पाठ १० – रात का चौकीदार (पूरक पठन)
प्रस्तुत पाठ एक लघुकथा है। इस लघुकथा में वर्षा, ठंड व गरमी में कॉलोनी में चक्कर लगाकर रखवाली करने वाले कर्तव्यनिष्ठ चौकीदार का वर्णन किया गया है। कॉलोनी में सौ- सवा सौ से भी अधिक घर होने के बावजूद चौकीदार को कभी साठ घर से पैसे मिलते हैं या कभी पचास घर से। फिर भी वह सभी के घरों की रखवाली करता है। पूरी ईमानदारी व लगन से काम करना ही उसकी कर्मनिष्ठा है। इस पाठ द्वारा लेखक ने कुछ लोगों की मुफ्तखोरी को दर्शाते हुए जन-जागृति की प्रेरणा प्रदान की है।
वसुधा – पृथ्वी
अगम – अपार
अगाध – अथाह
मँझधार – लहरों के बीचोंबीच
कौमुदी – चाँदनी
भौतिकता – सांसारिकता
उत्थान – उन्नति
श्रवणीय
हिंदी तथा मराठी भाषा में लिखी हुई किसी एक लघुकथा का आकलन करते हुए सुनिए और सुनाइए:
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
पठनीय
‘परिपाठ’ में सप्ताह भर के समाचारपत्रों के मुख्य मुद्दों का चयन करके वाचन कीजिए।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
संभाषणीय
‘ट्रैफिक पुलिस’ से बातचीत करके उनकी दिनचर्यासंबंधी जानकारी लीजिए ।
उत्तर:
मैं : नमस्ते, पुलिस अंकल ! आप कैसे हैं ?
ट्रैफिक पुलिस : मैं ठीक हूँ और इस वक्त मैं अपना काम कर रहा हूँ।
मैं : आप लगातार आठ घंटों तक सड़क पर खड़े रहते हैं। इसे आप कैसा महसूस करते हैं ?
ट्रैफिक पुलिस : मुझे अपना काम करने में बड़ा आनंद मिलता है। चाहे हाड़ कँपाती ठंड हो, झमाझम बरसती वर्षा हो या उमस भरी गरमी हो, हर हाल में मुझे अपना काम करना पड़ता है और सड़क यातायात पर नियंत्रण रखना पड़ता है।
मैं : अक्सर बरसात के दिनों में सड़कों पर आवागमन संभव नहीं हो पाता है। जल का जमाव होता है। ऐसे में, लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस बारे में आपकी क्या राय है?
ट्रैफिक पुलिस : मनुष्य सड़कों का लंबे समय से उपयोग करता रहा है। पुरानी सड़कें अच्छी नहीं होती थीं। आधुनिक काल की सड़कें अच्छी होती हैं और हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। नए-नए पुलों का निर्माण हो रहा है। पक्की सड़कें बनाई जा रही हैं। आनेवाले समय में लोगों को कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मैं : क्या आप मुझे सड़क यातायात के नियमों से परिचित करा सकते हैं?
ट्रैफिक पुलिस : क्यों नहीं ? यह तो मेरा कर्तव्य है। सड़क यातायात सुचारु रूप से हो, इसके लिए कानून बनाए गए हैं। अपने देश में सड़क की बाईं ओर चलने का नियम है। सड़कों पर भारी वाहनों को एक निर्धारित गति सीमा तक ही चलाया जाता है। चौराहों पर संकेतक बत्तियाँ लगाई जाती हैं ताकि सड़क जाम तथा दुर्घटना जैसी स्थितियों का कम से कम सामना करना पड़े। जहाँ ट्रैफिक लाईटें नहीं होती है, वहाँ हम हाथ के इशारे से यात्रियों को रुकने या जाने का संकेत करते हैं।
मैं : आपके द्वारा दी गई जानकारी के लिए मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूँ ।
लेखनीय
‘पर्यावरण और मानव’ पर आधारित पथनाट्य (नुक्कड़ नाट्य) पढ़कर प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
लेखनीय
अपने परिसर के चौकीदार द्वारा अच्छा कार्य करने हेतु अभिनंदन करने वाला पत्र लिखिए ।
उत्तर:
अमान खान,
कीर्ति कॉलोनी,
गुलमोहर, दादर,
मुंबई (प) – ४०००२८.
