दीपू की सूझ-बूझ

दीपू नामक लड़का – रेल की पटरी पार कर स्कूल जाना – एक बार रास्ते में रेल की उखड़ी हुई पटरी देखना – आती हुई रेलगाड़ी को देखना – दीपू का लाल कमीज हिलाना – ड्राइवर का रेलगाड़ी रोक देना – दुर्घटना टलना – सरकार द्वारा इनाम – सीख।

दीपू की सूझ-बूझ

दीपू नाम का एक लड़का था। स्कूल जाते समय उसे रास्ते में रेल की पटरियों को पार करना पड़ता था।

 

एक दिन दीपू ने देखा कि रेल की पटरी एक जगह से उखड़ी हुई है। दीपू ने सोचा कि इससे तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

 

उसी समय एक रेलगाड़ी दूर से आ रही थी। दीपू ने उसे देखा। संयोग से उस दिन दीपू ने लाल कमीज पहनी हुई थी। उसने फौरन अपनी कमीज उतारी। उसे वह लाल झंडी की तरह हिलाने लगा। ड्राइवर ने लाल झंडी देखकर रेलगाड़ी रोक दी।

 

दीपू की सूझ-बूझ से एक बड़ी रेल-दुर्घटना टल गई। सरकार ने दीपू का सम्मान किया और उसे इनाम दिया।


सीख : मुसीबत में डरने के बजाय दिमाग से काम लें और हमेशा मदद के लिए आगे बढ़ें।

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