Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Ten

पाठ २ – दो लघुकथाएँ

‘कंगाल’ एक लघुकथा है। भीषण गर्मी पड़ने के कारण लेखक अपने परिवार के साथ पर्वतीय स्थल की यात्रा पर निकल पड़ते हैं। पर्वतीय स्थल पर पहुँचकर वे एक आलिशान होटल में ठहरते हैं। पर्वतीय प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य एवं वहाँ के हरे-भरे पहाड़ लेखक के मन में आनंद की अनुभूति कराते हैं। एक दिन शाम के वक्त झील किनारे टहलते समय एक भुट्टेवाला भुट्टा बेचने के लिए वहाँ पर आ जाता है। लेखक भुट्टे का दाम पूछते हैं तो वह एक भुट्टे का दाम पाँच रुपए बताता है। लेखक उसे एक भुट्टा तीन रुपए में देने के लिए कहते हैं पर वह मना कर देता है। लेखक अपने परिवार के साथ आगे बढ़ जाते हैं। तब उनके कानों में भुट्टेवाले का तीखा स्वर सुनाई देता है, “आप अमीर लोग पहाड़ों पर घूमने का शौक रखकर अच्छे होटलों में लाखों रुपया खर्च करोगे पर मुझ जैसे गरीब भुट्टेवाले को दो रुपए देने के लिए झिक-झिक करते हो, कंगाल कहीं के…।”

 

‘सही उत्तर’ एक लघुकथा है। आज कई ऐसे युवक हैं, जिनके पास योग्यता होने पर भी नौकरी नहीं मिलती है। लघुकथा में वर्णित युवक भी इसके लिए अपवाद नहीं है। हर जगह भ्रष्टाचार एवं रिश्वत का बोलबाला है। इसलिए उसके पास योग्यता होने पर भी उसे नौकरी नहीं मिलती। उस युवक के पास देशप्रेम व नैतिकता जैसे मानवीय गुण भी हैं। वह एक जगह पर साक्षात्कार के लिए जाता है। वहाँ पर उपस्थित अधिकारी उससे भ्रष्टाचार एवं रिश्वत के बारे में उसकी राय पूछते हैं। युवक के हृदय में भ्रष्टाचार एवं रिश्वत को लेकर जो आंतरिक पीड़ा थी, उसे वह सहज एवं स्पष्ट शब्दों में व्यक्त करता है। वह प्रश्न के सही उत्तर देता है क्योंकि उसने स्वयं इस भ्रष्ट सामाजिक व्यवस्था को बारीकी से देखा है। युवक द्वारा सही उत्तर मिलने पर उपस्थित अधिकारी नौकरी के लिए उसका चयन करते हैं।

भीषण – भयानक

लिजलिजे – सीलनभरा

नीरवता – एकांत, एकदम शांत

कंगाल – गरीब, निर्धन

साक्षात्‍कार – मुलाकात

रिश्वत – घूस

 

मुहावरे

सीना तानकर खड़े रहना – निर्भय होकर खड़े रहना

वाक्य : हमारे देश के सैनीक सीना तानकर हमारी रक्षा के लिए सीमा पर खड़े रहते हैं।

 

बोलबाला होना – प्रभाव होना

वाक्य : आजकल हर कोई सरकारी नौकरी करना चाहता है। सच है सरकारी नौकरी का ही बोलबाला है।

 

दाद देना – प्रशंसा करना

वाक्य : अमान ने जब आग मे फसे लोगो को बचा लिया तो सभी किशोर की दाद देने लगे ।

श्रवणीय

बालक/बालिकाओं से संबंधित कोई ऐतिहासिक कहानी सुनकर उसका रूपांतरण संवाद में करके कक्षा में सुनाइए ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

लेखनीय

पहाड़ों पर रहने वाले लोगों की जीवन शैली की जानकारी प्राप्त करके अपनी जीवन शैली से उसकी तुलना करते हुए लिखिए ।

