हिंदी निबंध लेखन

MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)

स्वच्छता का महत्त्व

स्वच्छता का महत्त्व

स्वच्छता का अर्थ है किसी भी तरह की गंदगी का अभाव। स्वच्छता भगवान का ही एक रूप है।

 

सबसे पहले हमारा शरीर स्वच्छ होना चाहिए। दाँत साफ रखने से उनमें सड़न नहीं होती। रोज स्नान करने से शरीर स्वच्छ रहता है। शरीर की स्वच्छता मन को प्रसन्नता देती है। सिर के बालों को साफ रखने से उनमें जूँ नहीं पड़ती। स्वच्छ शरीर पर कपड़े भी स्वच्छ होने चाहिए।

 

घर को साफ-सुथरा रखने से मक्खी-मच्छर नहीं होते। साफ सुथरा घर देखने में भी अच्छा लगता है। गंदगी से अनेक रोग पैदा होते है। इसलिए हमारा पास-पड़ोस, मुहल्ला और नगर भी स्वच्छ रहना चाहिए। रोगों से हमारी रक्षा करने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। हमारे खाद्य पदार्थ और हमारा पीने का पानी भी स्वच्छ होना चाहिए। स्वच्छता आरोग्य की पहली सीढ़ी है।

 

सचमुच, स्वच्छता हमारे सभ्य और सुंदर जीवन की पहचान है।

मैं टहलने निकला था। मैंने देखा कि एक सज्जन रास्ते पर पान की पीक धूक रहे थे। एक अन्य सज्जन ने अपनी आधी सिगरेट बुझाकर रास्ते पर फेंक दी थी। कुछ ऐसे लोग भी दिखाई दिए जो भेल, चाट आदि खाकर गंदे कागज, जूठे दोने आदि इधर-उधर फेंक रहे थे। इससे मेरा मन दुःखी हो गया। लोगों की यह आदत क छूटेगी?

 

अपने कपड़े साफ हो और शरीर स्वच्छ हो, तो मन बहुत खुश रहता है। स्वच्छता से ही पवित्रता आती है। अतः हर व्यक्ति को हर जगह स्वच्छता रखी चाहिए।

 

घर का कूड़ा करकट और सड़कों तथा गलियों की गंदगी देखकर हो जाता है। साफ मकान में रहने और साफ-सुथरी सड़कों पर चलने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है और मन प्रसन्न रहता है। स्वच्छता रखने से ही जीवन सुखी बन सकता है।

 

प्रायः लोग घर का कूड़ा-करकट बाहर फेककर निश्चित हो जाते हैं। यह बहुत बुरी बात है। सड़क, बगीचे, समुद्र-तट, प्राणी संग्रहालय, रेलवे स्टेशन आदि सभी सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता रखना बहुत जरूरी है। अपने गाँव और शहर को स्वच्छ रखने में हर व्यक्ति को सहयोग देना चाहिए।

 

इधर उधर फेकनेवाले व्यक्ति अच्छे नागरिक नहीं कहे जा सकते। इस आदत को रोकने के लिए जगह जगह कचरा फेंकने के डिब्बे रखे जाने चाहिए। इससे लोगों में डिब्बों में कचरा फेंकने की आदत पड़ेगी और हर जगह स्वच्छता रहेगी।

 

हमें बचपन से ही स्वच्छता की आदत डालनी चाहिए।

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