पाठ ८ – टीटू और चिंकी
एक पेड़ के खोखल में टीटू गिलहरी अपने बच्चों के साथ रहती थी। उसी पेड़ की शाखाओं पर घोंसले में चिंकी चिड़िया व उसके बच्चे रहते थे। दोनों में अच्छा प्यार था। परंतु जब बच्चे बड़े होने लगे, तो उनमें लड़ाई होने लगी। दोनों के ही बच्चे चाहते थे कि दूसरा परिवार वहाँ से सदा के लिए चला जाए। पेड़ के नीचे बिल में दोनों का शत्रु एक साँप रहता था, जो इनके झगड़े से लाभ उठाना चाहता था। अंत में दोनों परिवारों ने मिलकर साँप का सामना किया और यह साबित किया कि एकता में शक्ति होती है।
खोखल – पेड़ के तने में बना हुआ बड़ा छेद, कोटर
बसेरा – घर/आवास
मौका – अवसर
परेशान – त्रस्त
तना – पेड़ का निचला भाग
आसमान – आकाश
मुहावरे
एक और एक ग्यारह होते हैं – एकता में शक्ति होती
वाक्य : जब तक हम एक और एक ग्यारह नही होगे तब तक ये लोग हमे ऐसे ही लूटते रहेगे ।
मैं कौन ?
चित्रों के आधार पर वाक्य बनाओ :
उत्तर:
(i) मैं एक बादल हूँ जो पेड़ पौधों को पानी देता हूँ। धरती पर हरियाली लाता हूँ।
(ii) मैं एक पेड़ हूँ जो पंछियों का आश्रयस्थान हूँ। मैं आप सबको मीठे फल देता हूँ।
(iii) मैं एक बाग हैं। बच्चे मेरे यहाँ आकर खेलते हैं और खूब मजा लेते हैं।
खोजबीन
विलुप्त होते हुए प्राणियों तथा पक्षियों की जानकारी प्राप्त करके सूची बनाओ ।
उत्तर: आवास विनाश, जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों जैसे विभिन्न कारकों के कारण असंख्य जानवर और पक्षी दुखद रूप से विलुप्त हो गए हैं। कुछ उल्लेखनीय विलुप्त जानवरों में डोडो शामिल है, जो मॉरीशस का एक उड़ानहीन पक्षी है; तस्मानियाई बाघ, ऑस्ट्रेलिया का एक दलदली जानवर; ऊनी मैमथ, एक हिमयुग हाथी; और यात्री कबूतर, जो कभी उत्तरी अमेरिका में प्रचुर मात्रा में पाया जाता था। विलुप्त पक्षी प्रजातियों में ग्रेट औक, एक बड़ा उड़ान रहित पक्षी शामिल है; कैरोलिना तोता, एक जीवंत तोता; और हाथी दांत की चोंच वाला कठफोड़वा, एक शानदार कठफोड़वा। ये विलुप्तियाँ ग्रह की विविध और कमजोर प्रजातियों की रक्षा के लिए संरक्षण प्रयासों के महत्व की याद दिलाती हैं।
विचार मंथन
।। जीवदया ही भूतदया है ।।
भाषा की ओर
विरामचिह्न रहित अनुच्छेद में विरामचिह्न लगाओ।
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काबुलीवाले ने पूछा बिटिया अब कौन सी चूड़ियाँ चाहिए मैंने अपनी गुड़िया दिखाकर कहा मेरी गुड़िया के लिए अच्छी सी चूड़ियाँ दे दो जैसे लाल नीली पीली
(यह अनुच्छेद काबुलीवाला कहानी से है ।)
उत्तर: काबुलीवाले ने पूछा, “बिटिया अब कौन-सी चूड़ियाँ चाहिए ?” मैंने अपनी गुड़िया दिखाकर कहा, ‘मेरी गुड़िया के लिए अच्छी सी चूड़ियाँ दे दो।
जैसे : लाल, नीली, पीली।”
सुनो तो जरा
विभिन्न पशु-पक्षियों की बोलियों की नकल सुनाओ ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
बताओ तो सही
अपने साथ घटित कोई मजेदार घटना बताओ ।
उत्तर: मैंने एक स्कूल प्रोजेक्ट के लिए एक टीम बनाई और हमने वहां काम किया। हमारा प्रोजेक्ट स्कूली छात्रों के लिए एक नया और सुविधाजनक वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन लाना था। इसके माध्यम से हमने छात्रों के लिए शिक्षा में अधिक सुविधाएं प्रदान कीं और उनके लिए एक सुरक्षित और गतिशील इंटरनेट एक्सेस माध्यम बनाया। इसके माध्यम से हमें शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने और समुदाय में महत्वपूर्ण योगदान देने का अवसर मिला।
वाचन जगत से
उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की कोई एक कहानी पढ़ो । उसका विषय बताओ ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
मेरी कलम से
