Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Ten

पाठ १० – ठेस (पूरक पठन)

प्रस्तुत कहानी का प्रमुख पात्र सिरचन है, जो एक स्वाभिमानी कारीगर है। वह अपने परिवार में अकेला है। उसकी पत्नी एवं बच्चे इस दुनिया में नहीं है। शीतलपाटी, चिक आदि कारीगरी की चीजें बनाना उसका काम है। आजकल इस काम को समाज में निरुपयोगी समझा जाता है। गाँव वाले उसे कामचोर, मुफ्तखोर या चटोर कहते हैं। गाँव में किसी को भी उसके कारीगरी की जरूरत होती है; तब उसे बड़े प्यार से बुलाया जाता है, उसे खाना-पीना दिया जाता है अन्यथा उसे कोई पूछता नहीं है। लेखक की छोटी बहन मानू पहली बार ससुराल जा रही थी। उस वक्त उसके दूल्हे ने चिक और शीतलपाटियों की माँग की थी, इसलिए सिरचन को लेखक के घर पर बुलाया जाता है। उसे चिउरा और गुड़ खाने के लिए दिया जाता है। लेखक की मँझली भाभी उसके सामने बुंदियाँ सूप में फेंककर जाती है। तब वह उसके मायके पर व्यंग्य कसता है, जिससे वह रोने लगती है। इस कारण लेखक की चाची को गुस्सा आता है और वह सिरचन को भला-बुरा कहकर उसका अपमान करती है। सिरचन इस अपमान को सह नहीं पाता। वहाँ से उठकर और काम अधूरा छोड़कर सिरचन अपने घर चला जाता है। लेखक मानू को उसके ससुराल छोड़ने जाता है। प्लेटफार्म पर गाड़ी में बैठने के बाद सिरचन अपने साथ सारी चीजें बनाकर ले आता है और मानू को देता है। मानू इसके बदले में उसे धोती खरीदने के लिए पैसे देना चाहती है, लेकिन वह पैसे लेने से इनकार कर देता है। यहाँ पर हमें सिरचन के स्वाभिमानी होने का पता चलता है।

शब्दार्थ 

बेगार बिना मजदूरी दिए जबरदस्‍ती लिया गया काम

मड़ैया झोंपड़ी

चिक बाँस की तीलियों का बना हुआ परदा 

मोथी एक प्रकार की घास

शीतलपाटी चटाई

मूँज एक प्रकार का तृण/घास

कलेवा नाश्ता

 

मुहावरे

मुँह लाल होना – क्रोधित होना

वाक्य: सोहन का परीक्षाफल देखते ही उसके पिता का मुँह लाल हो गया

 

ठेस लगना – दुखी होना, बुरा अनुभव होना

वाक्य: धनवान सेठ ने रामू को भला बुरा कह कर ठेस लगा दिया ।

 

फूट-फूटकर रोना – जोर-जोर से रोना

वाक्य: बेटी की विदाई के  समय संधि जी फूट-फूट कर रोने लगे।

 

मुँह लटकाना – निराश होना

वाक्य: गाँव के भले आदमी की मृत्यु का समाचार पा कर सभी लोगो ने मुह लटका लिया ।

लेखनीय

लोक कलाओं के नामों की सूची तैयार कीजिए ।

उत्तर: 

(१) मधुबनी

(२) जादोपाटिया

(३) कलमकारी 

(४) कांगड़ा 

(५) गोंड 

(६) चित्तर 

(७) तंजावुर 

(८) थंगक 

(९) पातचित्र 

(१०) पिछवई 

(११) पिथोरा

(१२) फड़ 

(१३) बाटिक

(१४) यमुनाघाट 

(१५) वरली ।

पठनीय

‘देश की आत्‍मा गाँवों में बसती है,’ गांधीजी के इस विचार से संबंधित कोई लेख पढ़िए तथा इसपर स्‍वमत प्रस्‍तुत कीजिए।

