हिंदी निबंध लेखन

MIDDLE SCHOOL LEVEL (For Class 5 to 7)

चाँदनी रात

चाँदनी रात

चाँदनी रात की शोभा अनोखी होती है। शायद ही कोई ऐसा प्राणी होगा, जिसे चाँदनी रात प्रिय न लगती हो। हर महीने के दो पक्ष होते हैं – कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्षा शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को चंद्रमा पूरी तरह खिलता है। उस दिन चाँदनी बहुत सुहावनी लगती है।

 

पूर्णिमा की रात को पूरा चाँद निकलता है। दूध के समान सफेद चाँदनी आकाश और धरती पर बिखर जाती है। यह चाँदनी ऐसी लगती है जैसे चंद्रमा से अमृत बरस रहा हो। यह शरीर को ठंडक पहुँचाने के साथ-साथ मन को भी शीतल कर देती है। पूर्णिमा की चाँदनी रात में नौकाविहार करने का आनंद अपूर्व होता है। पूर्णिमा की चाँदनी रात में आगरे के ताजमहल की शोभा बहुत ही मनमोहक होती है।

 

मैं प्राय: चाँदनी रात में अपने मित्रों के साथ नदी के किनारे चला जाता हूँ। वहाँ हम देर तक बैठते हैं। हममें से किसी का भी वहाँ से जल्द वापस लौटने का मन नहीं होता। चाँद का प्रतिबिंब नदी की लहरों में खेलता-सा जान पड़ता है। जब हवा के झोंकों से नदी के जल में हलचल होती है, तो उस पर पड़नेवाली चाँदनी और भी लुभावनी लगती है।

 

कवियों ने चाँद और चाँदनी की सुंदरता का खूब वर्णन किया है। चाँदनी रातें मुझे बहुत आनंददायक लगती हैं।

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