समय की महत्त्व

समय की महत्त्व
Image : Medium

प्रस्तावना :

समय देव का रथ तेजी से भागता चला जा रहा है। उसका रथ सोने के फूल तथा कल्पतरु से अत्यंत सुंदर ढंग से सजा है। वह अपने दोनों हाथों से सोना लुटाता चलता है। कोई जागरूक यदि चाहे तो वह अपनी झोली में मूल्यवान मणि, माणिक्य भर ले। कोई चाहे तो समय देव के दिव्य वरदानों के अमृत से अपने अंतस को परिपूरित कर ले। कोई चाहे तो अपने जीवन को अमृतमय बना ले और कोई चाहे तो उनसे श्रेष्ठतम सफलता माँग ले। समय देव के पास किसी भी वस्तु का अभाव नहीं है। उनके अंदर किसी से भी दुर्भाव नहीं है। अजगर करे न चाकरी…का मंत्र जपने वाले तथा समय देव की सेवा न करने वाले मूर्खी का जीवन अंततः यदि अभिशापों से भर जाता है, वे प्रकृति के अनमोल उपहारों से आजीवन वंचित रह जाते हैं तो इसमें गलती किसकी है।

 

समय के सदुपयोग से लाभ :

यदि हम जीवन के संदर्भ में विचार करें तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह जीवन मूल रूपसे कुछ क्षणों का जोड़ ही है। एक-एक क्षण वास्तव में हमारी पूंजी है; यदि जीवन के कारोबार में इस पूंजी का सदुपयोग नहीं किया गया तो अवश्य ही यह पूंजी अतिशीघ्र नष्ट हो जाएगी और हमारा जीवन-व्यवसाय चौपट होकर रह जाएगा। एक प्रसिद्ध गुजराती कहावत है- ‘लेने योग्य, देने योग्य तथा करने योग्य कायों का सम्पादन यदि समय पर नहीं होता तो उसका रस अवश्य ही काल पी जाता है।’ इसका अर्थ यह है कि समय ही सभी सुखों, सभी कामनाओं, सभी इच्छाओं के रस का मूल है। यदि समय से किसी कार्य को सम्पादित नहीं किया जाता तो उसमें कोई आनंद शेष नहीं रहता, उसका कोई महत्व नहीं होता। कहा भी जाता है ‘समय चूक तब का पछितानी।’ समय से चूक जाने पर पछताने से कोई लाभ नहीं होता। कबीर दास ने ठीक ही कहा है –

 

काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।

पल में परलै होएगी, बहुरी करोगे कब ।।

 

अपने कर्म के लिए किसी की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। पता नहीं  कौन-सा पल, कौन-सा क्षण हमारे लिए बदल जाए और हमें निष्क्रिय कर जाए। इसलिए समय के सदुपयोग, उसकी महत्त्व को न समझना हमें कभी भी सफलता के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ने देगा। हम अपने एक-एक क्षण के सदुपयोग से अपने जीवन का निर्माण कर सकते हैं। एक-एक क्षण के सदुपयोग से वैयक्तिक तथा राष्ट्रीय जीवन की एक महान अट्टालिका का निर्माण हो सकता है, निश्चित रूप से वैयक्तिक, सामाजिक तथा राष्ट्रीय जीवन की सफलता की एकमात्र कनक कुंजी है समय का सदुपयोग।

 

समय के दुरुपयोग से होने वाली हानियाँ :

समय सोने से भी ज्यादा कीमती है। जो लोग अपना समय गंवाते हैं वे अपने जीवन की समस्त संचित पूंजी को समाप्त करते हैं। यदि छात्र अपना समय व्यर्थ गंवाता है तो उसका परीक्षाफल अच्छा नहीं होता और उसे शर्मिन्दा होना पड़ता है। यदि अध्यापक अपना समय गंवाता है तो छात्रों को लेट-लतीफी सिखाता है जिसके कारण छात्र उसका सम्मान नहीं करते। जो नेता अपना समय गंवाता है वह अपने जीवन को तो व्यर्थ नष्ट करता ही है राष्ट्र का भी अत्यंत महत्वपूर्ण नुकसान करता है। यदि कोई नेता किसी सभा में एक घंटे लेट से आता है और एक लाख लोग उसकी प्रतीक्षा करते हैं तो वह एक लाख घंटे राष्ट्र का नुकसान करता है। सोचिए एक लाख घंटे में एक बड़े कारखाने का निर्माण हो सकता है। यदि किसान अपना समय गंवाता है तो उसकी फसल की पैदावार प्रभावित हो जाती है।

 

उपसंहार:

समय की महत्त्व को समझना अपने जीवन के मूल्य को समझना है। एक मिनट की मुस्तैदी से सेनाओं को विजय तथा एक मिनट की लापरवाही से पराजय प्राप्त हो जाती है। पाँच मिनट की कीमत न समझने वाले ऑस्ट्रियन नेपोलियन से पराजित हो गए और वही अपराजेय नेपोलियन अपने साथी गूशी के पाँच मिनट विलंब से आने के कारण बंदी बनकर अपमानजनक मृत्यु को प्राप्त हुआ। समय की कीमत को समझने वाले व्यापारियों ने एक-एक पल का सदुपयोग करके अपने देश को अलकापुरी बना दिया और वहीं समय की महत्त्व को न समझने वाले भारतीय चार्वाकों और काहिलों की फक्कड़ संतानें आजादी के लगभग छः दशक बीत जाने के बाद भी आज तक वहीं के वहीं खड़ी हैं। आज भी हमारे देश में आरक्षण की भीख के लिए आंदोलन किए जाते हैं। आज भी सब्सिडी मिलने ना मिलने पर राष्ट्रीय चुनाव निर्णित होते हैं। उचित यह है कि हम समय की अतुलित महत्त्व को समझें और एक-एक क्षण के सदुपयोग से हम अपनी जीवनधारा को परिवर्तित करके अपने देश को महान बनाएँ।

अधिक निबंधों के लिए :