दिनांक: ४ मार्च, २०१७.
श्रीमान बहादुर सिंह जी,
सादर प्रणाम।
मैं अमान खान कीर्ति कॉलोनी का निवासी हूँ। पत्र पढ़ते हुए आपको अचरज जरूर हो रहा होगा क्योंकि जिस कॉलोनी की आप रखवाली करते हैं, उसी कॉलोनी का एक चौदह वर्षीय बालक पत्र के माध्यम से आप से बात कर रहा है।
मेरे पत्र लिखने का कारण बहुत ही सरल है। पिछले सप्ताह रात के समय रखवाली करते हुए आपने जो बहादुरी दिखाई वह सचमुच काबिले तारीफ है। इसके लिए आपकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। आपने अपनी जान पर खेलकर दो चोरों को छठी का दूध याद दिलाया, यह सचमुच ही बहादुरी का कार्य है। आपकी बहादुरी व वीरता का सम्मान करते हुए मैं इस पत्र के माध्यम से आपका अभिनंदन करता हूँ। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि आप जैसे बहादुर व्यक्ति हमारी कॉलोनी के रक्षक हैं। आपके कारण ही हम सभी कॉलोनी के लोग रात में चैन की नींद सो सकते हैं। अत: एक बार फिर मैं आपका अभिनंदन करता हूँ।
धन्यवाद!
आपका विनीत,
अमान खान।
आसपास
किसी परिचित सुरक्षा रक्षक से वार्तालाप कीजिए।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
मौलिक सृजन
‘पुलिस समाज की रक्षक’ इस बारे में अपना मत लिखिए।
उत्तर: जिस प्रकार सैनिक विदेशी शत्रुओं से देश की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों से पुलिस हमारी रक्षा करती है। प्रत्येक राष्ट्र के अपने कानून होते हैं। देश के नागरिक उन कानूनों का पालन करते हैं। परंतु कुछ लोग देश के कानून की अवहेलना कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं, पुलिस विभिन्न अपराधों में उनका चालान कर न्यायालय में प्रस्तुत करती है। पुलिस की अनेक श्रेणियाँ होती हैं। हमारे देश में केंद्रिय रिजर्व पुलिस, यातायात पुलिस, सामान्य पुलिस, सशस्त्र पुलिस और गुप्तचर पुलिस आदि अनेक प्रकार की पुलिस हैं। प्रत्येक राज्य में अपनी अलग-अलग पुलिस हैं। पुलिस अपराधियों की खोजबीन में हमेशा तत्पर रहती है। पुलिस का कार्य बड़ा कठिन है। राजनेताओं की विभिन्न रैलियों के दौरान सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था बनाए रखना, जुलूसों को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करना, हड़ताल, धरनों और बंद के दौरान असामाजिक तत्त्वों से राष्ट्र की सम्पत्ति की रक्षा करना, राजनेताओं की व्यक्तिगत सुरक्षा करना, चोर, डकैतों और लुटेरों से आम नागरिक की रक्षा करना पुलिस का दायित्व है। पुलिस कर्मचारी चौबीस घंटे खतरों से जूझते हैं। चोर-डकैतों से मुठभेड़ के दौरान घायल हो जाते हैं। भीड़ के द्वारा पथराव की स्थिति में चोट खाते हैं। सर्दी, गर्मी, बरसात में ड्यूटी देनी पड़ती है। विभिन्न प्रकार के अपराधियों को पकड़ना और न्यायालय में प्रस्तुत करना पुलिस का कार्य है। व्यक्तिगत झगड़ों में हस्तक्षेप कर समझौता कराना, चोरी हुए माल को बरामद कराना भी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस प्रकार पुलिस अपने विविधतापूर्ण कार्यों से समाज की रक्षा करने का कार्य करती हैं।
