हिंदी निबंध लेखन
MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)
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छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देश के एक महापुरुष और वीर राजा थे। उनकी माता का नाम जीजाबाई था। जीजाबाई एक आदर्श नारी थी।
शिवाजी महाराज का जन्म सन् १६३० में महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में हुआ था। इस किले में शिवाई नामक देवी का एक मंदिर है। उसी देवी के नाम पर जीजाबाई ने उनका नाम ‘शिवाजी’ रखा।
शिवाजी के गुरु दादोजी कोंडदेव थे। उन्होंने शिवाजी को तरह-तरह के हथियार चलाने की शिक्षा दी। बड़े होकर शिवाजी ने अपनी सेना बनाई। इस सेना में तानाजी, सूर्याजी, जीवाजी जैसे अनेक शूरवीर सरदार थे। शिवाजी ने आस-पास के मुसलमान राजाओं को जीत लिया।
१६७४ में शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ। तब से वे छत्रपति शिवाजी महाराज कहलाए। उन्होंने ‘हिंदवी स्वराज्य’ की स्थापना की। उन्होंने अन्याय और अत्याचार का सामना किया। वे सभी धर्मों का आदर करते थे। रायगढ़ छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी थी। सन् १६८० में छत्रपति शिवाजी महाराज का निधन हुआ।
भारत के इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम अमर रहेगा।
हाथ में तलवार लिए घोड़े पर सवार शिवाजी महाराज की मूर्ति बहुत शानदार लगती है। वह मूर्ति देखते ही हमारी छाती गर्व से फूल उठती है।
शिवाजी भारत के महान वीर पुरुष थे। भारत को उनकी वीरता पर गर्व है। उनका कर्मक्षेत्र महाराष्ट्र था। अतः महाराष्ट्र की जनता अत्यधिक आदर और प्रेम से उनका स्मरण करती है।
शिवाजी की माता का नाम जीजाबाई और पिता का नाम शाहजी भोंसले था। गुरु का नाम दादोजी कोंडदेव था। अपनी माता और गुरुजी से शिवाजी को उत्तम संस्कार मिले। शिवाजी को हर प्रकार के अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध लड़ने की शिक्षा मिली। वे जीवन भर यह लड़ाई लड़ते रहे।
शिवाजी महाराज ने कभी बादशाह औरंगजेब की अधीनता स्वीकार नहीं की। उन्होंने ‘हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की और अपना राज्याभिषेक कराया। उन्होंने अपने राज्य का विस्तार किया और उसे संपन्न बनाया। उन्होंने प्रजा के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए। अतः सर्वत्र उनको जयजयकार होने लगी।
सन् १६८० में उनका देहांत हुआ। हम प्रतिवर्ष शिवजयंती मनाते हैं और शिवाजी महाराज के आदर्शों से प्रेरणा लेते हैं।
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