पाठ २ - जीवन
प्रश्न १: अपनी दिनचर्या बनाओ और सुनाओ l
उत्तर: मैं एक छात्रा हूँ l मेरा विद्यालय सुबह सवेरे ही आरंभ होता है l इसी लिए मैं प्रातः सुबह सवेरे ही उठ जाती हूँ l नहा-धोकर अपने दिन का आरंभ मैं पूजा अर्चना से करती हूँ l अपना बस्ते तैयार करती हूँ, फिर माँ मुझे नाश्ता देती हैं l नाश्ते के पश्चात, मैं गणवेश पहन कर विद्यालय जाने के लिए तैयार होती हूँ l विद्यालय में पढ़ाई का समय समाप्त होते ही मैं घर लौटती हूँ l घर आने के पश्चात मैं कपड़े बदल कर माँ के बनाए स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेती हूँ l दोपहर में टानिक विश्राम कर के मंशा के समय सखियों के संग खेलने जाती हूँ l एक घंटा उन के संग खेलने के बाद मैं तुरंत ही घर वापस आ जाती हूँ l फिर मैं विद्यालय में दिया गया गृहकार्य पूरा करती हूं l कुछ समय अपना पाठ याद करती हूँ l फिर माँ के साथ बाटें करती हूँ, और कामों में उनकी थोड़ी-बहुत सहायता भी करती हूँ l पिताजी के आने के बाद माँ भोजन परोसती हैं और मैं और मेरा पूरा परिवार साथ बैठकर भोजन करते हैं l मैं पूरे दिन के बीच इस समय की उत्सुकता से प्रतीक्षा करती हूँ l पिताजी, माँ और भैया मेरा खूब लाड़ उठाते हैं l थोडा समय हम टीवी देखते हैं, फिर माँ मुझे जल्दी ही सुला देती हैं l दूसरे दिन सवेरे ही उठना जो होता है l मैं अपनी दिनचर्या से बेहद संतुष्ट हूँ l
प्रश्न २ : तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए क्या क्या करती हैं, बताओ?
उत्तर: मेरी माँ सब माओं की तरह ही बहुत सुशील हैं l सुबह सवेरे से रात तक अपने परिवार के सारे कार्य बहुत ही कुशलता से अकेली ही निबटाती हैं घर के हर एक सदस्य की आवश्यकताओं का पूर्ण रूप से ध्यान रखना, हर किसी की पसंद के अनुसार भोजन तैयार करना, कपड़ों को धोकर उन्हें इस्त्री करना, घर की साफ-सफाई, सब के स्वास्थ्य का खयाल रखना, अतिथियों के आने पर उनका स्वागत सम्मान करना, हमारी पढ़ाई में मदद करना, मेरी माँ बड़ी ही सफलता से सारे कार्य करती हैं l हमारे जन्मदिन पर हमारे लिए स्वादिष्ट भोजन तैयार करती हैं, एवं पार्टी का आयोजन भी करती हैं l मेरे मित्र घर आते हैं तो वह उन से भी बड़े प्रेम से मिलती हैं, उन के लिए मजे मजे के पकवान बनती हैं l मेरे दादा,दादी की पूरे मन से सेवा करती हैं l रोज़ डिब्बे में मुझे नए नए नाश्ते बना केर देती हैं l परिवार उन के बिना कुछ भी नहीं है l हर रोज़ मुझे एक कहानी सुनाती हैं, और उस के द्वारा मेरा मार्गदर्शन करती हैं l
मेरी माँ मेरे जीवन की नीव हैं उन के बिना ऐन कुछ भी नहीं हूँ l
व्याकरण
प्रश्न : कविता में दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए l
जीवन × मृत्यु
विश्राम × परिश्रम
रुकना × चलना
आगे × पीछे
ऊपर × नीचे
मीठी × कड़वी
सच्चे × झूठे