उत्तर: हमारा देश कृषिप्रधान देश है। यह गाँवों का देश है। भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। सरित-सरोवर, झील- जलाशय, विविध विटप, वन-पर्वत, खेत-खलिहान और सहज-स्वाभाविक जीवन शैली सब गाँवों में ही उपलब्ध हो सकती है। आज भी भारत की ६५ प्रतिशत से अधिक जनसंख्या गाँवों में बसती है। परंतु देश के आर्थिक विकास का लाभ गाँववासियों को संख्या के अनुपात में नहीं मिल पाता। आज भी असंख्य गाँव देश की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाए हैं। गाँवों की समस्याएँ चाहे गरीबी हो, सामाजिक हो, पेयजल हो या बिजली, सड़क, शिक्षा आदि हों, इन्हें कभी भी गंभीर रूप से नहीं लिया गया। शहर के निकट बसे गाँवों में तो फिर भी विकास की संभावनाएँ बनी रहती हैं, परंतु दूर-दराज के पिछड़े गाँवों के विकास के प्रति प्रशासन का ध्यान ही नहीं जाता। देखा जाए तो गाँवों की प्रगति से ही पूरे देश की प्रगति जुड़ी है, क्योंकि गाँवों से ही हमारी प्रत्येक आवश्यकता अनाज, वस्त्र, कागज, ईंधन, उद्योगों के लिए कच्चा माल आदि की पूर्ति होती है।

संभाषणीय

आपकी तथा परिवार के किसी बड़े सदस्‍य की दिनचर्या की तुलना कीजिए तथा समानता एवं अंतर बताइए।

उत्तर: मैं दसवीं कक्षा की छात्रा हूँ और उसी स्कूल में पढ़ती हूँ, जहाँ मेरी माँ वाइस प्रिंसिपल हैं और हिंदी की प्राध्यापिका हैं। हम दोनों आठ बजे बस से स्कूल जाते हैं और दो बजे घर लौटते हैं। माँ सुबह जल्दी जगती हैं। नाश्ता और दोपहर का खाना बनाती हैं। मुझे जगाती हैं। स्वयं तैयार होती हैं। फिर हम स्कूल के लिए निकलते हैं। स्कूल से घर आकर मैं कपड़े बदलती हूँ, तब तक माँ खाना गरम करती हैं। खाना खाते समय हम दोनों स्कूल व मेरी पढ़ाई के विषय में बातें करते हैं। उसके बाद हम दोनों लगभग एक घंटा विश्राम करते हैं। चार बजे माँ फिर से काम पर लग जाती हैं। विद्यार्थियों का गृहकार्य-कक्षाकार्य आदि जाँचना, कभी परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र बनाना और कभी परीक्षा की उत्तर-पुस्तिकाएँ जाँचना, हर दिन माँ के पास स्कूल से संबंधित काम होता ही है। मैं भी उनके पास बैठकर पढ़ती हूँ। छह-साढ़े छह बजे माँ रात के खाने की तैयारी के लिए रसोई में जाती हैं। इस बीच मैं अपनी सहेलियों के साथ कुछ देर खेलने चली जाती हूँ। आठ बजे पिता जी के आने के बाद हम तीनों खाना खाते हैं। उसके बाद मैं पढ़ती हूँ और ग्यारह बजे सो जाती हूँ।

श्रवणीय

महाराष्‍ट्र में चलाए जाने वाले लघु उद्योगों की जानकारी रेडियो/दूरदर्शन पर सुनिए और इसके मुख्य मुद्दों को लिखिए ।

उत्तर: महाराष्ट्र में चलाए जाने वाले लघु उद्योग और क्षेत्र : 

(१) कोल्हापुरी चप्पलें (कोल्हापुर) 

(२) वरली पेंटिंग (ठाणे) 

(३) लकड़ी के खिलौने (सावंतवाडी) 

(४) गंजीफा (सावंतवाडी) 

(५) चाँदी का काम (हुपरी)

(६) बीदरी काम (बीदर) 

(७) दरी (विदर्भ)

(८) बाँस का सामान (रायगड, ठाणे) 

(९) पीतल के संगीत वाद्य (ताल, झाँझ, घंटे)।

स्‍वाध्याय

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए –

(१) संजाल पूर्ण कीजिए :

IMG 20230923 212041 पाठ १० – ठेस

उत्तर:

IMG 20230923 212641 पाठ १० – ठेस

(२) कृति पूर्ण कीजिए :

१.

