पाठ ३ – नाखून क्यों बढ़ते हैं ?
प्रस्तुत निबंध आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखा गया एक बहुचर्चित विचारात्मक निबंध है। लेखक की पुत्री एक दिन उनसे पूछ बैठी कि मनुष्यों के नाखून क्यों बढ़ते रहते हैं। लेखक के पास इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं था। वे सोचने के लिए विवश हो गए। अंततः उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि आदिमानव को अपनी रक्षा के लिए बड़े नाखूनों की आवश्यकता थी, क्योंकि तब वह जंगलों में रहता था। अर्थात नाखून पशुता और बुराई के प्रतीक हैं। आज मानव सभ्यता ने बहुत विकास किया है। अब हम नाखून काटते रहते हैं। उसी प्रकार हमें बुरी आदतों और बुरे भावों का भी त्याग कर देना चाहिए।
वनमानुष – बंदर की एक प्रजाति
पाशवी – पशुवत
निर्बोध – अज्ञान
आचरण – बर्ताव, व्यवहार
लुप्त – गायब
घृणा – नफरत
द्योतक – प्रतीक
चरितार्थता – सार्थकता
मौलिक सृजन
सद्गुणों और दुर्गुणों में अंतर लिखो।
उत्तर: एक मनुष्य सही मायने में तभी मनुष्य कहलाने का अधिकारी होता है, जब उसके अंदर मनुष्यता हो। मनुष्यता तभी आती है, जब व्यक्ति सद्गुणों को ग्रहण करता है। एक सद्गुणी अपना तो भला करता ही है, परिवार और समाज का भी भला करता है। जिस प्रकार एक सुगंधित पुष्प आसपास के वातावरण को खुशनुमा बना देता है, उसी प्रकार सद्गुणी व्यक्ति भी औरों का प्रेरणा स्त्रोत बन जाता है। दया, करुणा, प्रेम, अहिंसा, न्याय, सत्य, शुभेच्छा, परोपकार, संयम, भाईचारा आदि ऐसे ही सद्गुण हैं। दूसरी ओर क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, स्वार्थ, अविश्वास, कठोरता, कृतघ्नता आदि ऐसे दुर्गुण हैं जिन्हें किसी भी सभ्य समाज में पसंद नहीं किया जाता। दुर्गुणी का कोई सच्चा मित्र नहीं होता। अगर कभी कोई साथ देता भी है तो केवल स्वार्थवश। स्वार्थ सिद्ध होते ही वह दुर्गुणी का साथ छोड़ देता है। अपने दुर्गुणों के कारण दुर्गुणी अपना सर्वनाश कर बैठता है।
श्रवणीय
मानवीय मूल्य वाले शब्दों का चार्ट बनाओ। इन शब्दों में से किसी एक शब्द से संबंधित कोई प्रसंग/घटना सुनो और सुनाओ।
उत्तर: मानवीय मूल्य वाले शब्द –
सत्य
अहिंसा
शांति
न्याय
प्रेम
परोपकार
त्याग
ईमानदारी
निस्वार्थता
सहानुभूति
मानवता
समानता
ईमानदारी :
एक अनोखे गाँव में, युवा लिली को नदी के किनारे एक सुंदर गहना मिला। इसे बरकरार रखने के प्रलोभन में उसने अपनी अंतरात्मा से लड़ाई की और सच्चाई की तलाश करने का फैसला किया। उसने ग्रामीणों से खोए हुए रत्न के बारे में तब तक पूछा जब तक कि वह अपने असली मालिक, एक बुजुर्ग महिला तक नहीं पहुंच गया। लिली की ईमानदारी से प्रभावित होकर महिला ने उसे इनाम देने की पेशकश की, लेकिन लिली ने यह जानकर मना कर दिया कि उसकी हरकतें काफी थीं। बात फैल गई और गांव ने लिली की ईमानदारी का जश्न मनाया। वर्षों बाद, जब गाँव पर संकट आया, तो उसकी ईमानदारी से प्रेरित होकर सभी लोग एक साथ आए और चुनौती का समाधान किया। लिली की सच्चाई के कार्य ने विश्वास और एकता के बीज बोए थे।
