तुम गाँव में एक मेला देखकर आए हो। उसके बारे में अपने मित्र को पत्र लिखो।

३०, लता कुंज,

गुरुवार पेठ, 

सोलापुर – ४१३ ००२ 

२५ नवंबर, २०२४

 

प्रिय सुभाष,

सप्रेम नमस्कार।

मेरे मामा जी के गाँव में राम मंदिर के पास हर साल एक मेला लगता है। पिछले दिनों मैंने यह मेला देखा। इस पत्र में मैं उसके बारे में बताता हूँ।

 

मेले में बहुत-से लोग आए हुए थे। वे पहले मंदिर में दर्शन करते फिर मेला देखने जाते थे। मेले में गाँव के जीवन की सुंदर झलक देखने को मिली। लोग तरह-तरह के रंग-बिरंगे कपड़े पहने हुए थे। मेले में कपड़े, बरतन, खिलौने, मिठाई आदि की दुकानें थीं। यहाँ गाँववालों की जरूरत की सभी चीजें मिल रही थीं। एक ओर लोग झूलों पर झूलने का मजा ले रहे थे। यहाँ से मैंने तुम्हारे लिए एक बढ़िया बॉसुरी खरीदी है।

 

तुम्हारे माता-पिता को मेरा प्रणाम तथा बबलू को ढेर सारा प्यार।

 

तुम्हारा मित्र, 

रोमिल शाह

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