पाठ – पुनरावर्तन – २
१. सुनो और दोहराओ :
बन-वन, पर-फर, उन ऊन, आधा-सादा, कार-खार, सात-साथ, गृह-ग्रह, वाणी-पानी, मेघा-मेघा, ऋचा – कृपा, शेर-सेर, चरण-चारण, कपड़ा डबरा, लोरी-लॉरी, शाप-साँप, उधार-उघाड़, सरपट-सरपत ।
२. तुम अपने पड़ोस के बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करते हो, बताओ ।
उत्तर: मैं अपने पड़ोस के बच्चों के साथ खुशी-खुशी खेलता हूँ। हम साथ में खिलौने से लेकर खेत में दौड़ने तक कई मजेदार गतिविधियाँ करते हैं। मैं उनके साथ बच्चों की भाषा में बात करता हूँ और उनके सवालों का ध्यान से उत्तर देता हूँ। हमारा संबंध प्यार और समझदारी पर आधारित होता है।
३. अनुरेखन करो और पढ़ो:
४. दिए गए प्राणियों और उनके घर की उचित जोड़ी मिलाओ :
उत्तर:
(१) पीपल – पिंपळ
(२) आम – आंबा
(३) पपीता – पपई
(४) नीम – लिंब
(५) केला – केळी
(६) कमल – कमळ
(७) नारियल – नारळ
(८) बेल – बेल
(९) इमली – चिंच
५. पुस्तक मेले में जाकर पुस्तकों का निरीक्षण करो और उनपर चर्चा करो।
उत्तर: पुस्तक मेले में जाना बच्चों के लिए बड़ा ही रोचक और शिक्षाप्रद हो सकता है। यहाँ वे अनगिनत पुस्तकों के साथ विचार-विमर्श कर सकते हैं। यहाँ पर कहानियों, जीवनी, ग्राफिक नॉवेल्स, और विज्ञान पुस्तकों की विशाल विविधता होती है। वे अपने रुचि और उत्कृष्टता के हिसाब से पुस्तकों का चयन कर सकते हैं और नये दुनियाओं में खो सकते हैं। यह स्थान उनकी सोचने की क्षमता को विकसित कर सकता है और सीखने के नए तरीके प्रस्तुत कर सकता है, जिससे वे जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
कृति / उपक्रम