उत्तर: पहाड़ों में रहने वाले लोग अक्सर प्रकृति से निकटता से जुड़ी जीवनशैली जीते हैं, जो खेती, पशुपालन और शिल्प कौशल जैसी पारंपरिक प्रथाओं पर निर्भरता द्वारा चिह्नित है। उनकी दैनिक दिनचर्या प्रकृति की लय से आकार लेती है, जो आत्मनिर्भरता और पर्यावरण के प्रति गहरे सम्मान पर जोर देती है। घनिष्ठ समुदाय मजबूत सामाजिक बंधन को बढ़ावा देते हैं, जिम्मेदारियाँ साझा करते हैं और स्थानीय रीति-रिवाजों और त्योहारों को मनाते हैं। शांत वातावरण जीवन की धीमी गति को बढ़ावा देता है, आत्मनिरीक्षण और सचेतनता को प्रोत्साहित करता है। इसके विपरीत, मेरे जैसे शहरवासी सुविधा, प्रौद्योगिकी और विविध सांस्कृतिक अनुभवों से युक्त तेज़-तर्रार जीवनशैली का अनुभव करते हैं। हम अक्सर दैनिक जरूरतों के लिए आधुनिक सुविधाओं और सेवाओं पर भरोसा करते हुए पेशेवर प्रतिबद्धताओं को प्राथमिकता देते हैं। शहरी परिवेश एक हलचल भरे सामाजिक जीवन को प्रोत्साहित करता है, जिसमें विभिन्न मनोरंजन विकल्पों और पाक व्यंजनों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। हालाँकि, हलचल भरा शहरी परिदृश्य कभी-कभी प्रकृति से अलगाव की भावना पैदा कर सकता है और घनिष्ठ रूप से जुड़े पर्वतीय समुदायों की तुलना में सांप्रदायिक रिश्तों पर कम जोर दे सकता है।

पठनीय

अपनी पसंद की कोई सामाजिक ई-बुक पढ़िए ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

संभाषणीय

‘शहर और महानगर का यांत्रिक जीवन’ विषय पर बातचीत कीजिए ।

उत्तर: किसी शहर में रहना कभी न ख़त्म होने वाले ट्रेडमिल पर रहने जैसा हो सकता है। ऊंची इमारतों और व्यस्त सड़कों से घिरे लोग इधर-उधर भागते हैं। प्रौद्योगिकी हर जगह है, चीजों को आसान बना रही है लेकिन जीवन को थोड़ा अवैयक्तिक भी बना रही है। इतना कुछ होने के साथ, भीड़ में सिर्फ एक और चेहरा जैसा महसूस करना आसान है। हालाँकि करने और देखने के लिए बहुत सारी चीज़ें हैं, शांति और शांति के क्षण ढूँढना कठिन हो सकता है। कई लोग सरल, धीमी जिंदगी चाहते हैं जहां लोग वास्तव में जुड़ने और छोटी-छोटी चीजों का आनंद लेने के लिए समय निकालें।

स्‍वाध्याय

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

(१) संजाल पूर्ण कीजिए :

IMG 20231030 102625 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

उत्तर:

20231030 111806 0000 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

(२) उत्‍तर लिखिए :

IMG 20231030 102635 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

उत्तर:

IMG 20231030 112006 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

(३) कारण लिखिए :

१. युवक को पहले नौकरी न मिल सकी _____

उत्तर: क्योंकि सर्वत्र भ्रष्ट सामाजिक व्यवस्था थी।

 

२. आखिरकार अधिकारियों द्‌वारा युवक का चयन कर लिया गया _____

उत्तर: क्योंकि युवक ने अधिकारियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर दिए थे।

उत्तर:

(४) कृति पूर्ण कीजिए :

IMG 20231030 102645 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

उत्तर:

20231030 111806 0002 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

(५) प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :

IMG 20231030 102658 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

उत्तर:

IMG 20231030 112224 पाठ २ – दो लघुकथाएँ

अभिव्यक्ति

‘भ्रष्‍टाचार एक कलंक’ विषय पर अपने विचार लिखिए।

उत्तर: भ्रष्टाचार समाज के ताने-बाने पर एक दाग है, विश्वास को ख़त्म कर रहा है, निष्पक्षता को विकृत कर रहा है और प्रगति में बाधा बन रहा है। यह न्याय और समान अवसर के सिद्धांतों को कमज़ोर करते हुए, दंडमुक्ति और असमानता की संस्कृति को कायम रखता है। अपने आर्थिक दुष्परिणामों से परे, भ्रष्टाचार सामाजिक विभाजन को गहरा करता है और संशय के माहौल को बढ़ावा देता है, जिससे सामूहिक वृद्धि और विकास की भावना कम हो जाती है। यह किसी राष्ट्र के नैतिक ढांचे को नष्ट कर देता है, उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करता है और स्थायी उन्नति की उसकी क्षमता को बाधित करता है। भ्रष्टाचार को संबोधित करने के लिए व्यापक सुधारों, कड़े प्रवर्तन और पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है, एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना जहां अखंडता को बरकरार रखा जाए और सामाजिक प्रगति के लिए नैतिक मानक सर्वोपरि हों।

भाषा बिंदु

(१) अर्थ के आधार पर निम्‍न वाक्‍यों के भेद लिखिए :

१. क्‍या पैसा कमाने के लिए गलत रास्‍ता चुनना उचित है ?

उत्तर: प्रश्नार्थक वाक्य

 

२. इस वर्षभीषण गरमी पड़ रही थी ।

उत्तर: विधानार्थक वाक्य

 

३. आप उन गहनों की चिंता न करें ।

उत्तर: निषेधार्थक वाक्य

 

४. सुनील, जरा ड्राइवर को बुलाओ ।

उत्तर: आज्ञार्थक वाक्य

 

५. अपने समय के लेखकों में आप किन्हें पसंद करते हैं ?

उत्तर: प्रश्नार्थक वाक्य

 

६. सैकड़ों मनुष्‍यों ने भोजन किया ।

उत्तर: विधानार्थक वाक्य

 

७. हाय ! कितनी निर्दयी हूँ मैं ।

उत्तर: विस्मयार्थक वाक्य

 

८. काकी उठो, भोजन कर लो ।

उत्तर: आज्ञार्थक वाक्य

 

९. वाह ! कैसी सुगंध है ।

उत्तर: विस्मयार्थक वाक्य

 

१०. तुम्‍हारी बात मुझे अच्छी नहीं लगी ।

उत्तर: निषेर्धर्थक वाक्य

(२) कोष्‍ठक की सूचना के अनुसार निम्‍न वाक्‍यों में अर्थ के आधार पर परिवर्तन कीजिए :

१. थोड़ी बातें हुईं । (निषेधार्थक वाक्‍य) 

उत्तर: ज्यादा बातें नहीं हुई।

 

२. मानू इतना ही बोल सकी । (प्रश्नार्थक वाक्‍य) 

उत्तर: क्या मानू इतना ही बोल सकी ?

 

३. मैं आज रात का खाना नहीं खाऊँगा । (विधानार्थक वाक्‍य)

उत्तर: मैं आज रात भूखा रहूँगा।

 

४. गाय ने दूध देना बंद कर दिया । (विस्‍मयार्थक वाक्‍य)

उत्तर: ओह! गाय ने दूध देना बंद कर दिया।

 

५. तुम्‍हें अपना ख्याल रखना चाहिए । (आज्ञार्थक वाक्‍य)

उत्तर: तुम अपना ख्याल रखो।

(३) प्रथम इकाई के पाठों में से अर्थ के आधार पर विभिन्न प्रकार के पाँच वाक्‍य ढूँढ़कर लिखिए ।

उत्तर: 

(१) ओह! कंबख्त ने कितनी बेदर्दी से पीटा है। (विस्मयार्थक वाक्य)

(२) रहमान से गलती हो गई। (विधानार्थक वाक्य)

(३) इसमें परेशान होने की क्या जरूरत है ? (प्रश्नार्थक वाक्य)

(४) ऐसी कोई विशेष बात नहीं है। (निषेधार्थक वाक्य)

(५) वहाँ बैठ जाओ, उमा (आज्ञार्थक वाक्य)

(४) रचना के आधार पर वाक्‍यों के भेद पहचानकर कोष्‍ठक में लिखिए :

१. अधिकारियों के चेहरे पर हलकी-सी मुस्‍कान और उत्‍सुकता छा गई । 

उत्तर: सरल वाक्य

 

२. हर ओर से अब वह निराश हो गया था । 

उत्तर: सरल वाक्य

 

३. उसे देख-देख बड़ा जी करता कि मौका मिलते ही उसे चलाऊँ । 

उत्तर: मिश्र वाक्य

 

४. वह बूढ़ी काकी पर झपटी और उन्हंे दोनों हाथों से झटककर बोली । 

उत्तर: संयुक्त वाक्य

 

५. मोटे तौर पर दो वर्गकिए जा सकते हैं ।

उत्तर: सरल वाक्य

 

६. अभी समाज में यह चल रहा है क्‍योंकि लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं ।

उत्तर: मिश्र वाक्य

(५) रचना के आधार पर विभिन्न प्रकार के तीन-तीन वाक्‍य पाठों से ढूँढ़कर लिखिए । 

उत्तर: 

सरल वाक्य : 

(i) हम आगे बढ़ गए। 

(ii) इस वर्ष बड़ी भीषण गर्मी पड़ रही थी। 

(iii) अगले सप्ताह ही पर्वतीय स्थल की यात्रा पर निकल पड़े।

 

संयुक्त वाक्य :

(i) टंगी हुई अधूरी चिक पर निगाह डाली और हनहनाता हुआ आँगन से बाहर निकल गया। 

(ii) तुम्हारी भाभी नाखून से काटकर तरकारी परोसती है और इमली का रस डालकर कढ़ी तो हम मामूली लोगों की घरवालियाँ बनाती हैं। 

(iii) रामस्वरूप इशारे के लिए खाँसते हैं लेकिन उमा चुप है, उसी तरह गरदन झुकाए ।

 

मिश्र वाक्य : 

(i) भ्रष्टाचार एक ऐसा कीड़ा है जो देश को घुन की तरह खा रहा है। 

(ii) पहले ऐसा जानती कि मोहर छापवाली धोती देने से ही अच्छी चीज बनती है तो मैया को खबर भेज देती। 

(iii) इनसे पूछिए कि ये किस तरह नौकरानी के पैरों में पड़कर अपना मुँह छिपाकर भागे थे।

उपयोजित लेखन

‘जल है तो कल है’ विषय पर अस्‍सी से सौ शब्‍दों में निबंध लिखिए ।

उत्तर: 

जल है तो कल है।

जल ही जीवन है। जल मनुष्य के जीवन का अभिन्न अंग है। अन्न के बिना व्यक्ति १५ से ३० दिनों तक जीवित रह सकता है लेकिन जल के बिना व्यक्ति ३ से ४ दिन से ज्यादा जीवित नहीं रह सकता। जल के बिना धरती पर मानवीय जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।

 

प्रकृति एवं प्राणियों को भी जीवन जीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। खेती, उद्योग आदि के लिए भी जल की आवश्यकता होती है। घर बनाने से लेकर मोटर गाड़ी चलाने तक सभी चीजों में जल की आवश्यक होती है। वर्तमान युग में जनसंख्या वृद्धि बहुत तेज गति से हो रही है। धरती पर प्रदूषण बढ़ रहा है। जल के प्राकृतिक स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। पानी की मात्रा में कमी हो रही है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन लोगों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिलेगा। इससे लोगों का जीवन संकट में पड़ जाएगा। देश के कई भागों में ठीक से वर्षा नहीं हो रही है। इस कारण अकाल की स्थिति निर्माण होती है। ऐसे में खेती के लिए जरूरी पानी नहीं मिल पाता और इससे फसल की उपज काफी कम होती है। इस कारण अनाज के दामों में वृद्धि हो रही है।

 

जल है तो कल है। जल के कारण लोग घर का सारा काम कर सकते हैं। खाना बना सकते हैं और कपड़े धो सकते हैं। स्नान कर सकते हैं और पेड़-पौधों को पानी दे सकते हैं। अगर जल को यूँ ही बर्बाद किया गया तो वह दिन दूर नहीं है जब पीने के पानी के लिए लोग आपस में लड़ेंगे। यदि पानी की कमी हुई तो वह काफी महँगे दामों में बिकेगा। ध्यान रहे कि जल व्यक्ति जीवन के प्रत्येक पल में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए उसकी बचत करना बहुत ही आवश्यक है।