Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Nine

पाठ २ – बिल्‍ली का बिलुंगड़ा

पिछले दिनों लेखक के घर में बहुत चूहे हो गए थे। वे घर के सामान का बहुत नुकसान कर रहे थे । अनाज की सुरक्षा के लिए लोहे के ढोल (डिब्बे) बनवाए गए। ये ढोल भी कारगर नहीं हुए। उसमें भी चूहे घुसने लगे। मित्रों ने घर में एक बिल्ली पालने का सुझाव दिया और बिल्ली लाई भी गई।

 

बिल्ली की खूब खातिर होने लगी। बच्चे उसे रोटी और दूध देने लगे। कुछ दिनों में बिल्ली ने पूरी तरह चूहों का सफाया कर दिया। सब लोग बड़े खुश हुए। दो महीने बाद लोग चूहे को भूल गए और बिल्ली से तंग आ गए। क्योंकि अब बिल्ली की आदत बदल गई। अब वह मौका  मिलते ही दूध, दही, भोजन आदि सपरचट कर देती ।

 

लेखक को बिल्ली से पीछा छुड़ाने की चिंता होने लगी। उनका नौकर अमरू बड़ा होशियार था। रात को उसने एक खाली बोरी में दो रोटियाँ डालकर रख दी। बिल्ली जैसे ही रोटी की लालच में बोरी के अंदर झपटी, नौकर ने तुरंत बोरी का मुँह पकड़ लिया और रस्सी से मुँह बाँध दिया। लेखक ने अमरू से बिल्ली को कहीं दूर छोड़ने को कहा, जहाँ से वह वापस न आ सके।

 

दूसरे दिन सुबह अमरू बोरी कंधे पर लटका कर उसे छोड़ने चल दिया। रास्ते में कुछ लोगों को शक हुआ की बोरी में बच्चा है। दो आदम उसके पीछे हो लिए। उन्होंने देखा कि बोरी अंदर से हिल रही है। उन्हें विश्वास हो गया कि इस बदमाश ने किसी बच्चे को पकड़ा है। देखते-देखते पचासों आदमी इकट्ठा हो गए। सब लोगों ने उसे घेर लिया। पुलिस थाना भी बहुत दूर नहीं था। एक व्यक्ति दौड़कर पुलिस वाले को भी बुला लाया। शोर होने पर लेखक भी घर से बाहर आया, देखा कि भीड़ ने नौकर को घेर रखा है। थानेदार ने अमरू को मारने की धमकी दी तो उसने बोरी का मुँह खोल दिया और बिल्ली का बिलंगुड़ा छलाँगें मारता हुआ भाग गया। दरोगा जी झेंप गए और अमरू हँसता हुआ घर आ गया।

दुत्‍कारना – तिरस्कार करना

कारगर – उपयोगी, प्रभावी

मसखरा – हँसोड़, हँसाने वाला

गिरोह – समूह

चुनाँचे – इसलिए

 

मुहावरे

सिर चढ़ जाना – उद्दंडता के लिए खुली छूट देना

वाक्य : बचपन में मोहक को सिर चढ़ाने का परिणाम है कि आज वह किसी की नहीं सुनता।

 

टूट पड़ना – झपट पड़ना

वाक्य : युद्ध में हमारी सेना दुश्मनों की टोली पर टूट पड़े।

 

व्यस्त होना – तल्लीन होना

वाक्य : आजकल के बच्चे दिन रात मोबाइल में व्यस्त रहते हैं।

 

परामर्श करना – राय लेना

वाक्य : अगर हम दोनों बैठकर परामर्श कर लेते, तो सारी गुत्थियाँ सुलझ जातीं।

संभाषणीय

समूह बनाकर अपने दैनंदिन जीवन में घटित हास्य घटना/प्रसंग को संवाद रूप में प्रस्‍तुत कीजिए :

उत्तर: यहाँ एक दोस्तों के बीच हुआ हास्य संवाद है, जो उनके दैनिक जीवन में घटित हुई एक मजेदार घटना को बता रहे हैं:

 

राज: हे अमित, तुझे याद है वो अच्छे दिन जब हमने वो रोड ट्रिप किया था?

