हिंदी निबंध लेखन

MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)

श्रम का महत्त्व

श्रम का महत्व श्रम का महत्त्व

श्रम का अर्थ है – मेहनत। मनुष्य के पास श्रम के अतिरिक्त कोई वास्तविक सम्पत्ति नहीं है। यदि यह कहा जाये कि श्रम ही जीवन है तो यह गलत न होगा। जीवन में श्रम अनिवार्य है। कर्म करना जीवन है तो कर्म का न करना मृत्यु । श्रम न करने से ही जीवन नर्क बनता है और कर्म करने से स्वर्ग । ईमानदारी से अम करने से मानव फरिश्ता कहलाता है और श्रम न करने से शैतान जैसा कि कहा भी गया है खाली दिमाग शैतान का घर होता है।

 

श्रम दो प्रकार का होता है शारीरिक तथा मानसिक किसी वस्तु धन अथवा उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किये गये प्रगल का नाम श्रम है।

 

श्रम अपने आप में ही एक लक्ष्य है। श्रम करके चित्त प्रसन्न होता है। देह तंदरुस्त रहती है। श्रम करने वाला व्यक्ति कभी भी हारता नहीं है। होनहार और मेधावी छात्र अपने आलस्य के कारण कुछ नहीं कर पाता। इसलिए हर छात्र को आलस्य छोड़ना चाहिए। मनुष्य जितना श्रम करता है उतनी ही उन्नति कर लेता है।

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