अपने विद्यालय में मनाए गए साक्षरता दिवस की जानकारी देते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
पंचवटी,
उस्मानपुरा,
औरंगाबाद – ४१३ ००१
०८ जुलाई, २०२४
प्रिय मित्र कमल,
सप्रेम नमस्कार।
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। यह जानकर बड़ी ख़ुशी हुई कि परीक्षा के लिए तुमने पूरी तैयारी कर ली है। तुमने हमारे विद्यालय में मनाए गए साक्षरता दिवस के बारे में जानना चाहा है, इसलिए मैं इस पत्र में उसका पूरा विवरण दे रहा हूँ।
शिक्षा हमारे मन की आँखों को खोलने का साधन है। साथ ही यह हमें स्वावलंबी बनाकर हमारे जीवन निर्वाह करने का साधन बनती है। यह हमारी सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। आज समय की यह माँग है कि अज्ञान के अँधेरे में भटकते लोगों को हम अपने ज्ञान के आलोक से आलोकित करें।
विद्यालय में साक्षरता दिवस समारोह के अवसर पर प्रधानाचार्य महोदय ने दसवीं कक्षा के विद्यार्थी मोहन को बुलाकर उसका अभिनंदन किया। तथा हम सभी छात्रों को बताया कि मोहन ने अपने घर के नौकर रामू को पिछले दो सालों से पढ़ा-लिखाकर साक्षर बना दिया है।
पहले वह अपने गाँव तथा अपने परिवार को पत्र मोहन से लिखवाता था, पर आज वह खुद पत्र लिखकर भेजता है। यही नहीं वह अब अपने परिवार को मनीआर्डर भी खुद भेजता है। थोड़ी देर में रामू भी वहाँ उपस्थित हो गया। उसकी आँखों में खुशी के आँसू थे। वह बार-बार मोहन को धन्यवाद देता रहा। बाद में प्रधानाचार्य महोदय ने हम सभी विद्यार्थियों को खड़ा करके यह प्रतिज्ञा करवाई कि हम भी निरक्षरों को इसी प्रकार साक्षर बनाएँगे। मैंने भी यही संकल्प लिया।
आशा है कि तुमने साक्षरता का महत्त्व समझा होगा। अब तुम भी सभी को साक्षर बनाने का प्रयत्न करोगे। मेरी ओर से माता-पिता को सादर प्रणाम देना। छोटे भाई को प्यार। शेष सकुशल।
तुम्हारा मित्र,
सुरेश
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