 

अमित: हाँ, वो कैसे भूल सकता हूँ! वो दिन तो बहुत मजेदार था।

 

राज: हाँ, वो हमारी गाड़ी ने हमारे साथ क्या मस्ती की थी! याद है जब हम वो गाना गा रहे थे और वायुमंडलीय स्थितियों की वजह से हमारी आवाजें सुनाई देने लगीं?

 

अमित: हाँ, वो सचमुच अनूठा था! वहाँ के लोग हमारी ओर देख रहे थे जैसे हम बाहरी जीवों से बात कर रहे थे।

 

राज: हाँ, और फिर हमारी गाड़ी ने वो पानी की बोट वाली मगरमच्छ को धुंआधार किया था! वो कितना चौंक गया था!

 

अमित: हँसी ही हँसी रुक नहीं रही थी। वो दिन तो हमें अपनी हँसी पर क़ाबू नहीं रखा जा सकता था।

 

राज: हाँ, वो सचमुच एक यादगार ट्रिप था! हम वो दिन अब भी याद करके हँसते हैं।

 

अमित: हाँ, ये दिन हमें हमेशा हँसते-हँसते याद रहेंगे!

पठनीय

महादेवी वर्माजी द्‌वारा लिखित ‘मेरा परिवार’ से किसी प्राणी का रेखाचित्र पढ़िए ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

श्रवणीय

अपने प्रिय प्राणी से संबंधित कोई कहानी सुनिए तथा उससे प्राप्त सीख सुनाइए । जैसे-पंचतंत्र की कहानियाँ आदि ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।

आसपास

किसी पशु चिकित्‍सक से पालतू प्राणियों की सही देखभाल करने संबंधी मार्गदर्शन प्राप्त कीजिए : 

उत्तर: मैं एक दिन अपने पालतू जानवरों के देखभाल से संबंधित जानकारी प्राप्त करने पशु चिकित्सक के पास गया, तो उन्होंने बताया कि हमें अपने पालतू प्राणियों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए तथा उनकी सही देखभाल करनी चाहिए। पालतू जानवरों को न तो बहुत कम और न ही बहुत ज्यादा भोजन देना चाहिए। जब उन्हें भूख लगे तभी भोजन देना चाहिए। उनके भोजन और पानी पीने के बर्तन को दिन में कम-से-कम एक बार अवश्य साफ करना चाहिए। पालतू जानवरों को घुमाने के लिए भी ले जाना चाहिए। बहुत से जानवरों के सामाजीकरण के लिए शारीरिक स्पर्श महत्त्वपूर्ण होता है। अतः उनके साथ खेलना चाहिए तथा उन्हें सहलाना चाहिए। उन्हें चोट नहीं पहुँचानी चाहिए। उन्हें नियमित रूप से पशु-चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।

लेखनीय

आपका पालतू कुत्‍ता दो दिनों से लापता है । उसके लिए समाचारपत्र में देने हेतु विज्ञापन तैयार कीजिए । निम्‍न मुद्दों का आधार लें।

IMG 20230927 111649 पाठ २ – बिल्‍ली का बिलुंगड़ा

उत्तर: 

IMG 20230927 112854 पाठ २ – बिल्‍ली का बिलुंगड़ा

मौलिक सृजन

अपने परिसर में लावारिस जानवरों की बढ़ती संख्या एवं उनसे हाेने वाली परेशानियों के बारे में संबंधित अधिकारी को पत्र लिखकर सूचना दीजिए ।

उत्तर: 

संतोष वर्मा

५/ सी रूप दर्शन, रामपुर,

थाना।

दिनांक २० जून, २०२३

 

सेवा में,

श्रीमान पशु अधिकारी जी,

नगर परिषद,

थाना ।

 

विषय: परिसर में लावारिस जानवरों की बढ़ती संख्या के संबंध में शिकायत पत्र

 

माननीय महोदय,

मैं शहर के रामपुर क्षेत्र का निवासी हूँ। पिछले कुछ दिनों से हमारे परिसर में लावारिस पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तो दूसरे कस्बों के पशु भी यहाँ आकर रहने लगे हैं। इन जानवरों की वजह से चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। बच्चों को खेलने के लिए परिसर में साफ़ जगह नहीं बची है । महानगर के अधिकारी या कर्मचारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। अतः आपसे निवेदन है कि नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही उचित कार्यवाही करने की कृपा करें।

 

कष्ट के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।

धन्यवाद !

