हिंदी निबंध लेखन

MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)

सदा सत्संगति में रहो

सदा सत्संगति में रहो

सत्संगति का अर्थ है – अच्छे लोगों की सोहबत करना। जब हम अच्छे लोगों के साथ रहते हैं, तब हमें उनसे कुछ सीखने को मिलता है। परंतु जब हम बुरे लोगों की संगति करते हैं, तब हममें बुराइयाँ आने लगती हैं।

 

चोर, बेईमान और नशाखोर व्यक्तियों के साथ रहने से किसी भी आदमी के मन में बुरे विचार आने लगते हैं। उसकी आदते बुरी होने लगती है। सज्जनों की संगति में रहने से हमारे मन में अच्छे विचार आते हैं और हम अच्छे काम करने लगते हैं।

 

रत्नाकर नामक डाकू कुछ ही देर तक देवर्षि नारद की सत्संगति में रहा। उसी के फलस्वरूप वह डाकू से सज्जन बन गया। आगे चलकर वह महाकवि वाल्मीकि के रूप में प्रसिद्ध हुआ। महात्मा गांधी के संपर्क में आनेवाले अनेक लोग देशभक्त बन गए। धर्मशास्त्रों ने भी सत्संग की महिमा का वर्णन किया है।

 

विद्यार्थियों तथा नई पीढ़ी के लोगों को हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहना चाहिए। इससे उनके मन में अच्छे विचार आएँगे। यह उनके लिए सौभाग्य की बात होगी।

 

मुझे खुशी है कि मेरे सभी मित्र सज्जन हैं।

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