IMG 20230923 212106 पाठ १० – ठेस

उत्तर: 

IMG 20230923 212725 1 पाठ १० – ठेस

२.

IMG 20230923 212129 पाठ १० – ठेस

उत्तर: 

IMG 20230923 212725 पाठ १० – ठेस

३.

IMG 20230923 212153 पाठ १० – ठेस

उत्तर: 

IMG 20230923 212825 पाठ १० – ठेस

(३) वाक्‍यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए : 

१. सातों तारे मंद पड़ गए । 

२. ये मेरी ओर से हैं । सब चीजें हैं दीदी ।

३. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं । 

४. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है ।

उत्तर: 

३. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं । 

४. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है ।

१. सातों तारे मंद पड़ गए । 

२. ये मेरी ओर से हैं । सब चीजें हैं दीदी ।

अभिव्यक्ति

‘कला और कलाकार का सम्‍मान करना हमारा दायित्‍व है’, इस कथन पर अपने विचारों काे शब्‍दबद्ध कीजिए।

उत्तर: कला ईश्वर का दूसरा रूप होता है। हर व्यक्ति के पास अद्वितीय कला नहीं होती है। जिसके पास अद्भुत व कलात्मक कला होती है, वह कलाकार कहलाता है। फिर वह साहित्यकार हो सकता है, चित्रकार हो सकता है या फिर संगीतकार हो सकता है। वह अपनी कला के द्वारा समाज पर अपनी अद्भुत छाप छोड़ता है। उसकी कला से लोग संतुष्ट हो जाते हैं। उसकी कला लोगों के हृदय में आनंद व रस का निर्माण करती है। यदि हम कलाकार का निरादर करेंगे, उसका अपमान करेंगे; तो हम उसकी कला से वंचित हो जाएँगे। साथ ही, उसके नाराज हो जाने से वह भविष्य में अच्छी कला का प्रदर्शन नहीं कर सकेगा। आज भी हम मोहम्मद रफी, कवि रवींद्रनाथ टैगोर, चित्रकार एम. एफ. हुसैन आदि महान कलाकारों को याद करते हैं क्योंकि आज भी उनके द्वारा निर्मित कला व कलाकृति समाज में जीवित है। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम कला और कलाकार का सम्मान करें। आखिर उनके कारण ही हमारी सांस्कृतिक विरासत व धरोहर सुरक्षित है।

भाषा बिंदु

(१) कोष्‍ठक की सूचना के अनुसार निम्‍न वाक्यों का काल परिवर्तन कीजिए :

अली घर से बाहर चला जाता है । (सामान्य भूतकाल)

उत्तर: अली घर से बाहर चला गया।

 

आराम हराम हो जाता है । (पूर्ण वर्तमानकाल एवं पूर्ण भविष्‍यकाल)

उत्तर: आराम हराम हो गया है।

 

सरकार एक ही टैक्‍स लगाती है । (सामान्य भविष्‍यकाल)

उत्तर: सरकार एक ही टैक्स लगाएगी।

 

आप इतनी देर से नाप-तौल करते हैं । (अपूर्ण वर्तमानकाल)

उत्तर: आप इतनी देर से नाप-तौल कर रहे हैं।

 

वे बाजार से नई पुस्‍तक खरीदते हैं । (पूर्ण भूतकाल एवं अपूर्ण भविष्‍यकाल)

उत्तर:

वे बाजार से नई पुस्तक खरीद चुके थे।

वे बाजार से नई पुस्तक खरीद रहे होंगे।

 

वे पुस्‍तक शांति से पढ़ते हैं । (अपूर्ण भूतकाल)

उत्तर: वे पुस्तक शांति से पढ़ रहे थे।

 

सातों तारे मंद पड़ गए । (अपूर्ण वर्तमानकाल)

उत्तर: सातों तारे मंद पड़ जा रहे हैं।

 

मैंने खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्‍वर में कहा । (अपूर्ण भूतकाल)

उत्तर: मैं खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कह रहा था।

(२) नीचे दिए गए वाक्‍य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए :

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था ।

IMG 20230923 212209 1 पाठ १० – ठेस

उत्तर:

IMG 20230923 212851 पाठ १० – ठेस