पाठ के आँगन में

(१) सूचनानुसार कृतियाँ कीजिए :

(क) संजाल :

IMG 20230927 111619 पाठ २ – बिल्‍ली का बिलुंगड़ा

उत्तर: 

IMG 20230927 112620 पाठ २ – बिल्‍ली का बिलुंगड़ा

(ख) 

कहानी के प्रमुख पात्र

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उत्तर: 

IMG 20230927 112631 पाठ २ – बिल्‍ली का बिलुंगड़ा

(२) उत्‍तर लिखिए :

बिल्‍ली के रवैये में आया परिवर्तन-

उत्तर: 

१. वह घर के सदस्यों के आगे-पीछे फिरने के बजाय रसोई के आसपास कोने में दुबक कर बैठ जाती ।

२. मौका मिलते ही मनचाही चीज खा लेना ।

(३) स्‍पष्‍ट कीजिए :

घर के सदस्‍यों का बिल्‍ली के प्रति व्यवहार पहले और बाद में

IMG 20230927 111639 पाठ २ – बिल्‍ली का बिलुंगड़ा

उत्तर: 

खान :

पहले – थाली का जूठन खिलाना

           बच्चों का कभी रोटी दे देना।

बाद में – चोरी से मनचाही चीज खाना ।

 

पान :

पहले – कभी-कभी बच्चों का दूध पिला देना । 

बाद में – चोरी से दूध-दही खाना ।

पाठ से आगे

‘प्राणी हमसे कहते हैं, जियो और जीने दो’ इस विषय पर स्‍वमत प्रकट कीजिए ।

उत्तर: जियो और जीने दो’ ये दो शब्द हैं, किंतु इन दो शब्दों में जिंदगी का सार भरा है। प्रकृति ने सबको जीने का समान अधिकार दिया है। हम किसी का अनिष्ट करेंगे तो हमारा भी अनिष्ट निश्चित है। इंसान, इंसान के रूप में जन्म तो लेता है किंतु उसके कर्म इंसानों जैसे नहीं होते। वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अन्य प्राणियों का दोहन करता है। जंगलों की कटाई करता है। यदि हम ऐसा करेंगे, तो इससे हमारा ही नुकसान होगा। बारिश नहीं होगी और वन्य प्राणी भी जंगल कट जाने से गाँवों में घुस आएँगे और हम पर हिंसक आक्रमण कर देंगे।

भाषा बिंदु

शब्‍द कोश की सहायता से रेखांकित शब्‍दों के विलोम खोजिए तथा उनसे नए वाक्‍य लिखिए :

(१) बिल्‍ली भी कम समझदार जानवर नहीं है ।

उत्तर: गधा नासमझ होता है।

 

(२) अमरु स्‍वभाव से अल्‍पभाषी है ।

उत्तर: आजकल के नेता बहुत वाचाल होते हैं।

 

(३) पुरानी विचार धारा और परंपरा एकदम घपले में पड़ गई है ।

उत्तर: आज की युवा पीढ़ी नई विचार धारा को तेजी से अपना रही है।

 

(४) अब हम उसे दुत्‍कार रहे हैं ।

उत्तर: हम अपने अतिथियों का बहुत सत्कार करते हैं।

 

(५) दसियों ने इस सुंदर प्रस्‍ताव का समर्थन किया ।

उत्तर: जनता ने सरकार की गलत नीतियों का विरोध किया।

 

(६) डायनासोर प्राणी अब दुर्लभ हो गए हैं ।

उत्तर: जनता दरबार में मुख्यमंत्री से बात करना सुलभ हो गया है।

 

(७) वह तटस्थ होकर अपने विचार रखता है ।

उत्तर: मंत्री जी योजनाएँ लागू करने में पक्षपात करते हैं।

 

(८) इस भौतिक जीवन में मनुष्य बहुत खुश है ।

उत्तर: संत आध्यात्मिक जीवन में खुश रहते हैं।

 

(९) गर्मियों में सारी धरती शुष्क हो जाती है ।

उत्तर: वर्षा के समय सारी पृथ्वी हरी-भरी हो जाती है।

 

(१०) पैसों का अपव्यय नहीं करना चाहिए ।

उत्तर: हमें मँहगाई को देखते हुए पैसों का मितव्यय करना चाहिए।

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