संभाषणीय
विविध संवेदनशील मुद्दों/विषयों (जैसे-जाति, धर्म, रंग, लिंग, रीति-रिवाज) के बारे में अपने शिक्षक से प्रश्न पूछो।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
लेखनीय
‘सुरक्षा हेतु शस्त्रों की भरमार’ विषय के पक्ष-विपक्ष में अपने विचार लिखो।
उत्तर:
पक्ष में : सुरक्षा के लिए हथियारों की प्रचुरता को संभावित खतरों के खिलाफ निवारक के रूप में देखा जा सकता है, जो व्यक्तियों और राष्ट्रों के लिए सुरक्षा की भावना प्रदान करता है। यह खतरनाक स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया की अनुमति देता है, कानून प्रवर्तन और सेनाओं को नागरिकों और सीमाओं की प्रभावी ढंग से सुरक्षा करने के लिए सशक्त बनाता है।
विरुद्ध : हालाँकि, हथियारों की अधिकता से हिंसा और संघर्ष बढ़ सकते हैं, जिससे दुर्घटनाओं, दुरुपयोग और प्रसार का खतरा बढ़ सकता है। यह गरीबी और असमानता जैसे असुरक्षा के मूल कारणों को संबोधित करने से संसाधनों को भटका सकता है और शांतिपूर्ण समाधान के तरीकों में बाधा उत्पन्न कर सकता है। हथियारों का अनियंत्रित प्रसार भी हथियारों की होड़ को बढ़ावा दे सकता है और क्षेत्रों को अस्थिर कर सकता है, जिससे वैश्विक सुरक्षा चुनौती पैदा हो सकती है।
पठनीय
पाठ्यसामग्री और अन्य पठन सामग्री का द्रुत वाचन करके उनमें आए विचारों पर सहपाठियों से चर्चा करो।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
स्वाध्याय
सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-
(१) प्रवाह तालिका पूर्ण करो :
उत्तर:
(२) प्रतीक लिखो :
उत्तर:
(३) उत्तर लिखो :
१. मनुष्य की चरितार्थता इन दो बातों में है :-
(अ) ________ –
(आ) ________ –
उत्तर:
(अ) मैत्री
(आ) त्याग
२. मनुष्य का स्वधर्मयह है :
(अ) ________ –
(आ) ________ –
उत्तर:
(अ) अपने को संयत रखना
(आ) दूसरों के मनोभावों का आदर करना
३. मनुष्य को नाखूनों की जरूरत तब थी :
(अ) ________ –
(आ) ________ –
उत्तर:
(अ) जब मनुष्य जंगली था।
(आ) जीवन रक्षा के लिए उसके असत्र होते थे।
भाषा बिंदु
(१) निम्न शब्दों के लिंग पहचानकर लिखो –
आत्मा
उत्तर: स्त्रीलिंग
व्यक्ति
उत्तर: पुल्लिंग
बादल
उत्तर: पुल्लिंग
तार
उत्तर: पुल्लिंग
नोट
उत्तर: पुल्लिंग
नाखून
उत्तर: पुल्लिंग
पुस्तक
उत्तर: स्त्रीलिंग
तकिया
उत्तर: पुल्लिंग
दही
उत्तर: पुल्लिंग
(२) अर्थ के अनुसार वाक्यों के प्रकार ढूँढ़कर लिखो।
उत्तर:
(१) विधानवाचक वाक्य
कुछ लाख वर्षों पहले मनुष्य जंगली था।
(२) आज्ञावाचक वाक्य
नाखूनों को काट दो।
(३) निषेधवाचक वाक्य
मनुष्य अब नाखून को नहीं चाहता।
(४) प्रश्नवाचक वाक्य
मनुष्य किस ओर बढ़ रहा है?
(५) इच्छावाचक वाक्य
बच्चे यह जानें तो अच्छा हो।
(६) संदेहवाचक वाक्य
मनुष्य की पशुता शायद तब लुप्त हो जाएगी।
(७) विस्मयवाचक वाक्य
मनुष्य पशु से किस बात में भिन्न है !
