम्‍मान
४. अनुभवी

भाषा बिंदु

निम्‍नलिखित शब्दों के आधार पर मुहावरे लिखकर उनका अपने वाक्‍यों में प्रयोग करो ।

ईंट 

उत्तर: 

मुहावरा : ईट से ईट बजाना

अर्थ : अंतिम दम तक लड़ना। 

वाक्य : मैं उसकी ईट से ईंट बजा दूंगा पर हार नहीं मानूंगा।

 

जान 

उत्तर: 

मुहावरा : जान से जाना

अर्थ : मरना।

वाक्य : शहर में तेंदुए के आने से सब घबरा गए थे। जब जंगल विभाग वालो ने उसे पकड़ लिया तब जाकर सबकी जान में जान आई।

 

पानी 

उत्तर: 

मुहावरा : पानी पानी होना

अर्थ : लज्जित होना।

वाक्य : अध्यापक द्वारा कक्षा में पकड़े जाने पर रमेश शर्म से पानी पानी हो गया।

 

खिचड़

उत्तर: 

मुहावरा : खिचड़ी पकाना

अर्थ : गुप्त बात या षडयंत्र करना।

वाक्य : भारत की बढ़ती ताकत से परेशान हो कर हमारे पडोसी पाकिस्तान और चीन दोनों मिल कर भारत के खिलाफ खिचड़ी पकाते रहते हैं।

उपयोजित लेखन

‘जल के अपव्यय की रोकथाम’ संबंधी चित्रकला प्रदर्शनी का आकर्षक विज्ञापन तैयार करो ।

उत्तर:

IMG 20230320 094630 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

स्‍वयं अध्ययन

किसी ग्रामीण और शहरी व्यक्‍ति की दिनचर्याकी तुलनात्‍मक जानकारी प्राप्त करके आपस में चर्चा करो ।

उत्तर: 

शहरी व्यक्ति की दिनचर्या

शहरी व्यक्ति की दिनचर्या भागदौड़ वाली होती है, वह सुबह उठकर तैयार होकर ऑफिस या दुकान या अपने काम पर जाता है। नाश्ता भी जल्दी जल्दी करता है, कभी कभी बिना खाए ही चला जाता है। ऑफिस में खाना खाता है, पूरा दिन कंप्यूटर या लैपटॉप में आंखें गड़ाए काम करता है, शाम को घर लौटते हुए ट्रेन या बस की भीड़ में उसकी बची खुची शक्ति भी पूर्ण हो जाती है। घर आकर उसे सुकून मिलता है छुट्टी के लिए तरसता है। नींद के लिए तरसता है।

 

ग्रामीण व्यक्ति की दिनचर्या

दूसरी ओर ग्रामीण जीवन में शांत वातावरण है। ग्रामीण व्यक्ति सुबह उठकर सबसे पहले भगवान का नाम लेता है। प्रार्थना करता है। फिर बिना घी की दो रोटियां बांधकर खेत चला जाता है, खेत में पूरे दिन मेहनत करके सूर्यास्त से पहले घर लौट जाता है। घर आकर खाना खाता है, परिवार के साथ समय बिताता है व जल्द ही सो जाता है।