हिंदी निबंध लेखन

MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)

मेरा घर

मेरा घर

घर केवल एक शब्द नहीं है परंतु सपनों का जहां है। घर प्यार, स्नेह, ममता, आशाओं और इच्छाओं का दर्पण है। जो लोग रोजी-रोटी कमाने के लिए घर से दूर चले जाते हैं, वे भी जल्दी-जल्दी घर आना पसंद करते हैं।

 

चार दीवारों से मकान बनाये जाते हैं, परंतु घर की नीव एक व्यक्ती के सम्बंध, उस की भावनाओं पर टिकी होती है।

 

मेरा घर साधारण-सा है। इसमें तीन छोटे-छोटे कमरे और एक रसोई घर है। मेरे घर का हर कमरा हवादार है। इसमें सूरज की रोशनी भी खूब आती है। सुबह और शाम, दोनों वक्त हमें धूप का आनंद मिलता है। घर के साथ ही एक छोटा सा बागीचा  है, जहाँ हम ने खूब सारे पेड़, पौधे लगा रखे हैं। कुछ  सब्जियाँ भी उगाई हैं, जो हमारे रसोईघर में काम आती हैं और हमारे घर की शोभा इस सुन्दर सी बगिया के कारण खूब बढ़ जाती है। पेड़ों पर बैठे सुन्दर पक्षी वातावरण को मन्त्रमुग्ध बनाते हैं।

 

मेरे घर के सामने नीम का एक पेड़ है। वह घना और छायादार है। वहाँ हमेशा हरियाली बनी रहती है। इससे हमारे घर की शोभा बढ़ जाती है। शाम की चाय और मेरा गृहकार्य इसी पेड़ की छाया में बैठ कर होता है।

 

मेरे माता-पिता, मेरे बड़े और छोटे भाई तथा मैं, सभी इस घर में रहते हैं। हममें आपस में बहुत प्रेम है। हमारे परिवार के लोग एक-दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

 

यह घर मेरे दादाजी ने बनवाया है। हम लोगों को इस घर से बहुत लगाव है। इस घर ने हमें, हमारे रिश्तों और सपनों को संजो कर रखा है।

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