पाठ के आँगन में
(१) कृतियाँ पूर्ण कीजिए :
(क) संजाल :
उत्तर:
(ख) लिखिए :
१. चौकीदार द्वारा पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करने का कारण-
उत्तर: यदि पैसे न देने वाले के घर चोरी-चोरी की घटना हो जाए तो पुलिस चौकीदार को ही पूछेगी और उस पर झूठा आरोप लग सकता है। ऐसा उसके साथ पहले भी हो चुका था। इसलिए वह पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करता था।
२. चौकीदार की असुरक्षा का कारण-
उत्तर: गुंडे बदमाशों से चौकीदार की मारपीट हो जाती है। शरीफ दिखनेवाले लोग उस पर रोब जताते हैं। इसलिए चौकीदार स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है।
(२) नीचे दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए । इसी प्रकार के अन्य पाँच शब्द बनाकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
(च) रातों में सड़क पर लाठी ठोंकते, सीटी बजाकर पहरा देने वाला-
उत्तर: चौकीदार –
वाक्य : पहरा देते समय सावधानी रखना चौकीदार का काम होता है।
(छ) अपनी जिम्मेदारियाँ तथा कर्तव्य निभाने वाला-
उत्तर: जिम्मेदार –
वाक्य : रमेश एक जिम्मेदार व्यक्ति है।
(३) घटना के अनुसार वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए :
(त) ऐसा पहले मेरे साथ हो चुका है साब जी ।
(थ) जैसी आप की इच्छा साब जी ।
(द) रात में अकेले घूमते तुम्हें डर नहीं लगता ।
उत्तर:
(त) ऐसा पहले मेरे साथ हो चुका है साब जी।
(द) रात में अकेले घूमते तुम्हें डर नहीं लगता।
(थ) जैसी आपकी इच्छा साब जी।
(४) ‘लूट-डकैती करने वालों ने चौकीदार से मारपीट की’ यह समाचार पढ़कर मन में आए विचार लिखिए ।
उत्तर: चौकीदार ठंड, वर्षा व गरमी में दिन-रात अपना कर्तव्य निभाकर सबकी सुरक्षा की चिंता करता है। परंतु एक दिन लूट डकैती करनेवालों ने एक चौकीदार से मारपीट की, यह समाचार पढ़कर मुझे बहुत बुरा लगा। जो निष्कपट भाव से रात के समय सबकी रखवाली करता है, वह स्वयं कितना असुरक्षित और अकेला होता है, इसका अहसास मुझे हुआ । सचमुच, हमारे देश में चौकीदार असुरक्षित होते हैं। उनके पास लाठी और टार्च के अलावा अन्य साधन नहीं होते हैं। एक लाठी के सहारे वे गुंडे-बदमाश लोगों का सामना नहीं कर सकते हैं। गुंडे- बदमाश अपनी टोली के साथ आकर उन्हें मारते-पीटते हैं। अकेले होने के कारण वे उनका सामना नहीं कर पाते हैं। हमारी सरकार को चौकीदारों की सुरक्षा से संबंधित ठोस कानून बनाना चाहिए और उन्हें आवश्यक्तानुसार योग्य शस्त्र इस्तेमाल करने की अनुमति देनी चाहिए।
भाषा बिंदु
(१) निम्न वाक्यों में से सर्वनाम एवं क्रियाएँ छॉंटकर भेदों सहित लिखिए तथा पाठ्यपुस्तक से खोजकर नए अन्य वाक्य बनाइए :
उत्तर:
(२) निम्न में से संज्ञा तथा विशेषण पहचानकर भेदों सहित लिखिए तथा अन्य पाठ्यपुस्तक से खोजकर नए वाक्य बनाइए :
उत्तर: