हिंदी निबंध लेखन

MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)

मेरा प्रिय नेता - महात्मा गांधी

mera priya neta

महात्मा गांधी मेरे प्रिय नेता है। हम सब आदर और प्रेम से उन्हें ‘बापू’ कहते है। सारा राष्ट्र उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ मानता है। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म २ अक्तूबर, १८६९ को गुजरात के पोरबंदर नगर में हुआ था।

 

गांधी जी बचपन से ही सच बोलने का आग्रह रखते थे। वे अन्याय का कड़ा विरोध करते थे। गांधी जी जाति-पाँति के भेदभाव को नहीं मानते थे। वे हमारे देश के महान नेता थे। उनका जीवन बहुत ही सरल और सादा था।

 

गांधी जी वकालत की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड गए थे। वहाँ से वकील बनकर वे भारत लौटे। बाद में वे दक्षिण अफ्रीका गए। वहाँ भी अंग्रेजों का शासन था। गोरी सरकार अफ्रीका के मूल निवासियों और भारतीयों पर बहुत जुल्म करती थी। गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन किया। उन्होंने लोगों को उनके अधिकार दिलाए। बाद में भारत आकर उन्होंने सत्य और अहिंसा के बल पर अनेक आंदोलन चलाए और भारत को आजादी दिलाई। वे हमारे राष्ट्रपिता कहलाए। उन्होंने हमें सत्य, प्रेम और एकता का पाठ पढ़ाया।

 

३० जनवरी, १९४८ को गांधी जी की हत्या हो गई। आज सारा संसार गांधी जी को याद करता है।

भारत में अनेक प्रसिद्ध नेता हुए है। उनमें मुझे गांधीजी सबसे अधिक प्रिय है। गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनकी माता का नाम पुतलीबाई और पत्नी का नाम कस्तूरबा था।

 

गांधीजी को ‘बापू’, ‘महात्माजी’ और ‘राष्ट्रपिता’ भी कहते हैं। वे ‘साबरमती के संत’ के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए भारत की जनता को तैयार किया। वे जनता के नेता बने और देश को आजादी दिलाई। 

 

‘बापू’ महान नेता थे। उनके बताए मार्ग पर चलकर जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, राजेंद्र बाबू आदि कई लोग महान नेता बने।

 

‘बापू’ को सारा संसार जानता है। उनका जन्म गुजरात के पोरबंदर नगर में १२ अक्टूबर, १८६९ को हुआ था। भारत में शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे इंग्लैंड गए। वहाँ से वे बैरिस्टर बनकर भारत लौटे। वे वकालत करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए। परंतु वहाँ वे जनता की सेवा में लग गए। दक्षिण अफ्रीका से लौटकर उन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने का बीड़ा उठाया। उनके आंदोलनों के कारण १५ अगस्त, १९४७ को देश स्वतंत्र हो गया। ३० जनवरी, १९४८ को उनकी हत्या हो गई। संसार ‘भर में शोक छा गया।

 

‘बापू’ ने सारे संसार को सत्य और अहिंसा का संदेश दिया। उन्होंने हमें बताया कि पवित्र साधनों का प्रयोग करके ही हम कोई महान उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं।

 

मैं बापू के बारे में अधिक से अधिक जानने और उनके बताए रास्ते पर चलने की कोशिश करूँगा।

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