Maharashtra Board Textbook Solutions for Standard Eight

पाठ ९ - नहीं कुछ इससे बढ़कर

कविता का भावार्थ :

कवि कहते है कि जब माँ प्रसव वेदना सहकर अपने शिशु को जन्म देती है, माँ के मन में यह सपना होता है कि मेरा प्रतिरुप जन्म ले। माँ अपने शिशु को अपने स्तन का दूध पिलाकर उसे जीवनदान देती है । उसे बड़ा करते समय हरपल वह अपने सुख को न्योछावर करती है। माँ का प्यार ऐसा ही होता है। इससे बढ़कर कोई नहीं हो सकता। माँ की पूजा से बढ़कर दूसरी पूजा नहीं है।

 

किसान खेतों में अनाज पैदा करने के लिए ठंडी, गर्मी को सहन करता है। अपना पसीना बहाकर जमीन को उपजाऊ बनाता है। पृथ्वी को हरा-भरा अपनी मेहनत से करता है। किसान अपनी मेहनत से अनाज के भंडार को भरता है। इनके कर्म समाज के लिए बहुत लाभकारी होते है। इनकी पूजा से बढ़कर दूसरी कोई पूजा नहीं है ।

 

कलाकार अपनी कला के अलग-अलग रंगो से अपने विचारों को व्यक्त करता है, उसी प्रकार कवि अपने शब्दों से अपने विचारों को व्यक्त करता है । कलाकार नयी आकृति की रचना करता है । अपनी कलाकृति के द्वारा अरुप को नया रूप देते हैं। इससे प्रिय कर्म और क्या हो सकता है ?

 

जो सत्य के मार्ग पर चलते हैं, जो मातृभूमि से प्यार करते हैं, बलिदानी पुरुष अपना खून बहाकर अपनी जान कुरबान करते हैं, इससे बढ़कर बलिदानी पुरुष कोई नहीं हो सकता। इनकी पूजा से बढ़कर दूसरी कोई पूजा नहीं है।

 

इससे शुचितर! हर पल जीवन का मधुरस चखकर, इन्सान विपुल मनोवैभव इकट्ठा करता है। परोपकारी व्यक्ति दूसरों के दुख को देखकर द्रवित होते हैं और ऐसे लोगों के लिए छत्रछाया या आश्रय निर्माण करते हैं, इससे पवित्र और क्या हो सकता है। इनकी पूजा से बढ़कर कोई पूजा नहीं है ।

शब्द वाटिका :

जननी – माँ 

स्‍वेद – पसीना

भू-रज – मिट्‌टी

उर्वर – उपजाऊ

शस्‍य – नई कोमल घास

श्यामला – साँवली, हरी-भरी

कृषक – किसान 

तूलि – कूँची, तूलिका

सम्‍मोहन – मोहित करना

स्‍पंदन – कंपन

उत्‍सर्ग – बलिदान

शोणित रंजित – रक्‍त से भीगा हुआ

विनिर्मित – बनाया हुआ

शुचितर – अधिक पवित्र

 

मुहावरा :

न्योछावर करना – वारी जाना, समर्पित करना

वाक्य: हमारे सैनिक देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर देते हैं।

कल्‍पना पल्‍लवन

‘मन:शांति के लिए चिंतन-मनन आवश्यक है’ इसपर अपने विचार लिखो ।

उत्तर: मन की शांति यूं ही नहीं आती; यदि आप शांति से रहना चाहते हैं, तो आपके विचार शुद्ध होने चाहिए। मन में किसी के लिए बुरे विचार नहीं आने चाहिए; आपको किसी प्रकार का तनाव नहीं हो सकता। यदि आपके पास तनाव है, तो आप कभी भी मन की शांति नहीं पा सकते हैं।

 

यदि आपके मन में सबके प्रति हिंसा की ऐसी भावना है, तो आपमें द्वेष की भावना है। यदि ईर्ष्या है, तो मन की शांति कभी प्राप्त नहीं होती है।
आपको अपनी जीवनशैली बदलनी होगी। सोचने का तरीका बदलना होगा; तभी आपको मन की शांति मिलेगी।

* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो:

(१) संजाल पूर्ण करो :

IMG 20230320 164712 पाठ ९ – नहीं कुछ इससे बढ़कर

उत्तर:

IMG 20230320 164723 पाठ ९ – नहीं कुछ इससे बढ़कर

(२) कृति करो :

IMG 20230320 164736 पाठ ९ – नहीं कुछ इससे बढ़कर

उत्तर: 

IMG 20230320 164746 पाठ ९ – नहीं कुछ इससे बढ़कर

(३) अंतिम चार पंक्‍तियों का अर्थ लिखो ।

उत्तर: इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने लोक अर्थात् सज्जन की महत्ता को स्थापित किया है। एक सज्जन व्यक्ति अपने जीवन के अमृत का स्वाद चखता है; अर्थात वह जीवन के सुख-दुख का अनुभव करता है। जीवन के उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए ये बहुत अधिक मानसिक संपदा संचित कर लेते हैं अर्थात मानसिक रूप से संपन्न हो जाते हैं। जब जन मधुकर अर्थात् मनुष्य रूपी सज्जन भौरे किसी को पीड़ा और पीड़ा में देखते हैं तो उनका हृदय द्रवित हो जाता है। संसार के दु:ख-दर्द दूर करने के लिए वे अपने अनुभव से संसार का छत्ता बनाते हैं अर्थात् अपने अनुभव और ज्ञान से जरूरतमंदों की सहायता करते हैं और उनके जीवन को खुशियों से भर देते हैं। कवि कहता है कि सज्जनों के इन कर्मों से पवित्र और कोई प्रार्थना नहीं हो सकती।

(४) कविता में उल्‍लिखित मानव के विभिन्न रूप लिखो:

उत्तर: 

(i) बलिदानी पुरुष

(ii) कृषक

(iii) कलाकार

(iv) कवि

(v) माता

भाषा बिंदु 

निम्‍न शब्‍दों के लिंग तथा वचन बदलकर वाक्‍यों में प्रयोग करो :

लिंग – कवि, माता, भाई, लेखक

वचन – दुकान, प्रार्थना, अनुभूति, कपड़ा, नेता

उत्तर:

लिंग :

कवि – कवयित्री

वाक्य : कवि इकबाल ने भी उन्हें काफी प्रभावित किया ।

 

माता – पिता

वाक्य : अपनी माता को यों परेशान देखकर जो को बहुत गुस्सा आया ।

 

भाई – बहन

वाक्य : शूर्पणखा ने जाकर अपने भाई रावण से शिकायत की।

 

लेखक – लेखिका

वाक्य : जब लेखक लिखते हैं तो किसके लिए लिखते हैं ?

 

वचन:

दुकान – दुकानें

वाक्य : उसकी चिन्तित आँखें दुकान के चारों ओर घूम रही थीं ।

 

प्रार्थना – प्रार्थनाएँ

वाक्य : लोग अपनी सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे थे ।

 

अनुभूति – अनुभूतियाँ

वाक्य : उत्तराखंड की सैर पर मुझे कई प्रकार की अनुभूतियाँ हुईं ।

 

कपड़ा – कपड़े

वाक्य : कपड़े के उत्पादन की कीमत का आधे से अधिक का खर्च कपास में होता है ।

 

नेता – नेता

वाक्य : केवल जागरूक नेता ही अफ्रीका की काया पलट सकते हैं ।

उपयोजित लेखन 

‘सड़क दुर्घटनाएँ : कारण एवं उपाय’ निबंध लिखो ।

उत्तर: 

‘सड़क दुर्घटनाएँ : कारण एवं उपाय’

सड़क यातायात के कारण अवांछित घटनाएं और नुकसान सड़क दुर्घटनाएं कहलाती हैं। सड़क दुर्घटना एक मानव निर्मित आपदा है जिसे सावधानी बरत कर रोका जा सकता है। सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण मानवीय लापरवाही या भूल होती है। तेज गति से वाहन चलाने से सड़क हादसे होते हैं। गलत तरीके से ओवरटेक करने और लेन काटने के कारण सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। कई लोग नशे की हालत में वाहन चलाते हैं, जिससे हादसे होते हैं। सड़क पर वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने, तेज संगीत सुनने आदि के कारण भी दुर्घटनाएं होती हैं। कई बार वाहन चालक यातायात नियमों पर ध्यान नहीं देते, या दोपहिया वाहन चालक सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग नहीं करते, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। 

 

सड़क हादसों को रोकना इंसानों के हाथ में है। उसे नशे के प्रभाव में वाहन नहीं चलाना चाहिए। वाहनों को तेज गति से नहीं चलाना चाहिए। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन और संगीत नहीं सुनना चाहिए। समय-समय पर वाहनों की चेकिंग की जाए। सरकार को सड़क की हालत पर भी ध्यान देना चाहिए। वाहन चालकों को सभी यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। इन सबका पालन कर हम शायद सड़क हादसों को रोक पाएंगे।

स्‍वयं अध्ययन

‘राष्‍ट्रसंत तुकडो जी के सर्वधर्मसमभाव’ पर आधारित गीत पढ़ो और इसपर आधारित चार्टबनाओ ।

उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए ।