हिंदी निबंध लेखन

MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)

समाजसेवा

समाजसेवा

प्रत्येक समाज में, सच्चे और ईमानदार व्यक्तियों की प्रतिष्ठा होती है। जो सच्चे समाजसेवक है, उनका बहुत आदर होता है।

 

प्रायः हर समाज में गरीब, असहाय तथा दुःखी लोग होते हैं। वे अपने कष्ट स्वयं दूर नहीं कर सकते। इन दुःखी लोगों को हमारी सेवाओं की बहुत आवश्यकता है। 

 

समाजसेवा अनेक प्रकार से की जा सकती है। गरीब रोगियों के लिए मुफ्त या सस्ते इलाज का प्रबंध किया जा सकता है। गरीब विद्यार्थियों के लिए शिक्षा की सुविधाएँ जुटाई जा सकती हैं। समाज की बुरी प्रथाओं को दूर करने की कोशिश की जा सकती है। दुर्घटना या किसी भी संकट के समय पीड़ित जनों को राहत प्रदान की जा सकती है।

 

सभी महापुरुषों ने हमारे सामने सेवा का आदर्श स्थापित किया है। उन्होंने जीवन भर समाजसेवा का व्रत निभाया है। महात्मा गांधी ने हरिजनों के उद्धार के लिए बहुत काम किया था। उन्होंने स्त्रियों को पुरुषों के बराबर स्थान दिलाने का प्रयत्न किया। इसी प्रकार ज्योतिराव फुले, महर्षि कर्वे, बाबा आमटे, मदर टेरेसा, स्वामी विवेकानंद आदि अनेक समाजसेवकों ने समाजसेवा के आदर्श स्थापित किए हैं।

 

वास्तव में, समाजसेवा ही ईश्वरसेवा है, यह बात हमें सदा याद रखनी चाहिए।

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