पाठ २ – बेटी युग
नए शब्द
सुहानी – सुंदर
दाैर – काल, समय
नेक – भला, अच्छा
इरादा – संकल्प
कलम – लेखनी
उत्थान – प्रगति
पर्व – त्योहार
सयानी – समझदार
मुहावरा
ठान लेना – निश्चय करना
वाक्य : अमान ने ठान लिया है कि वह कक्षा में प्रथम आएगा।
अध्ययन कौशल
अपने विद्यालय के पाँचवीं से आठवीं तक की कक्षाओं में पढ़ रहे छात्र और छात्राओं की संख्या संयुक्त स्तंभालेख द्वारा दर्शाओ ।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
वाचन जगत से
पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होळकर के कार्य पढ़ो और प्रमुख मुद्दे बताओ ।
उत्तर: मालवा राज्य की महारानी अहिल्याबाई होळकर का जन्म ३१ मई, १७२५ को चौंडी ग्राम, जमखेड, अहमदनगर, महाराष्ट्र में हुआ था। अहिल्याबाई होळकर इतिहास में प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होळकर के पुत्र खांडेराव की पत्नी थी। इनका देहांत १३ अगस्त १७९५ को हुआ। कम उम्र में ब्याह होने के बाद से अहिल्याबाई ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखें। अपने पति, पुत्र, पुत्री तथा दामाद की असमय मृत्यु के कारण महारानी का गृहस्थ जीवन कभी सुखद नहीं रहा। इसके बावजूद समाज के लिए उन्होंने जो कार्य किए हैं, वे अत्यंत सराहनीय हैं।
अहिल्याबाई होळकर के कुछ कार्य :
१) भारत के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मंदिर बनवाए।
२) घाट बँधवाए, सार्वजनिक कुओं और बाविड़यों का निर्माण कराया।
३) मार्ग सुधार तथा नए मार्ग बनवाए।
४) भूखों के लिए अन्नक्षेत्र खुलवाए। ५. अंधविश्वास तथा रूिढयों की जकड़ में कसे समाज को जागृत किया।
सुनो तो जरा
त्योहार मनाने के उद्देश्य की वैज्ञानिकता सुनो और सुनाओ।
उत्तर: हमारे सभी उत्सव और व्रत ब्रह्मांड की खगोलीय घटना, धरती के वातावरण परिवर्तन, मनुष्य के मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक कर्तव्य को ध्यान में रखकर निर्मित किए गए हैं। जैसे –
(१) मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण पर जब वह मकर राशि में गमन करता – है तो मनाया जाता है। हमारी धरती के सूर्य के प्रति धन्यवाद देने हेतु मनाया जानेवाला यह त्योहार है।
(२) दीपावली – बरसात के बाद घर सहित आसपास की दशा बिगड़ जाती है। दीपावली के बहाने घर का कोना-कोना साफ हो जाता है। बरसात के बाद पैदा हुए कीड़े-मकोड़े दिवाली के दीपों में जलकर मर जाते हैं जिससे वातावरण में हानिकारक किटाणुओं की समाप्ति होती है।
(३) होली – होलिका दहन के पीछे भी यही वैज्ञानिक कारण है। होलिका दहन प्रक्रिया से वातावरण का तापमान 145 डिग्री फॅरनाइट तक बढ़ जाता है जो हानिकारक कीटकों को मारता है।
(४) नवरात्रि – भारतीय ऋषी मुनियों ने दिन से भी रात्रि में पूजा-अर्चना को अधिक महत्त्व दिया है। क्योंकि दिन में आवाज लगाई जाए तो दूर तक नहीं पहुँचती किंतु रात्रि में बहुत दूर तक पहुँच जाती है। इसके पीछे दिन के कोलाहल के अलावा एक वैज्ञानिक तथ्य यह भी है कि दिन में सूर्य की किरणें आवाज की तरंगों और रेडियो तरंगों को आगे बढ़ने से रोक देती हैं। मंदिरों के घंटा और शंख की आवाज से दूर -दूर तक वातावरण कीटाणुओं से रहित हो जाता है यह रात्रि का वैज्ञानिक रहस्य है । इसीलिए दो बार नवरात्रि और एक महा शिवरात्रि मनाई जाती है।
जरा सोचो ……… लिखो
तुम्हें रुपयों से भरा बटुआ मिल जाए तो …..
उत्तर: अगर मुझे पैसों से भरा कोई बटुआ मिलता है, तो मैं सबसे पहले उसके मालिक का पता लगाने के लिए उसकी पहचान की जाँच करूँगा यदि संभव हुआ तो मैं इसे तुरंत उन्हें लौटा दूंगा। यदि कोई पहचान नहीं है, तो मैं इसे अधिकारियों या निकटतम खोया-पाया विभाग को सौंपने पर विचार करूँगा यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि असली मालिक को उनका सामान वापस मिल जाए। मैं दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करने में विश्वास करता हूँ जैसा मैं चाहता हूँ कि मेरे साथ व्यवहार किया जाए, और मैं ऐसी स्थितियों में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के महत्व को समझता हूँ।
स्वयं अध्ययन
स्त्री शिक्षा का इनपर क्या प्रभाव पड़ता है, लिखो :
उत्तर: वर्तमान दौर में यह बात सर्वमान्य है कि स्त्री को भी उतना ही शिक्षा का अवसर उपलब्ध होना चाहिए जितना कि एक पुरुष को है। यह बात सिद्ध सत्य है कि माता शिक्षित न होगी तो देश को संतानों का कदापि कल्याण संभव नहीं। इसलिए मराठी में एक कहावत है, ‘जिच्या हाती पाळण्याची दोरी, ती सर्व जगा उद्धारौ।’
स्त्री शिक्षा का स्वयं पर प्रभाव स्वी को स्वयं भी शिक्षा के प्रति रुचि रखनी चाहिए। शिक्षित होकर वह आत्मनिर्भर बनेगी। वह पुरुषों के साथ समानता का अधिकार प्राप्त कर सकेगी। वह एक सफल गृहिणी और कुशल माता बनेगी।
एक शिक्षित माता का परिवार भी शिक्षित होगा। बच्चो का मानसिक विकास सही मायने में ऐसे परिवार में हो हो सकेगा। निराशा एवं शोषण के अंधकार से बाहर निकालने के लिए नारी शिक्षा एक महत्त्वपूर्ण कड़ी होगी। शिक्षित माता के बालक समाज में अपना कर्तव्य निभाने में सक्षम रहेंगे और समाज को प्रगति की ऊंचाइयों पर ले जाएँगे। समाज में नारी की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
देश की हर नारी जब शिक्षा के पंख लगाकर आसमान छूने चलेगी तम देश को आगे बढ़ने में कोई नहीं रोक सकेगा। क्योंकि वह लक्ष्मी, सरस्वती हो नहीं बल्कि समय आने पर दुर्गा बनकर रक्षा करने के लिए भी आगे बढ़ेगी। एक जागरूक और सचेत नागरिक बनकर वह स्वयं का विकास करेगी, परिवार का विकास करेगी और देश का भी विकास करेंगी।
‘सजग, सचेत, सबल समर्थ
आधुनिक युग की नारी है।
ऊंचे-ऊंचे पद पर बैठी
सम्मान की अधिकारी है।’
विचार मंथन
।। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ।।
सदैव ध्यान में रखो
स्वयं को बदलो, समाज बदलेगा ।
१. कविता की पंक्तियाँ पूरी करो:
(क) बेटी युग में ___, ___ ।
___, ___ गढ़ेंगे ।।
उत्तर: बेटी युग में बेटा-बेटी, सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे।
फौलादी ले नेक इरादे, खुद अपना इतिहास गढ़ेंगे।
(ख) बेटी युग ___, ___ ।
___, ___ उत्थान पर्व है ।
उत्तर: बेटी युग सम्मान पर्व है, पुण्य पर्व है, ज्ञान पर्व है।
सब सबका सम्मान करें तो जन-जन का उत्थान पर्व है।
२. जानकारी लिखो
(च) बेटी पर्व
उत्तर: बेटी युग एक ऐसा युग है जिसमें बेटियों को सम्मान मिलेगा। इस पर्व में बेटियों को शिक्षित करके सब पुण्य कमाएँगे। सभी शिक्षित होंगे तो एक-दूसरे का सम्मान भी करेंगे। इस तरह यह जन-जन की प्रगति का दौर होगा, हम सभी का देश का उत्थान होगा। सोने की चिड़िया कहलाने वाला यह देश समझदार कहलाएगा और बेटी युग को हवा में ऊँची उड़ान भरेगा।
(छ) शिक्षामय विश्व
उत्तर: बच्चों ने सारा जग शिक्षामय करने का निश्चय किया है। बेटा हो या बेटी अब कोई भी अनपढ़ नहीं रहेगा। सबके हाथों में पुस्तक होगी ज्ञानगंगा की पावन धारा हर घर के आँगन तक पहुँचेगी। पुस्तक और कलम की शक्ति हर किसी को मिलेगी ज्ञान का पर्व होगा और जन-जन का उत्थान होगा।
भाषा की ओर
निम्नलिखित शब्दों के युग्म शब्द बताओ और वाक्यों में उचित शब्दयुग्म लिखो :
गाँव – ………..
उत्तर: गाँव
……….. – उधर
उत्तर: इधर
घूमना – ……….
उत्तर: फिरना
धन – ……….
उत्तर: दौलत
……….. – पहचान
उत्तर: जान
कूड़ा – ………..
उत्तर: कचरा
……….. – फूल
उत्तर: फल
घर – ………..
उत्तर: घर
उत्तर: