पाठ ६ – ‘पृथ्वी’ से ‘अग्नि’ तक
नए शब्द
युगांतरकारी – युग प्रवर्तक
आत्मनिर्भर – स्वावलंबी
चुनिंदा – चुना हुआ
अभूतपूर्व – अनोखा
गतिविधियाँ – कृतियाँ
सदमा – दुखद घटना का आघात
झकझोरना – झँझोड़ना
चक्रवात – बवंडर
अंतराल – बीच का समय
नतीजा – परिणाम
मुहावरा
दाँव पर लगाना – कुछ पाने के लिए बदले में कुछ लगाना
वाक्य : रमन ने व्यापार में सफल होने के लिये अपने सारी पिता की कमाई सारी सम्पत्ति दाँव पर लगा दी है।
स्वयं अध्ययन
किसी महान विभूति का जीवनक्रम वर्षानुसार बनाकर लाओ और पढ़ो : जैसे – जन्म, शालेय शिक्षा आदि ।
उत्तर:
महात्मा गांधी का जीवनक्रम:
– जन्म (2 अक्टूबर 1869): मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म पोरबंदर, गुजरात, में हुआ था।
– शिक्षा: उन्होंने शालेय शिक्षा भारत और इंग्लैंड में प्राप्त की।
– सत्याग्रह की शुरुआत: 1915 में गांधीजी ने इंडियन सत्याग्रह का आरंभ किया, जिसका उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता की प्राप्ति था।
– खिलाफत आंदोलन: 1920 में गांधीजी ने खिलाफत आंदोलन का समर्थन किया, जिसका उद्देश्य खिलाफत आंदोलन का सहयोग करके खिलाफत समुदाय की मदद करना था।
– दंडी मार्च: 1930 में गांधीजी ने दंडी मार्च का आयोजन किया, जिसमें वे नमक की खरीद के लिए समुद्र किनारे तक पैदल चले गए।
– स्वतंत्रता संग्राम: गांधीजी ने अनगिनत सत्याग्रह और आंदोलनों के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नेतृत्व किया और भारत को 1947 में स्वतंत्र बनाया।
– मृत्यु (30 जनवरी 1948): गांधीजी का आत्मघाती बर्बादी द्वारा निधन हुआ।
खोजबीन
अंतरजाल से पद्मभूषण से विभूषित विभूतियों की जानकारी का संकलन करके सुनाओ ।
उत्तर:
सुनो तो जरा
विज्ञान प्रदर्शनी के लिए बनाए गए उपकरण बनाने की विधि एवं उपयोग सुनो और सुनाओ ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
जरा सोचो ……. चर्चा करो
यदि मैं अंतरिक्ष यात्री बन जाऊँ तो ….
उत्तर: यदि मैं अंतरिक्ष यात्री बन जाऊँ तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। मेरी बचपन से ही इच्छा थी कि मैं अंतरिक्ष यात्री बनूँ मैं यह भी जानती थी कि इसके लिए मुझे बहुत अधिक मेहनत करनी होगी। मैंने नदिनको दिन समझा, न रात को रात खूब पढ़ाई की। अंतरिक्ष में जाने की तैयारी की। मैं अवश्य एक दिन अंतरिक्ष में जाऊँगी अंतरिक्ष से अपनी सुंदर धरती को देखूंगी। अपने प्यारे भारत को देखूंगी। चाँद तारों को आकाश गंगा को निकट से देख सकूँगी स्पेस वॉक करूंगी। वहाँ फैली शांति का अनुभव करूंगी।
विचार मंथन
।। हम विज्ञान लोक के वासी ।।
मेरी कलम से
दिए गए मुद्दों के आधार पर कहानी लिखो :
उत्तर:
निस्वार्थ सेवा का पुरस्कार
गाँव में मेला लगा हुआ था, आस-पास के गाँवों के सैकड़ों दुकानदारों ने कई दिन पहले से ही मेले में अपनी दुकानें सजा रखी थीं। लोग दूर-दूर से इस मेले को देखने आ रहे थे जिस कारण मेले में बहुत भीड़ रहती थी।
मेले के प्रवेश द्वार के बीचोंबीच सड़क पर एक बड़ा-सा पत्थर गड़ा हुआ था। जिससे टकराकर जाने कितने गिर पड़ते थे, और न जाने कितनों को रोज चोट लगती थी। न तो मेले के आयोजकों का ही ध्यान इस ओर गया, न ही मेले में आने वालों में से किसी का एक लड़का बहुत देर से लोगों की इस परेशानी को देख रहा था। अंत में उससे रहा न गया। उसने पत्थर हटाने की कोशिश की। पत्थर बहुत भारी था और जमीन में गड़ा था। लड़के ने हिम्मत नहीं हारी कोशिश करता रहा और अंत में वह उस भारी पत्थर को वहाँ से निकालने में सफल हुआ।
पत्थर निकलते ही सब लोगों ने देखा कि वहाँ एक चिट्ठी रखी थी चिट्ठी को सबने पढ़ा उसमें लिखा था – जो भी इस पत्थर को निकालेगा, वह एक बड़े पुरस्कार का अधिकारी है। जाकर गाँव के सरपंच से मिलो और अपना पुरस्कार प्राप्त करो।
सीख : निस्वार्थ भाव से की गई सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है।
अध्ययन कौशल
अपना दैनिक नियोजन बनाओ तथा उसपर अमल करो ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
सदैव ध्यान में रखो
दैनिक जीवन में विज्ञान का उपयोग करना श्रेयस्कर होता है ।
१. सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखो :
(क) ‘पृथ्वी’ प्रक्षेपण के लिए ______ अंतरिक्ष केंद्र में विशेष सुविधाऍं स्थापित की । [थुंबा, श्रीहरिकोटा]
उत्तर: श्रीहरिकोटा
(ख) सिर्फ छह सौ ______ की भव्य उड़ान ने हमारी सारी थकान को एक पल में धो डाला । [मिनट, सेकंड्स]
उत्तर: सेकंड्स
२. तीन–चार वाक्यों में उत्तर लिखो:
(च) भारत को चुनिंदा राष्ट्रों के समूह में किसने पहुँचा दिया ?
