निबंध लेखन

Middle School Level

एक किताब की आत्मकथा

एक किताब की आत्मकथा

मैं एक किताब हूँ। मुझे तुम्हारे पिताजी ने खरीदा था। अब तो मैं पुरानी हो चुकी हूँ। लेकिन जब तुम मुझे पढ़ते हो, तब मुझे बहुत अच्छा लगता है।

 

तुम्हारे नगर के ही एक लेखक ने बहुत परिश्रम करके मेरी रचना की थी। के प्रतिदिन आठ-दस घंटे लिखा करते थे। जब उन्होंने मेरी पांडुलिपि तैयार कर ली. तो छापने के लिए उसे एक प्रकाशक को सौंप दिया। उस प्रकाशक ने अपने छापाखाने मेछापकर मुझे यह आकर्षक रूप दिया।

 

उस प्रकाशक ने मेरी हजारों प्रतियाँ तैयार की। फिर उसने मेरी सैकड़ों प्रतियाँ एक पुस्तक-विक्रेता को बेच दीं। उसी पुस्तक-विक्रेता के यहाँ से तुम्हारे पिताजी मुझे खरीद कर लाए थे। 

 

तुम्हारे पिताजी मुझे बहुत सँभालकर रखते आए हैं। तुम भी उन्हीं की तरह मुझे सँभालकर रखोगे, तो मुझे बहुत खुशी होगी। यदि तुम मुझसे कुछ सीख सकोगे, तो मेरी खुशी की सीमा न रहेगी।

 

तुम मुझे ध्यान से पढ़ोगे, तो तुम्हें बहुत लाभ होगा। तुम अपने देश के अच्छे नागरिक बन सकोगे और देश की प्रगति में मदद कर सकोगे।

 

यदि तुम मेरी यह इच्छा पूरी कर सको तो मैं अपना जीवन सफल समझेंगी।

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