माँ की मृत्यु पर सांत्वना देते हुए मित्र को पत्र लिखिए।

सुमन निवास,
५, राम रोड़,
अहमदाबाद – ३८० ००१
५ जून, २०२४

 

प्रिय मित्र दिनेश,
सप्रेम नमस्कार।
आज सुबह की डाक से तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारी माँ के देहावसान (मृत्यु) की दुख भरी ख़बर पढ़कर मेरे दिल को आघात लगा। मैं जानता हूँ कि तुम्हारे लिए दुख असह्य होगा। इस पत्र में मैं सांत्वना-भरे कितने भी शब्द क्यों न लिखूँ, कम हैं। तुम्हारी माँ बहुत ही सुशील और स्नेहमयी थी और तुम उन्हें चाहते थे और हमेशा इज़्ज़त करते थे, लेकिन होनी को कोई टाल नहीं सकता। मित्र, मेरे प्रति तुम्हारी माँ का जो व्यवहार था, मैं अब उसे कभी नहीं भूल पाऊँगा।

 

भगवान से हमारी यही प्रार्थना है कि उनकी पवित्र आत्मा को सद्गति मिले। तुम एक समझदार लड़के हो। पढ़ाई और अन्य कामकाज की तुम्हारे ऊपर अनेक ज़िम्मेदारियाँ हैं। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि वह तुम्हें शांति और शक्ति दें।

 

अगर मैं बीमार न होता, तो अवश्य तुम्हारे पास आ पहुँचता। यह बात मुझे खटकती है, लेकिन बेबस हूँ। मैं थोड़ा ठीक हो जाऊँगा, तो तुम्हारे दुख में भाग लेने के लिए, अवश्य दौड़कर आऊँगा।

 

तुम्हारा मित्र,

दिलीप

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