‘बाघ बचाओ परियोजना’ के बारे में जानकारी प्राप्त कर लिखो ।
उत्तर: ‘बाघ बचाओ परियोजना’ भारत में एक महत्वपूर्ण वन्यजीव संरक्षण पहल है जिसका उद्देश्य लुप्तप्राय बाघों की आबादी की रक्षा और संरक्षण करना है। आधिकारिक तौर पर इसे “प्रोजेक्ट टाइगर” के रूप में जाना जाता है, इसे 1973 में लॉन्च किया गया था और इसे भारत के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा प्रशासित किया जाता है। इस परियोजना का प्राथमिक लक्ष्य संरक्षित बाघ अभयारण्यों का निर्माण और रखरखाव करना, बाघों के आवासों को बढ़ाना और अवैध शिकार और बाघ उत्पादों के अवैध व्यापार से निपटना है। कड़े अवैध शिकार विरोधी उपायों, आवास बहाली और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से, प्रोजेक्ट टाइगर ने बाघों की संख्या बढ़ाने और भारत में इस प्रतिष्ठित प्रजाति के दीर्घकालिक अस्तित्व को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
सदैव ध्यान में रखो
प्राणियों का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है।
जरा सोचो ….. चर्चा करो
यदि प्राणी नहीं होते तो …
उत्तर: यदि प्राणी नहीं होते तो पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व नहीं होता। जीवित जीवों के बिना, पृथ्वी पर जैविक गतिविधि, परागण, खाद्य उत्पादन और जैविक गतिविधियों की गति में कमी आएगी, जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन का नुकसान होगा। इसके अलावा इंसानों के लिए जानवरों का भी महत्व है, क्योंकि उनसे हमें भोजन, कपड़े और कई अन्य उपयोगी चीजें मिलती हैं। वे पृथ्वी पर जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और उनके गहरे संबंध हमारे और हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखाे ।
उत्तर: टीटू और चिंकी दोनों पड़ोसिन थी। टीटू का घर जिस पेड़ के खोखल में था उसी पेड़ की शाखाओं पर चिंकी का घोंसला था। दोनों एक-दूसरे की मदद करती थी। जब उन्होंने अंडे दिए थे तब तेज हवाओं के साथ जोरदार बरसात हुई थी। उस मुश्किल की घड़ी में दोनों ने मिल-जुलकर अपने अंड़ों की रक्षा की थी और जाना था कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
अब उनके बच्चे हो गए थे। एक दिन वे आपस में झगड़ बैठे। उनकी माताओं ने उन्हें समझाया पर दोनों एक ही बात पर अड़े थे कि पेड़ उनका है। दोनों एक-दूसरे को पेड़ से भगाने पर तुले थे। अंत में दोनों माताओं ने बच्चों के साथ पेड़ छोड़कर जाने का फैसला लिया।
उनका यह तमाशा बिल में छिपा साँप देख रहा था। मौका मिलते ही वह बाहर निकल आया और पेड़ पर चढ़ने लगा। वह सोच रहा था कि पहले गिलहरी के बच्चों को निगलेगा। परंतु उसे पेड़ पर चढ़ते हुए चिंकी ने देख लिया। उसने गिलहरी को सावधान किया और बच्चों को खोखल से निकालकर उसके घोंसले में लाने को कहा। फिर वह पेड़ के तने पर अपनी चोंच मारती रही। जहाँ-जहाँ उसने चोंच मारी थी वहाँ-वहाँ से चिपचिपा गोंद बहने लगा जिसकी वजह से साँप पेड़ पर चढ़ नहीं पाया और थककर वापस लौट गया। चिंकी के बच्चे भी चिंकी की मदद कर रहे थे। गिलहरी ने अपने बच्चों को घोंसले में पहुँचा दिया था। इस तरह साँप से वे बच गए और बच्चों को पड़ोसी धर्म समझ में आ गया।
इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि मिल-जुलकर रहना चाहिए और मुसीबत में एक और एक ग्यारह बनकर मुकाबला करना चाहिए। एकता में बहुत बड़ी शक्ति होती है।
स्वयं अध्ययन
‘दूरदर्शन चैनल’ पर दिखाए जाने वाले किसी अनोखे जीव की जानकारी प्राप्त करो ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
अध्ययन कौशल
चित्रों को पहचानकर जलचर, नभचर, थलचर और उभयचर प्राणियों में वर्गीकरण करो ।
उत्तर: