Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Nine

पाठ ६ – ऐ सखि !

कवि अपनी पहेलियों के माध्यम से बताते हैं कि रात के समय आने वाला और सुबह घर चले जाने वाला तारा है। सबकी शादी कराने वाला और मीठे बोल वाला ढोल है । जल पिला कर प्यास बुझाने वाला लोटा है। सोते समय काट कर जगाने वाली मक्खी है। सुंदर रंगवाला, गुणवान और राम भजन किए बिना न सोने वाला तोता है। अर्धरात्रि को घर आने वाला और सुंदरता का भंडार चाँद है। आँखों की शोभा बढ़ाने वाला और आँखों से एक क्षण भी दूर न होने वाला काजल है। ‘जीवन’ नाम से प्रसिद्ध और क्षण में हृदय की पीड़ा दूर करने वाला जल है। आते ही प्रसन्नता लानेवाला और छाती को शीतल करने वाला पत्र है।

अचरज आश्चर्य
तपन गरमी, ताप
अर्धनिशा आधी रात
भौन भवन
अंजन काजल
हिय हृदय
बेर-बेर बार-बार

रात समय वह मेरे आवे । भोर भये वह घर उठि जावे ।।

यह अचरज है सबसे न्यारा । ऐ सखि साजन ? ना सखि तारा ।।

 

अर्थ: प्रस्तुत कविता में नायिका अपनी सखी से पहेलियाँ बुझाते (पूछते हुए कहती है कि रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह आश्चर्य सबसे न्यारा है। उसकी सखी पूछती है कि क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह तारा है।

 

English Translation:

In the presented poem, the heroine puzzles her friend, asking that he come to me at night. He wakes up in the morning and goes home. This surprise is unique. Her friend asks if he is her husband. The heroine replies, No, friend, he is a star.

 

 

वह आवे तब शादी होय । उस दिन दूजा और न कोय ।।

मीठे लागे वाके बोल । ऐ सखि साजन ? ना सखि ढोल ।।

 

अर्थ: नायिका आगे की पहेली बुझाते हुए कहती है कि वह आता है तब शादी होती है। शादी के दिन उसके सिवा कोई और नहीं होता है। उसके बोल बड़े मीठे लगते हैं। सखी पूछती है कि क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है-नही सखी, वह ढोल है। 

 

English Translation:

The heroine extinguishes the further riddle and says that marriage happens when he comes. There is no one else but him on the wedding day. His words sound very sweet. Her friend asks if he is her husband. The heroine replies, No, friend, it is a drum.

 

 

जब माँगू तब जल भरि लावे । मेरे मन की तपन बुझावे ।।

मन का भारी तन का छोटा । ऐ सखि साजन ? ना सखि लोटा ।।

 

अर्थ: नायिका कहती है कि जब मैं उससे माँगती हूँ, तो वह मेरे लिए जल भर के लाता है और मेरे मन की गर्मी को बुझाता है अर्थात मेरी प्यास बुझाता है। भले वह शरीर का छोटा है लेकिन उसका हृदय विशाल है। उसकी सखी पूछती है, सखी क्या यह साजन है? फिर नायिका उत्तर देती है नहीं सखी, वह तो लोटा है।

 

English Translation:

The heroine says that when I ask him, he brings me loads of water and quenches the heat of my heart, that is, quenches my thirst. Although he is small in body, his heart is huge. Her friend asks, Friend, is this her husband? Then, the heroine answers, No, friend, it is a mug.

 

 

बेर-बेर सोवतहि जगावे । ना जागू तो काटे-खावे ।।

व्याकुल हुई मैं हक्की-बक्‍की । ऐ सखि साजन ? ना सखि मक्‍खी ।।

 

अर्थ: नायिका कहती है कि वह बार-बार मुझे सोते हुए जगा देता है, अगर मैं नहीं जागती हूँ, तो मुझे काटता है और परेशान करता है। इससे मैं परेशान हो गई हूँ और कुछ कर नहीं पा रही हूँ। नायिका की सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है नहीं सखी, वह मक्खी है। 

 

English Translation:

The heroine says that he repeatedly wakes me up while I am sleeping, and if I do not wake up, he bites and harasses me. I am troubled by this and am unable to do anything. The heroine’s friend asks, Is he her husband? The heroine replies, No, friend, it is a fly.

 

 

अति सुरंग है रंग रंगीलो। है गुणवंत बहुत चटकीलो ।।

राम भजन बिन कभी न सोता । क्‍यों सखि साजन ? ना सखि तोता ।।

 

अर्थ: नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है। 

 

English Translation:

The heroine says that he is very fair-complexioned and cheerful, and at the same time, he is virtuous and bright-complexioned. He never sleeps without chanting the hymns of Rama. Her friend asks, Friend, is he her husband? The heroine replies, No friend, he is not a gentleman, he is a parrot.

 

 

अर्धनिशा वह आयो भौन । सुंदरता बरनै कवि कौन ।।

निरखत ही मन भयो अनंद । क्‍यों सखि साजन ? ना सखि चंद।।

 

अर्थ: नायिका कहती है कि, वह आधी रात को मेरे भवन (घर) में आता है। वह इतना सुंदर है कि उसकी सुंदरता का वर्णन कोई भी कवि नहीं कर सकता है। उसे देखते ही मन आनंद से भर उठता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी, साजन नहीं वह तो चन्द्रमा है।

 

English Translation:

The heroine says that he comes to my building at midnight. He is so beautiful that no poet can describe it. On seeing him, the mind is filled with joy. His friend asks, Is he your husband? The heroine replies, No, friend, not husband, it is the moon.

 

 

शोभा सदा बढ़ावन हारा । आँखिन से छिन होत न न्यारा ।। 

आठ पहर मेरो मनरंजन । क्‍यों सखि साजन ? ना सखि अंजन ।।

 

अर्थ: नायिका कहती है, वह हमेशा आँखों की सुंदरता को बढ़ाता है। आँखों से क्षण भर के लिए अलग नहीं होता है। आठों पहर वह मेरे मन को भाता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह काजल है। 

 

English Translation:

The heroine says he always enhances the beauty of the eyes. Does not separate from the eyes for a moment. He pleases my heart for all eight hours. Her friend asks, Is he her husband? The heroine replies, No, friend, she is Kajal.

 

 

जीवन सब जग जासों कहै । वा बिनु नेक न धीरज रहै ।।

हरै छिनक में हिय की पीर । क्‍यों सखि साजन ? ना सखि नीर।।

 

अर्थ: नायिका कहती है, जिसे सारा संसार ‘जीवन’ कहता है। जिसके बिना सज्जन धैर्य नहीं रख सकता। वह एक क्षण में हृदय की पीड़ा को हर लेता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है नहीं सखी, वह साजन नहीं, पानी है।

 

English Translation:

The heroine says what the whole world calls ‘life’. Without which a gentleman cannot have patience. He takes away the pain of the heart in a moment. Her friend asks, Is he her husband? The heroine replies, No, friend, he is not husband; it is water.

 

 

बिन आए सबहीं सुख भूले । आए ते अँग-अँग सब फूले ।।

सीरा भई लगावत छाती । क्‍यों सखि साजन ? ना सखि पाती ।।

 

अर्थ: नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंग- अंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है उसकी सखी उससे पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है नहीं सखी, वह तो पत्र है।

 

English Translation:

The heroine solves the puzzle by saying that nothing feels good in his absence. All happiness is forgotten, and when it comes, happiness fills every part of the body. As soon as she hugs him, her heart becomes cool. Her friend asks her, Is he her husband? The heroine replies, No friend, that is a letter.

श्रवणीय

पहेलियाँ सुनें और सुनाएँ :

उत्तर: 

१. एक ऐसी चीज़ क्या है जिसे आप छू नहीं सकते, नहीं देख सकते, और नहीं सुन सकते, लेकिन आपके पास है?

उत्तर: आपकी आत्मा या आत्मविश्वास

 

२. एक ऐसा जानवर है जो एक सिर और तीन सिर हो सकते हैं। क्या वो क्या है?

उत्तर: एक तालाब

 

३. मुझे वो वस्तु दिखाओ जिसका आदि है, मध्य है, और अंत है, पर वो एक ही है?

उत्तर: शब्द “अक्षर” 

 

४. क्या ऐसा कोई जानवर है जो सैर करता है लेकिन पैर नहीं होते?

उत्तर: समुंदरी तारक

 

५. किस चीज़ के दो पैर है, लेकिन चल नहीं सकती?

उत्तर: गड़ी के पायलट

 

६. जो चीज़ है, वो बढ़ती जाती है, पर नहीं घटती। क्या है वो?

उत्तर: आयु

 

७. वो कौन सी चीज़ है जो दिन में सोती है और रात में उठती है?

उत्तर: आँख

 

८. जो चीज़ है, वो दिन में हर किसी के पास है, लेकिन रात को किसी के पास नहीं होती। क्या है वो?

उत्तर: “ड” अक्षर

 

९. वो क्या है जो एक बार खो जाए, तो वो फिर कभी नहीं आता?

उत्तर: युग

 

१०. जब आप उसे तोड़ते हैं, तो वो बदल जाता है, लेकिन असली चीज़ के रूप में वापस नहीं जा सकता है। क्या है वो?

उत्तर: आईना

संभाषणीय

‘जीवन में हास्‍य का महत्‍त्‍व’ पक्ष-विपक्ष में चर्चा कीजिए।

उत्तर: 

रवि : अरे, रेखा क्या उदास बैठी हो, जब देखो उदास रहती हो। 

 

रेखा : तो क्या करूँ ? तुम्हारे जैसा हीही हीही करती रहूँ। 

 

रवि : हाँ, हमारे जैसा तुम भी हँसो। हास्य, मुस्कान और विनोद में कितना सुख है, कितना आनंद है? बड़े-बड़े चिकित्सालयों में रोगियों को हँसाने तथा प्रसन्न करने के लिए हास्य-विनोद की व्यवस्था रखी जाती है। 

 

रेखा : नहीं। अपनी हँसी अपने पास रखो। हँसने से गंभीरता समाप्त हो जाती है। गंभीरता जीवन में एक वाँछित गुण है। धीर-गंभीर और उत्तरदायी व्यक्ति समझकर लोग आदर करते हैं।

 

रवि : यह बात सही है कि गंभीरता जीवन में वांछित गुण है। किंतु यह ठीक तभी है, जब आवश्यकतानुसार हो गंभीरता के नाम पर | हर समय मुँह लटकाए, गाल फुलाए, माथे में बल और आँखों में भारीपन भरे रहने वाले व्यक्तियों को समाज में बहुत कम पसंद किया जाता है।

 

रेखा : हास्य मुस्कान ठीक नहीं। कभी-कभार हँसी हो गई ठीक है। रोज-रोज हँसना ठीक नहीं। इसे लोग बुरा मानते हैं।

 

रवि : यह तुम्हारी सोच है रेखा । कोई बुरा नहीं मानता। जीवन में जब अवसर मिले हँसना चाहिए। राजा-महाराजा स्वाँग और नाटकों के रूप में अपने प्रति व्यंग्य विनोद देख-सुनकर प्रसन्न ही नहीं होते बल्कि सफल अभिनेता को पुरस्कार भी दिया करते थे । आज टेलीविज़न पर विविध प्रसिद्ध व्यक्तियों पर हास्य-व्यंग्य दिखाए जाते हैं जिसे देखकर संबंधित व्यक्ति भी हास्य-विनोद के नाम पर हँस पड़ते हैं।

लेखनीय

सुवचनों का संकलन कीजिए तथा सुंदर, सजावटी लेखन करके चार्ट बनाइए । विद्‌यालय की दीवारों को सजाइए।

उत्तर: 

(१) पैसा आपका सेवक है, यदि आप उसका उपयोग जानते हैं। वह आपका स्वामी है यदि आप उसका उपयोग नहीं जानते। – होरेस 

(२) जिसे धीरज है और जो मेहनत से नहीं घबराता, कामयाबी उसकी दासी है। – स्वामी दयानंद सरस्वती ।

(३) अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ और इसके बाद अपनी सारी शारीरिक और मानसिक शक्ति, जो भगवान ने तुम्हें दी है उसमें लगा दो । – कार्लाइल

(४) हमारा ध्येय सत्य होना चाहिए, न कि सुख। – सुकरात 

(५) अभिमान की अपेक्षा नम्रता से अधिक लाभ होता है। – भगवान गौतम बुद्ध

(६) निराशा निर्बलता का चिह्न है। – स्वामी रामतीर्थ

(७) पाप एक प्रकार का अँधेरा है, जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है। – कालिदास

