पाठ ३ – वाह रे ! हमदर्द
‘वाह रे ! हमदर्द’ यह एक हास्य-व्यंग्य निबंध है। प्रस्तुत निबंध के द्वारा लेखक ने हमदर्दी भी कभी-कभी किस तरह पीड़ादायी बन जाती है, इसका विनोदपूर्ण ढंग से वर्णन किया है। साइकिल पर सवार होकर लेखक घर की ओर बढ़ रहे थे। उस वक्त सामने आने वाली कार से वे टकरा गए। जिसके कारण उनकी एक टांग टूट गई और उन्हें अस्पताल में भरती होना पड़ा। लेखक के साथ हुई दुर्घटना से उनके संबंधी एवं हमदर्द परेशान हुए और वे एक-एक करके अस्पताल में आने लगे। उनके अस्पताल में आने के कारण लेखक को एक से बढ़कर एक परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस कारण लेखक का आराम हराम हो गया। मिलने आने वाले बहुत देर तक अस्पताल में आकर बैठने लगे। कई लोग बस औपचारिकता निभाने के लिए मिलने आने लगे। लेखक के मुहल्ले में रहने वाली सोनाबाई अपने चारों बच्चों को लेकर अस्पताल पहुँची और उसके चारों बच्चों ने अस्पताल में वो उत्पात मचाया, जिससे लेखक काँप गए। लेखक को मिलने आए कवि महोदय अस्पताल में लेखक को अपनी बेतुकी कविता सुनाने लगे, जिससे लेखक परेशान हो गए। इस प्रकार लेखक से अपनी एक टाँग टूटने का उतना दुख नहीं हुआ, जितना उन्हें अस्पताल में मिलने आने वाले लोगों से हुआ। अंत में थक-हारकर लेखक ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि यदि उसकी दूसरी टाँग तोड़नी हो तो जरूर तोड़ दे; परंतु उस जगह तोड़ना जहाँ कोई परिचित न हो, क्योंकि बड़े बेदर्द होते हैं, हमदर्दी जताने वाले।
शब्दार्थ
फिक्र – चिंता
हमदर्दी – सहानुभूति
एहसान – कृतज्ञता
औंधा – उल्टा
मुहावरा
टाँग अड़ाना – बाधा डालना
वाक्य : रमा सभी के काम में टांग अड़ाती है इसलिए उससे मोहल्ले में कोई बात नहीं करता।
काँप उठना – भयभीत होना
वाक्य : वह साँप देख के काँप उठा।
श्रवणीय
सार्वजनिक अस्पताल में जाकर किसी मरीज से उसके अनुभव सुनिए और अपने शब्दों में सुनाइए ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
पठनीय
अस्पताल में लगे सूचना फलक/विज्ञापनों को पढ़िए तथा कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
संभाषणीय
किसी सार्वजनिक या ग्राम पंचायत की सभा में ‘अंगदान’ के बारे में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
लेखनीय
‘रक्त बैंक’ के कार्य तथा रक्तदान कार्यक्रम के बारे में जानकारी इकट्ठा करके अपनी कॉपी में लिखिए।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
स्वाध्याय
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए –
(१) संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर:
(२) अंतर स्पष्ट कीजिए :
उत्तर:
(३) आकृति में लिखिए :
उत्तर:
(४) कारण लिखिए :
१. लेखक को अधिक गुस्सा अपनी पत्नी पर आया ______
उत्तर: क्योंकि आदमी को रोता देखकर उसकी पत्नी को लगा कि वह उसके पति का रिश्तेदार या करीबी मित्र होगा। इसी कारण उसने टैक्सीवाले को पैसे दे दिए थे।
२. लेखक कहते हैं कि मेरी दूसरी टाँग उस जगह तोड़ना जहाँ कोई परिचित न हो ______
उत्तर: क्योंकि अस्पताल में हमदर्दी जताने आने वाले बड़े बेदर्द होते हैं। वे मरीज़ को परेशान कर देते हैं।
(५) शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
१. वह स्थान जहाँ अनेक प्रकार के पशु-पक्षी रखे जाते हैं – ______
उत्तर: चिड़ियाघर
२. जहाँ मुफ्त में भोजन मिलता है – ______
उत्तर: धर्मशाला
(६) शब्द बनाइए :
उत्तर:
अभिव्यक्ति
मरीज से मिलने जाते समय कौन-कौन-सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए, लिखिए ।
उत्तर: मरीज़ यानी अस्पताल में भरती बीमार व्यक्ति, जो किसी बीमारी से ग्रस्त है या उसकी सर्जरी हुई हो या फिर किसी दुर्घटना में आहत हुआ हो। औपचारिकता यही है कि हम मरीज को मिलने जाते समय सावधानी बरतें। बच्चों को अपने साथ न ले जाएँ। अस्पताल में प्रवेश करने से पहले अपने मोबाइल फोन बंद या सायलेंट मोड पर रखें। बहुत ही कम और धीमी आवाज में बोलें। मरीज़ के कक्ष में आकर उससे दूर खड़े रहकर आवश्यक बातें करें। वहाँ पर अधिक समय तक न रुकें। स्वयं के कारण मरीज़ को किसी भी प्रकार की तकलीफ न हो, इसका ध्यान रखें।
भाषा बिंदु
(१) निम्नलिखित वाक्यों में आए हुए संज्ञा शब्दों को रेखांकित करके उनके भेद लिखिए :
१. सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई ।
