हिंदी निबंध लेखन

MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)

मेरा प्रिय त्योहार : होली

मेरा प्रिय त्योहार होली 1 मेरा प्रिय त्योहार : होली

हमारे देश में अनेक त्योहार मनाए जाते है। इनमें से रंगों का त्योहार होली मुझे बहुत प्रिय है। होली का त्योहार फागुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

 

होली वसंत ऋतु का रंगीला त्योहार है। फागुन में गाए जाने वाले होली के गीतों को ‘फाग’ कहते है। फागुन का महीना शुरू होते ही फाग शुरू हो जाते हैं। ढोलक और मँजीरों के साथ इन गीतों को सुनने में बहुत मजा आता है। होली आपसी प्रेम का त्योहार है। यह त्योहार दो दिनों का होता है। पहले

 

दिन शाम को होली जलाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि होली जलने के साथ आपसी लड़ाई झगड़े भी जल जाते हैं। होली के जलने से वातावरण शुद्ध हो जाता है।

 

होली के दूसरे दिन को ‘धुलेंडी’ कहते हैं। धुलेंडी रंगों का दिन है। इस दिन सवेरे ही छोटे-बड़े सभी एक-दूसरे पर रंग डालने निकल पड़ते है। अबीर-गुलाल से लोग लाल हो जाते हैं। होली के रंगों में सारे भेद-भाव खत्म हो जाते हैं। सचमुच, होली का त्योहार हमें आनंद और एकता का संदेश देता है।

हमारे देश में रक्षाबंधन, विजयादशमी, दीपावली, होली आदि अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें से होली रंगों का त्योहार है। यह छोटे-बड़े सभी को रंगों से सराबोर कर देता है।

 

होली का त्योहार वसंत ऋतु में आता है। उस समय फूलों की बहार रहती है। हवा सुगंध से भरी रहती है। पक्षी चहकते रहते हैं। मौसम सुहाना रहता है। न अधिक सर्दी रहती है, न अधिक गर्मी।

 

का त्योहार भक्त प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है। प्रह्लाद भगवान का परम भक्त था। लेकिन उसके पिता हिरण्यकशिपु को भगवान के नाम से ही चिढ़ थी। इसलिए वह प्रह्लाद से नाराज रहता था। अत्याचारी हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मारने की योजना बनाई। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रहलाद को गोद में लेकर जलती चिता पर बैठ जाए। होलिका को वरदान था इसलिए आग उसे जला नहीं सकती थी। पर, जब होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर जलती चिता पर बैठी, तब चमत्कार हुआ। होलिका जल कर राख हो गई और प्रहलाद बच गया। इसी घटना की याद में होली जलाई जाती है।

 

फाल्गुन मास की पूर्णिमा को शाम के समय जगह-जगह होली जलाई जाती है। इसके दूसरे दिन लोग एक-दूसरे पर रंग और अबीर-गुलाल डालते हैं। लोग एक-दूसरे के घर होली खेलने जाते हैं। इस अवसर पर वे आपसी रंजिश और वैरभाव भुला देते हैं।

 

होली के पर घर-घर में पकवान बनाए जाते हैं। लोग स्वयं खाते और अपने मित्रों तथा को भी खिलाते हैं।

 

कभी-कभी होली मनाने के लिए लोग नुकसान पहुँचानेवाले रंगों का प्रयोग करते हैं। कुछ लोग इन रंगों को गुब्बारों में भरकर राहगीरों पर फेंकते हैं। यह बहुत ही अनुचित है। होली को ठीक ढंग से मनाने पर ही उसका सच्चा आनंद मिल सकता है।

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