उत्तर: श्रीहरीकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 25 फरवरी, 1988 को ‘पृथ्वी’ उपग्रह छोड़ा गया। यह देश के रॉकेट विज्ञान के इतिहास में एक युगांतरकारी घटना थी। देश एक आत्मनिर्भर देश के रूप में उभर आया। इस तरह सामर्थ्यशाली अंतरिक्ष उद्योग और व्यवहार्य मिसाइल आधारित सुरक्षा प्रणालियों ने भारत को चुनिंदा राष्ट्रों के समूह में पहुँचा दिया।
(छ) टीम के साथ डॉ. कलाम जी ने कौन-सा अनुभव बॉंटा ?
उत्तर: 19 अप्रैल, 1989 को ‘अग्नि’ का प्रक्षेपण निर्धारित किया गया था। लेकिन तकनिकी खराबियों के कारण उन्हें प्रक्षेपण स्थगित करना पड़ा। टीम के सदस्य सदमे में थे। उनका दुख दूर करने गए डॉ. ए. पी. जे. कलाम ने उनके साथ अपना अनुभव बांटा। उन्होंने कहा कि उनका प्रक्षेपणयान तो गिरकर समुद्र में खो गया था जिसकी वापसी भी सफलता से हुई। आपकी मिसाइल अभी तक आपके सामने है और आपने ऐसा कुछ भी नहीं खोया है जिसे एक-दो हफ्तों में सुधारा न जा सके।
(ज) ‘अग्नि’ का प्रक्षेपण पहले स्थगित क्यों करना पड़ा ?
उत्तर: डॉ. कलाम जी के प्रोत्साहन पर वैज्ञानिकों ने दिन-रात मेहनत की और 1 मई, 1989 को ‘अग्नि’ मिसाइल को प्रक्षेपण के लिए तैयार कर लिया। लेकिन स्वचलित कंप्यूटर जाँच अवधि के दौरान टी-10 सेकंड पर एक ‘होल्ड’ का संकेत दिखाई पड़ा। इसलिए ‘अग्नि’ का प्रक्षेपण स्थगित करना पड़ा।
(झ) रक्षामंत्री ने डॉ. कलाम जी से कब और क्या पूछा था ?
उत्तर: 22 मई, 1989 को ‘अग्नि’ प्रक्षेपण निर्धारित किया गया था उस की पहली रात में रक्षामंत्री महोदय ने डॉ. कलाम से पूछा, “कलाम! कल तुम ‘अग्नि’ की कामयाबी का जश्न मनाने के लिए मुझसे क्या उपहार चाहोगे?” इस तरह एक मामूली सा सवाल रक्षामंत्री ने डॉ. कलाम जी से पूछा।
भाषा की ओर
दाएँ पंख में उपसर्गतथा बाऍं पंख में प्रत्यय लगाकर शब्द लिखाे तथा उनके वाक्य बनाओ :
उत्तर:
(१) रमेश ने विनम्र होकर आज्ञापालन किया ।
(२) छात्र में नम्रता होनी ही चाहिए।
उत्तर:
(१) नील निडर है।
(२) हमने एक डरावना दृश्य देखा।
उत्तर:
(१) सीमा ने निर्जल व्रत रखा।
(२) सरोवर में जलज शोभायमान थे।
उत्तर:
(१) मेरी निद्रा भंग करने का दुःसाहस किसने किया?
(२) देश के बालक साहसी हैं।
उत्तर:
(१) असत्य कभी न बोलो।
(२) मामले के तह तक जाकर ही सत्यता समझ में आएगी।