उत्तर: सोनाबाई – व्यक्तिवाचक संज्ञा, बच्चों – जातिवाचक संज्ञा
२. गाय बहुत दूध देती है ।
उत्तर: गाय – जातिवाचक संज्ञा, दूध – द्रव्यवाचक संज्ञा
३. मैं रोज ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ ।
उत्तर: ईश्वर – जातिवाचक संज्ञा, प्रार्थना – भाववाचक संज्ञा
४. सैनिकों की टुकड़ी आगे बढ़ी ।
उत्तर: सैनिकों – जातिवाचक संज्ञा, टुकड़ी – समूहवाचक संज्ञा
५. सोना-चाँदी और भी महँगेहोते जा रहे हैं ।
उत्तर: सोना-चाँदी – द्रव्यवाचक संज्ञा
६. गोवा देख मैं तरंगायित हो उठा ।
उत्तर: गोवा – व्यक्तिवाचक संज्ञा, तरंगायित – भाववाचक संज्ञा
७. युवकों का दल बचाव कार्य में लगा था ।
उत्तर: युवकों – जातिवाचक संज्ञा, दल – समूहवाचक संज्ञा
८. आपने विदेश में भ्रमण तो कर लिया है ।
उत्तर: विदेश – जातिवाचक संज्ञा
९. इस कहानी में भारतीय समाज का चित्रण मिलता है ।
उत्तर: कहानी – जातिवाचक संज्ञा, समाज – जातिवाचक संज्ञा
१०. सागर का जल खारा होता है ।
उत्तर: सागर – जातिवाचक संज्ञा, जल – द्रव्यवाचक संज्ञा
(२) पाठ में प्रयुक्त किन्हीं पाँच संज्ञाओं को ढूँढ़कर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।
उत्तर:
(अ) जोश : उसने जोश में आकर कहा कि वह काम नहीं करेगा।
(आ) इंसानियत : इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता।
(इ) शीशी : वह एक शीशी में दवा लेकर आया ।
(ई) लपकानंद जी : लपकानंद जी हिंदी में कविता लिखते हैं।
(उ) असम : असम एक राज्य है।
(३) निम्नलिखित वाक्यों के रिक्त स्थानों में उचित सर्वनामों का प्रयोग कीजिए :
१. ______ सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं ।
उत्तर: आप
२. ______ बाजार जाओ ।
उत्तर: तुम
३. ______ कारखाने में एक ही विभाग में काम करते थे ।
उत्तर: वे
४. इसे लेकर ______ क्या करोगे ?
उत्तर: तुम
५. हृदय ______ है; ______ उदार हो ।
उत्तर: वही, जो
६. लोग ______ कमरा स्वच्छ कर रहे हैं ।
उत्तर: उनका
७. ______ रिसॉर्टहमने पहले से बुक कर लिया है ।
उत्तर: वह
८. इसके बाद ______ लोग दिन भर पणजी देखते रहे ।
उत्तर: वे
९. ______ इसके पहले उसे मना करता ।
उत्तर: मैं
१०. काम करने के लिए कहा है ______ करो ।
उत्तर: वह
(४) पाठ में प्रयुक्त सर्वनाम ढूँढ़कर उनका स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
उत्तर:
(१) मैं : मैं गाँव जाता हूँ।
(२) मेरे : मेरे घर के पास एक मंदिर है।
(३) मैंने : मैंने एक सपना देखा।
(४) आप : आप यहाँ बैठिए ।
(५) मुझे : मुझे काम चाहिए।
(६) वे : वे चले गए।
(७) उसे : पता नहीं, उसे क्या हो गया।
(८) तुझे : तुझे क्या चाहिए?
(९) उस : उस व्यक्ति का नाम क्या है?
(१०) उसने : उसने सभी को अपने जन्मदिन पर बुलाया।
उपयोजित लेखन
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर किसी समारोह का वृत्तांत लेखन कीजिए :
- स्थान
- तिथि और समय
- प्रमुख अतिथि
- समारोह
- अतिथि संदेश
- समापन
उत्तर:
गणतंत्र दिवस का वृत्तांत
दिनांक २७ जनवरी, २०१८
शारदा विद्यालय, मुंबई
दिनांक २६ जनवरी २०१८ के दिन सुबह ७ बजे शारदा विद्यालय में गणतंत्र दिन का आयोजन किया गया। सुबह ७ बजे समारोह की शुरुआत हुई। समारोह के प्रमुख अतिथि के रूप में गृह राज्यमंत्री श्री रामविलास शिंदे उपस्थित थे। जैसे ही प्रमुख अतिथि महोदय जी का आगमन हुआ, वैसे ही स्कूल बैंड व स्काउट के छात्र-छात्राओं ने उनका भव्य स्वागत किया। सुबह ठीक ७ बजकर १५ मिनट पर तिरंगे को सलामी दी गई और राष्ट्रगीत का संगीत के साथ गान किया गया। स्कूल प्रधानाचार्य जी ने अतिथि महोदय को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। विद्यालय की कक्षा ९ वीं के छात्र-छात्राओं ने ‘मेरा देश महान’ यह लघु नाटक प्रस्तुत किया। कक्षा १० वीं के छात्र-छात्राओं ने ‘मेरे देश की धरती’ इस गीत पर नृत्य पेश कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रमुख अतिथि महोदय जी ने अपने जोशीले भाषण से सभी का हृदय जीत लिया और सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने अपने भाषण के माध्यम से देशप्रेम, शांति, मानवता आदि मूल्यों से छात्रों को परिचित करवाया। इसके बाद स्कूल विद्यार्थीप्रमुख ने सुबह ठीक ९:३० बजे सभी को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया।