अभ्यास – ३
चित्रकथा :
चित्रवाचन करके अपने शब्दों में कहानी लिखो और उचित शीर्षक बताओ । अंतिम चित्र में दोनों ने एक-दूसरे से क्या कहा होगा? लिखो :
उत्तर:
भालू ने दिया दोस्ती का सबक
अमित और सुमित नाम के दो मित्र थे। दोनों साथ में व्यवसाय करते थे। काम के सिलसिले में कई बार दोनों को साथ में यात्रा भी करनी पड़ती थी। एक बार वे दोनों रामगढ़ से सुजानगढ़ जा रहे थे। रास्ते में जंगल पड़ता था। दोपहर का समय था। बगल में पानी का झरना देखा तो दोनों पेड़ की छाया में रोटी खाने बैठ गए।
तभी अचानक उन्होंने एक भालू को अपनी तरफ आते देखा। अमित ने सुमित से कहा, “भाग जल्दी, भालू आया। सुमित भी दौड़ने लगा। लेकिन भालू से बचने के लिए इतना काफी नहीं था। अमित ने सुमित से कहा, “पेड़ पे चढ़ो भालू पेड़ पर नहीं आएगा।” पर सुमित को तो पेड़ पर चढ़ना ही नहीं आता था। अमित को वह कहता रहा, “पहले मुझे चढ़ाओ फिर तुम जल्दी से चढ़ जाना। “पर घबराहट में उसने मित्र की बात को अनसुना कर दिया।
सुमित ने सोचा, ‘अब मौत निश्चित है।’ डर के मारे उसके पैर भी जमीन से उठ नहीं रहे थे। वह वहीं जमीन पर लेट गया। भालू नजदीक आया तो उसने साँस रोक लो भालू ने उसे सूंघा और मरा हुआ समझकर छोड़ दिया और आगे चला गया। अमित पेड़ पर छिपा यह तमाशा देख रहा था। उसकी समझ में कुछ भी नहीं आया भालू दूर चला गया तब वह पेड़ से नीचे उतरा। उसने सुमित से पूछा, “भाई, भालू तुम्हारे कान में क्या कहकर गया?” सुमित ने कहा, “स्वार्थी मित्र से दूर रहो।” अमित बहुत लज्जित हुआ। उसने सुमित से माफी माँगी। पर सुमित ने उससे मित्रता तोड़ दी। सचमुच, मुसीबत के समय में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है।
सीख : स्वार्थी मित्रो से दूर रहना चाहिए।