उपयोजित लेखन
किसी मौलिक मराठी विज्ञापन का हिंदी में अनुवाद करो।
उत्तर: छात्रों को यह स्वयं करना चाहिए।
स्वयं अध्ययन
शरीर के विभिन्न अंगों से संबंधित मुहावरों की अर्थ सहित सूची बनाओ।
उत्तर:
१. बाल भी बाँका न होना
अर्थ – कुछ भी हानि न पहुँचना
वाक्य में प्रयोग – जिसके ऊपर भगवान की कृपा होती है, उसका कोई बाल भी बाँका नहीं कर सकता।
२. आँखों का तारा होना
अर्थ – बहुत प्यारा
वाक्य में प्रयोग – आज्ञाकारी बच्चा माँ-बाप की आँखों का तारा होता है ।
३. अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना
अर्थ – अपनी बड़ाई आप करना
वाक्य में प्रयोग – अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनने वाले लोगो को समाज में इज्जत नही मिलती ।
४. ऊँगली पर नाचना
अर्थ – वश में करना
वाक्य में प्रयोग – आपके अधीन हूँ इसका मतलब यह नहीं की आप मुझे अपनी ऊँगली पर नचाते रहेंगे।
५. एक टांग पर खड़ा रहना
अर्थ – काम करने के लिए सदा तैयार रहना
वाक्य में प्रयोग – जब तक बहन की शादी संपन्न नही हुई, भूषण एक टांग पर खड़ा रहा।
६. एक हाथ से ताली न बजना
अर्थ – बिना सहयोग काम का नहीं होना
वाक्य में प्रयोग – एक हाथ से ताली नहीं बजती, गलती दोनों ने की है।
७. औधी खोपड़ी का होना
अर्थ – मुर्ख होना
वाक्य में प्रयोग – उसे समझाना ही बेकार है, वह बिलकुल औधी खोपड़ी का इंसान है ।
८. घुटने टेक देना
अर्थ – हार मान लेना
वाक्य में प्रयोग – भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन से परेशान होकर ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों के आगे घुटने टेक दिए ।
९. छाती पर साँप लोटना
अर्थ – इर्ष्या होना
वाक्य में प्रयोग – दुसरे की तरक्की देख कर उसकी छाती पर साँप लोटने लगा ।
१०. ज़मीन पर पैर न रखना
अर्थ – बहुत घमंड करना
वाक्य में प्रयोग – आजाद जी जब से मंत्री बने है, ज़मीन पर पैर ही नही रखते।
११. अंग छूना
अर्थ – कसम खाना
वाक्य में प्रयोग – मैं अंग छूकर कहता हूँ कि मैं आज के बाद नशा नहीं करूँगा।
१२. अंग-अंग मुसकाना
अर्थ – बहुत प्रसन्न होना
वाक्य में प्रयोग – क्रिकेट मैच जीतने के बाद भारतीय कप्तान का अंग अंग मुस्काने लगा।
१३. अंग-अंग ढीला होना
अर्थ – बहुत थक जाना
वाक्य में प्रयोग – इस पहाड़ पर चढ़ना तो बहुत मुश्किल था अभी तक मेरा अंग-अंग ढीला पड़ा है।
१४. अंग भंग करना
अर्थ – किसी भाग को अलग करना
वाक्य में प्रयोग – उनसे अकेले पंगा लेना उचित नहीं है, वे लोग किसी का भी अंग भंग करने से सोच विचार नहीं करते।
१५. आँखों में धूल झोंकना
अर्थ – धोका देना
वाक्य में प्रयोग – अपने माता-पिता की आँखों में धूल झोंकना दुनिया का सबसे बड़ा पाप है।
१६. आँख चुराना
अर्थ – किसी के सामने आने से कतराना
वाक्य में प्रयोग – जबसे सुमीत पर चोरी का आरोप लगा है उसके दोस्त उससे आँखें चुराने लग गए हैं।
१७. आँख तरसना
अर्थ – किसी को देखने का मन होना
वाक्य में प्रयोग – तुम्हें देखने के लिए तो मेरी आँखें ही तरस गई थी।
१८. आँखों का तारा
अर्थ – बहुत प्यारा
वाक्य में प्रयोग – सभी बच्चे अपने माता-पिता की आँखों के तारे होते हैं।
१९. आँख उठाना
अर्थ – देखने का साहस करना
वाक्य में प्रयोग – किसी की इतनी औकात नहीं जो हमारे ख़िलाफ आँख उठाकर देख सके।
२०. कलेजा जलना
अर्थ – मन में गुस्सा होना
वाक्य में प्रयोग – राम ने अपनी मेहनत से अपना कारोबार इतनी उंचाई पर पहुँचाया है कि आज अनेक कारोबारियों का कलेजा जलाता रहता है।