बिल्ली के गले में घंटी

मकान में चूहे – मजे से अनाज खाना – एक बिल्ली का आना – चूहों को मारना – चूहों की सभा – एक चूहे का बिल्ली के गले में घंटी बाँधने का सुझाव – बूढ़े चूहे का प्रश्न, ‘घंटी बाँधेगा कौन?’ – घंटी बाँधने के लिए किसी का तैयार न होना – सीख।

बिल्ली के गले में घंटी

एक मकान में अनाज का एक भंडार था। उस मकान में बहुत-से चूहे रहते थे। वे मजे से अनाज खाते थे।

 

एक दिन वहाँ एक बिल्ली आ पहुँची। इतने चूहों को देखकर वह बहुत खुश हुई। उसने चूहों को मारकर खाना शुरू कर दिया। इससे चूहे बहुत डर गए। 

 

एक दिन चूहों ने सभा की। उसमें बिल्ली से छुटकारा पाने के तरीकों पर विचार किया गया। एक चूहे ने कहा, “बिल्ली के गले में एक घंटी बाँध दी जाए। बिल्ली के आने पर घंटी की आवाज होगी। उसे सुनकर हम भाग जाएँगे और बच जाएँगे।”

 

एक बूढ़े चूहे ने कहा, “बात तो ठीक है। परंतु बिल्ली के गले में घंटी बाँधेगा कौन?”

 

यह सुनकर सब चूहे चुप हो गए। बिल्ली के गले में घंटी बाँधने के लिए कोई चूहा तैयार नहीं हुआ।

 

सीख : केवल कोरी बातों से कोई काम नहीं होता।

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