पाठ ६ – मेरा अहोभाग्य
इस संस्मरण में लेखक द्वारा गुरुदेव रवींद्रनाथ के साथ बिताए कुछ समय का वर्णन है। लेखक को सौभाग्य से उसी कमरे में ठहरने का अवसर मिला, जहाँ बैठकर कवि ने नोबल पुरस्कार प्राप्त ‘गीतांजलि’ की रचना की थी।
संस्मरण – स्मरणीय
घटना मध्याह्न – दोपहर
उल्लसित – आनंदित
वार्तालाप – बातचीत
दल – समूह
संसर्ग – संगति
सृष्टि – संसार
सघन – घना
अनुभूति – स्व-अनुभव
उपवन – उद्यान
बकुल – मौलसिरी (वृक्ष का नाम)
मानसिक खाद्य – वैचारिक चर्चा
नाम तुम्हारे
चित्र देखकर उचित सर्वनाम में लिखो : (तू, मैं, वह, यह, क्या, जैसा-वैसा, अपने-आप)
उत्तर:
अध्ययन कौशल
पाठ्यपुस्तक में आए हुए कठिन शब्दों के अर्थ वर्णक्रमानुसार शब्दकोश में देखो ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
जरा सोचो ………. बताओ
यदि मैं पुस्तक होता/होती तो ……
उत्तर: यदि मैं पुस्तक होता होती, तो मुझे बड़ी प्रसन्नता होती पुस्तकें ज्ञान का भंडार तो होती ही हैं, साथ ही 1 मनोरंजन का साधन भी होती हैं। छोटे बच्चे रंग-बिरंगी, आकर्षक, कार्टून पुस्तक देखकर मुझे लेने के लिए मचलते तो मैं भी उनके छोटे-छोटे, कोमल फूल जैसे हाथों में जाने के लिए लालायित हो उठती मनपसंद पुस्तक पाने पर बच्चों को खुशी होती, उससे मैं भी प्रसन्न हो जाती। वे बार-बार मुझे पढ़ते फिर इधर-उधर डाल देते। मैं चाहती कि वे मुझे सँभालना सीखें विद्वानों के घर में, धर्मप्रिय लोगों के घर में मुझे बहुत सँभालकर रखा जाता। पुस्तकालयों में मेरी संख्या भी बहुत अधिक होती और पढ़ने वाले भी मैं चाहती कि छोटे-बड़े सभी मुझे पढ़कर अच्छी बातें सीखें।
भाषा की ओर
निम्नलिखित शब्दों के लिंग और वचन बदलकर लिखो ।
उत्तर:
सुनो तो जरा
दैनिक समाचार सुनो और मुख्य समाचार को फलक पर लिखकर परिपाठ में सुनाओ ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
बताओ तो सही
अपने मन पसंद व्यक्ति का साक्षात्कार लेने हेतु कोई पाँच प्रश्न बनाकर बताओ ।
उत्तर:
(१) आपकी कौन-कौन-सी रुचियाँ हैं ?
(२) क्या आपके बचपन में स्कूल में कभी आपको सजा भुगतनी पड़ी?
(३) आप खाली समय में क्या करते हैं ?
(४) क्या आपकी ऐसी कोई इच्छा है, जो पूरी नहीं हो पाई ?
(५) आपका मनपसंद व्यक्ति कौन है ?
वाचन जगत से
संत तुकाराम के अभंग पढ़ाे और गाओ ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
मेरी कलम से
अपने परिवार से संबंधित कोई संस्मरण लिखो ।
उत्तर: मेरे परिवार के साथ बिताये गए वो पल ज़िंदगी के सबसे महत्वपूर्ण हैं। बचपन की यादें हमें हमेशा हँसी-ख़ुशियों से भर देती हैं। घर के चुपचाप वीराने, परिवार के साथ के खास लम्हे, उनकी ममता-प्यार, और मेरे माता-पिता की मेहनत ने मुझे जीवन के मूल्य को समझना सिखाया।
जब हम सभी मिलकर खुशी-खुशी गुजरते थे, तो वो समय अद्वितीय था। हर त्योहार, खास अवसर, और गर्मियों की छुट्टियों में हमारा परिवार हमेशा एक साथ होता था। वो दिन अब यादें बन गए हैं और मेरे दिल में सदैव बसे रहेंगे। मेरे परिवार के साथ के ये अनमोल लम्हे मेरे जीवन का सबसे मूल्यवान संस्मरण हैं जिन्हें मैं कभी नहीं भूल सकता।
एक वाक्य में उत्तर लिखो :
१. साहित्यिक कार्यक्रम कहाँ होने वाला था ?
उत्तर: साहित्यिक कार्यक्रम शांतिनिकेतन में होने वाला था।
२. गुरुदेव की कहानियों में किसकी मनोवृत्ति केदर्शन होते थे?
उत्तर: गुरुदेव की कहानियों में ग्रामीण जनता की मनोवृत्ति के दर्शन होते हैं।
३. संस्मरण में किस कहानी का उल्लेख किया गया है?
उत्तर: संस्मरण में गुरुदेव की ‘काबुलीवाला’ कहानी का उल्लेख किया गया है।
४. लेखक आनंद विभाेर क्यों हुए ?
