हिंदी निबंध लेखन

MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)

यदि मैं डॉक्टर होता...

यदि मैं डॉक्टर होता

डॉक्टर का पेशा बड़े गौरव का होता है। किंतु कभी-कभी डॉक्टर रोगियों के साथ कठोर व्यवहार भी कर बैठते हैं। यदि मैं डॉक्टर होता तो रोगियों के साथ हमेशा सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करता।

 

मैं अपना दवाखाना सेवा भावना से चलाता। यद्यपि गरीबों को हमेशा मुफ्त दवाएँ देना संभव नहीं है, फिर भी मैं उनकी अधिक से अधिक सहायता करता। 

 

‘जीवन में पैसे का बहुत महत्त्व है। परंतु पैसा ही सब कुछ नहीं है, यह बात मैं हमेशा ध्यान में रखता। 

 

यदि मैं डॉक्टर होता तो अमीर-गरीब मरीजों को समान समझता। मै छोटे-बड़े में भी भेदभाव नहीं करता। मैं सबका इलाज पूरी सावधानी से करता।

 

डॉक्टर का कर्तव्य बहुत कठोर होता है। रोगी की पुकार सुनकर उसे इलाज करने के लिए फौरन जाना पड़ता है। यदि मैं डॉक्टर होता, तो कभी किसी रोगी की पुकार अनसुनी न करता।

 

हमारे देश के गाँवों में अच्छे डॉक्टरों की बहुत कमी है। बीमार पड़ जाने पर गाँव के लोगों को बहुत कष्ट उठाने पड़ते हैं। यदि मैं डॉक्टर होता, तो समय-समय पर गाँवों में चिकित्सा शिविर लगाता। इन शिविरों में गाँव के लोगों की मुफ्त जाँच की जाती। गरीब मरीजों को दवाइयाँ भी विनामूल्य दी जाती।

 

काश, डॉक्टर बनने की मेरी इच्छा पूरी हो पाती।

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