भाषा के महत्त्व को समझाते हुए मित्र को पत्र लिखो।
९९, शारदा सदन,
शिवाजी नगर,
पुणे – ४११००५
२१ अक्तूबर, २०१९
प्रिय चंद्रकांत,
सप्रेम नमस्कार।
तुम्हारा पत्र मिला। तुमने लिखा है कि भाषा के विषय में तुम्हारा मन नहीं लगता और व्याकरण में तुम्हारी जरा भी दिलचस्पी नहीं है।
तुम शायद भाषा के महत्त्व को नहीं जानते। भाषा के ज्ञान के बिना किसी भी विषय के बारे में हम ठीक से कुछ भी नहीं लिख सकते। भाषा द्वारा ही हम किसी भी विषय में अपनी जानकारी ठीक से प्रकट कर सकते हैं। शुद्ध और प्रभावशाली भाषा की जरूरत हर क्षेत्र में पड़ती है।
तुम्हें भाषा पढ़ने में अवश्य रुचि लेनी चाहिए। हिंदी, मराठी और अँग्रेजी में शुद्ध लेखन पर पर्याप्त ध्यान देना चाहिए।
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में,
तुम्हारा ही,
भूषण देवसरे
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