मनोरंजन के साधन
प्रस्तावना :
एक वक्त था जब मनोरंजन के साधन अत्यंत अल्प थे। नाटक, संगीत आदि ही मनोरंजन के साधन थे। कुछ लोग मनोरंजन के लिए शिकार भी खेलते थे। सभ्यता के विकास के बाद खेल लोगों के मनोरंजन के साधन बने। आज भी खेल मनोरंजन के प्रमुख साधन है, किंतु आजकल खेलों को प्रत्यक्ष रूप से देखने की बजाय किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से इसे देखने वालों की संख्या बढ़ी है। इस समय टेलीविजन, रेडियो, कम्प्यूटर एवं इंटरनेट मनोरंजन के प्रमुख एवं हाईटेक साधन हैं। मनोरंजन के कुछ प्रमुख साधन निम्नलिखित हैं –
टेलीविजन :
टेलीविजन आजकल लोगों के मनोरंजन का एक प्रमुख साधन बन चुका है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि टेलीविजन पर हर आयु वर्ग के लोगों के लिए कार्यक्रम सहित तमाम तरह के गीत-संगीत पर आधारित रियलिटी शो देख सकते हैं। पुरुष न्यूज चैनलों के साथ-साथ क्रिकेट मैचों का प्रसारण देख सकते हैं। बुजुर्ग लोग समाचारों, धारावाहिकों के अलावा धार्मिक चैनलों पर सत्संग एवं प्रवचन का आनंद ले सकते हैं।
रेडियो :
आधुनिक काल में रेडियो मनोरंजन का एक प्रमुख साधन बनकर उभरा है। रेडियो पर गीत-संगीत के अलावा सजीव क्रिकेट कमेंटरी श्रोताओं को आनंदित करती है। जब से एफएम चैनलों का पदार्पण भारत में हुआ है, रेडियो की उपयोगिता और बढ़ गई है। आजकल लोग मोबाइल फोन के माध्यम से विभिन्न एफएम स्टेशनों को सुनने का आनंद उठाते हैं। रेडियो मिर्ची, रेड एफएम, रेडियो सिटी, रेडियो म्याऊं इत्यादि चर्चित एफएम स्टेशन हैं। ये श्रोताओं का मनोरंजन कर रहे हैं। आज एफएम प्रसारण दुनियाभर में रेडियो प्रसारण का पसंदीदा माध्यम बन चुका है। इसका एक कारण इससे उच्च गुणवत्तायुक्त स्टीरियोफोनिक आवाज की प्राप्ति भी है। शुरूआत में इस प्रसारण की देशभर में कवरेज केवल 30% थी, किंतु अब इसकी कवरेज बढ़कर 60% से अधिक तक जा पहुँची है।
कम्प्यूटर एवं इंटरनेट :
आधुनिक मनोरंजन के साधनों में कम्प्यूटर एवं इंटरनेट का स्थान अग्रणी है। भारतीय युवाओं में इनका प्रयोग तेजी से बढ़ा है। इंटरनेट को तो कोई जादू, कोई विज्ञान का चमत्कार, तो कोई ज्ञान का सागर कहता है। आप इसे जो भी कहिए, किंतु इस बात में कोई संदेह नहीं कि सूचना-क्रांति की देन यह इंटरनेट न केवल मानव के लिए अति उपयोगी साबित हुआ है, बल्कि संचार में गति एवं विविधता के माध्यम से इसने दुनिया को बिल्कुल बदलकर रख दिया है। इंटरनेट ने सरकार, व्यापार और शिक्षा को नए अवसर दिए हैं। सरकारें अपने प्रशासनिक कार्यों के संचालन, विभिन्न कर प्रणाली, प्रबंधन और सूचनाओं के प्रसारण जैसे अनेकानेक कार्यों के लिए इंटरनेट का उपयोग करती हैं। कुछ वर्ष पहले तक इंटरनेट व्यापार और वाणिज्य में प्रभावी नहीं था, लेकिन आज सभी प्रकार के विपणन और व्यापारिक लेन-देन इसके माध्यम से सम्भव हैं। इंटरनेट पर आज पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित हो रही हैं, रेडियो के चैनल उपलब्ध हैं और टेलीविजन के लगभग सभी चैनल भी मौजूद हैं। इंटरनेट के माध्यम से मीडिया हाउस ध्वनि और दृश्य दोनों माध्यम के द्वारा ताजातरीन खबरें और मौसम सम्बंधी जानकारियाँ हम तक आसानी से पहुँचा रहा है। नेता हो या अभिनेता, विद्यार्थी हो या शिक्षक, पाठक हो या लेखक, वैज्ञानिक हो या चिंतक सबके लिए इंटरनेट उपयोगी साबित हो रहा है।
सिनेमा :
बात मनोरंजन के आधुनिक साधनों की हो या पूर्व साधनों की, यह सिनेमा के बिना अधूरी है। सिनेमा पहले भी लोगों के मनोरंजन का एक शक्तिशाली माध्यम था और आज भी है। आज पारिवारिक एवं हास्य से भरपूर फिल्में दर्शकों का स्वस्थ मनोरंजन कर रही हैं। एक व्यक्ति तनावपूर्ण वातावरण से निकलने एवं मनोरंजन के लिए सिनेमा का रुख करता है। हालाकि वर्तमान समय में बहुत-सी फिल्में हिंसा एवं अश्लीलता का भौण्डा प्रदर्शन भी करती हैं, किंतु इन जैसी खामियों को दरकिनार कर दें, तो सिनेमा दर्शकों का स्वस्थ्य मनोरंजन भी करते हैं। अभिनेता शाहरुख खान के शब्दों में- ‘भारत में सिनेमा सिर्फ मनोरंजन के तौर पर नहीं देखा जाता, बल्कि सिनेमा देखना यहाँ जीने का तरीका है।’
उपसंहार :
इस प्रकार देखा जाए तो मनोरंजन के इन सभी हाईटेक साधनों से न सिर्फ हमारा मनोरंजन होता है, बल्कि ये हममें ज्ञान का विस्तार करने में भी सहायक हैं। इनकी सहायता से हम कठिन-से-कठिन विषयों को भी बड़ी सुगमता के साथ कम समय में ही ठीक प्रकार से समझ लेते हैं। अतः हमें जीवन की एकरसता दूर करने व मानसिक स्फूर्ति प्रदान करने हेतु मनोरंजन के तौर पर सीमित प्रयोग के साथ-साथ इन साधनों का प्रयोग अपने ज्ञान-विज्ञान को परिष्कृत किए जाने में करना चाहिए, तभी हम इसका अधिकाधिक लाभ ले सकेंगे और तब ये साधन हमारे लिए वरदान साबित होंगे।
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