(८) पुस्तकें मन के लिए साबुन का काम करती हैं। – महात्मा गाँधी 

(९) सच्चे मित्र को दोनों हाँथों से पकड़कर रखो नाइजिरियन। – कहावत

पठनीय

किसी महिला साहित्‍यिक की जीवनी का अंश पढ़िए, और उनकी प्रमुख कृतियों के नाम बताइए।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

आसपास

पहेलियों का संकलन कीजिए।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

कल्पना पल्लवन

‘पुस्‍तकों का संसार, ज्ञान-मनोरंजन का भंडार’ इस संदर्भ में अपने विचार लिखिए।

उत्तर: पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं। उसमें विद्वानों के विचार, ज्ञान और अनुभव के साथ ही बहुत सारी रोचक बातें भरी रहती हैं। ऐतिहासिक घटनाओं, मनोरंजक कहानियों, चुटकुलों का समावेश इन पुस्तकों में होता है। किताबों के माध्यम से हम बहुत सारी पौराणिक कथाओं, मनोरंजक घटनाओं का ज्ञान प्राप्त करते हैं। खाली समय बिताने के लिए सबसे अच्छा और आसान उपाय है मनोरंजक किताबें पढ़ना । पुस्तकें सदियों से संजोए हुए ज्ञान से हमें अवगत कराती हैं। सचमुच पुस्तकें ज्ञान और मनोरंजन का भंडार होती हैं।

पाठ से आगे

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

(क) मुकरियों के आधार पर निम्नलिखित शब्दों की विशेषताएँ लिखिए :

IMG 20230927 104656 पाठ ६ – ऐ सखि !

उत्तर: 

IMG 20230927 104838 पाठ ६ – ऐ सखि !

(ख) भावार्थ लिखिए :

मुकरियाँ – १, ५ और ९

उत्तर:

१) रात समय वह मेरे आवे । भोर भये वह घर उठि जावे ।।

यह अचरज है सबसे न्यारा । ऐ सखि साजन ? ना सखि तारा ।।

अर्थ: प्रस्तुत कविता में नायिका अपनी सखी से पहेलियाँ बुझाते (पूछते हुए कहती है कि रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह आश्चर्य सबसे न्यारा है। उसकी सखी पूछती है कि क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह तारा है।

५) अति सुरंग है रंग रंगीलो । है गुणवंत बहुत चटकीलो ।।

राम भजन बिन कभी न सोता । क्‍यों सखि साजन ? ना सखि तोता ।।

अर्थ: नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है। 

९) बिन आए सबहीं सुख भूले । आए ते अँग-अँग सब फूले ।।

सीरा भई लगावत छाती । क्‍यों सखि साजन ? ना सखि पाती ।।

अर्थ: नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंग- अंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है उसकी सखी उससे पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है नहीं सखी, वह तो पत्र है।

पाठ से आगे

प्राकृतिक घटकों पर आधारित पहेलियाँ बनाइए और संकलन कीजिए ।

उत्तर: 

(१) तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी, 

न भाड़ा न किराया दूँगी,

घर के हर कमरे में रहूँगी,

पकड़ न मुझको तुम पाओगे,

मेरे बिन तुम न रह पाओगे, 

बताओ मैं कौन हूँ?

उत्तर: हवा

 

(२) गर्मी में तुम मुझको खाते, 

मुझको पीना हरदम चाहते, 

मुझसे प्यार बहुत करते हो, 

पर भाप बनूँ तो डरते भी हो।

उत्तर: पानी

 

(३) मुझमें भार सदा ही रहता, 

जगह घेरना मुझको आता, 

हर वस्तु से गहरा रिश्ता, 

हर जगह मैं पाया जाता।

उत्तर: गैस

 

(४) ऊपर से नीचे बहता हूँ, 

हर बर्तन को अपनाता हूँ, 

देखो मुझको गिरा न देना 

वरना कठिन हो जाएगा भरना

उत्तर: द्रव्य

 

(५) लोहा खींचू ऐसी ताकत है, 

पर रबड़ मुझे हराता है, 

खोई सूई मैं पा लेता हूँ, 

मेरा खेल निराला है।

उत्तर: चुंबक

Leave a Reply