उत्तर: लेखक आनंद विभोर हुए क्योंकि नोबल पुरस्कार प्राप्त ‘गीतांजली’ जिस कमरे में रची गई उस कमरे में ठहरने का सौभाग्य उन्हें मिला था।
स्वयं अध्ययन
महान विभूतियों की सूची बनाकर उनके कार्यों का उल्लेख करते हुए निबंध लिखो ।
उत्तर:
१. मोहनदास करमचंद गांधी:
मोहनदास करमचंद गांधी, जो महात्मा गांधी के नाम से मशहूर हैं, उन्होंने १८६९ में पोरबंदर, गुजरात में जन्म लिया था। उन्होंने विद्या की शुरुआत पोरबंदर में की और फिर वेब्ली इंग्लिश स्कूल, लंडन से कानून की पढ़ाई की।
मोहनदास गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेता के रूप में अपने व्यक्तिगत और सामाजिक सत्याग्रह के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सत्याग्रह, अहिंसा, और सर्वोदय के मूल्यों को प्रमोट किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नेतृत्व किया।
२. रवींद्रनाथ ठाकुर:
रवींद्रनाथ ठाकुर, जिन्हें रवींद्रनाथ टैगोर के नाम से जाना जाता है, उन्होंने १८६१ में कोलकाता, बंगाल में जन्म लिया था। उन्होंने शिक्षा में अत्यधिक रूप से साहित्य और कला का महत्व माना और संस्कृति के प्रति अपनी गहरी प्रेम की प्रतिष्ठा की।
रवींद्रनाथ ठाकुर ने नॉबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय लेखक के रूप में महत्वपूर्ण पहचान हासिल की। उन्होंने अपनी कविताओं, नाटकों, और गीतों के माध्यम से विश्व साहित्य को रौशनी में लाया और भारतीय संस्कृति को गर्वित बनाया।
३. पंडित जवाहरलाल नेहरू:
पंडित जवाहरलाल नेहरू, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और भारतीय गणराज्य के पहले प्रधानमंत्री रहे हैं। उनका जन्म १४ नवम्बर १८८९ को इलाहाबाद, भारत में हुआ था।
पंडित नेहरू ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधीजी के नेतृत्व में भाग लिया और बचपन से ही शिक्षा, विज्ञान, और भारतीय संस्कृति के प्रति गहरा आस्था रखी। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में देश के विकास और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किया।
४. सुभाषचंद्र बोस:
सुभाषचंद्र बोस, जिन्हें नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम से जाना जाता है, उनका जन्म २३ जनवरी १८९७ को कटक, ओडिशा में हुआ था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने आजाद हिन्द फौज की स्थापना की और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को गोली की बर्फीली शिखरों पर भी ले जाने का सपना देखा। उनके योगदान और प्रेरणा का महत्वपूर्ण स्थान है भारतीय इतिहास में।
५. वल्लभभाई पटेल:
वल्लभभाई पटेल, जिन्हें सरदार पटेल के नाम से जाना जाता है, उन्होंने ३१ अक्टूबर १८७५ को नड़ियाद, गुजरात में जन्म लिया था।
सरदार पटेल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विशेषज्ञता प्राप्त की और उन्होंने भारतीय संघ को एकत्र किया। उन्होंने सार्वभौमिक समर्पण और राष्ट्रीय एकता को प्रमोट किया और भारतीय संगठन के अस्तित्व को मजबूती से बनाया।
६. विक्रम साराभाई:
विक्रम साराभाई, भारतीय अंतरिक्ष और विज्ञान के पिता के रूप में मशहूर हैं। उनका जन्म १२ अगस्त १९१० को अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था।
विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान को महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत के पहले उपग्रह “आर्यभट्टा” का प्रक्षेपण किया। उन्होंने भारत को अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कराया और विज्ञान क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान से गर्वित किया। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) की नींव रखी और भारत को विश्व के अंतरिक्ष अनुसंधान में महत्वपूर्ण स्थान पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व में, इसरो ने अनेक सफल अंतरिक्ष मिशन्स को सफलतापूर्वक पूरा किया, जैसे कि चंद्रयान और मंगलयान।
७. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम:
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, जिन्हें “मिसाइल मैन” के नाम से जाना जाता है, भारतीय राक्षस्व और अंतरिक्ष वैज्ञानिक थे। उनका जन्म १५ अक्टूबर १९३१ को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था।
डॉ. अब्दुल कलाम ने भारत के मिसाइल प्रोग्राम को महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की भावना को अपनाया। उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण काम किया और भारत को सत्याग्रही सैन्यी और वैज्ञानिक के रूप में मान्यता दिलाई।
इन महान विभूतियों ने अपने जीवन में अत्यधिक समर्पण और उत्कृष्टता के साथ काम किया और भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर गर्वित कराया। उनके कार्यों ने देश को एक नया दिशा देने में मदद की और उनका योगदान हमारे इतिहास में सदैव याद रहेगा।
सदैव ध्यान में रखो
उल्लेखनीय कार्य ही व्यक्ति को महान बनाते हैं।
विचार मंथन
।। हे विश्वचि माझे घर ।।
खोजबीन
नीचे दिए गए नोबल पुरस्कार प्राप्त विभूतियों के चित्र चिपकाओ । उन्हें यह पुरस्कार किस लिए प्राप्त हुआ है, बताओ ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।