निबंध लेखन

Middle School Level

एक घड़ी की आत्मकथा

एक घड़ी की आत्मकथा

तुम बड़ी देर से मुझे देख रहे हो। कभी मेरे सुनहरे रंग पर तुम्हारी नजर टिक जाती है। कभी मेरे डायल पर लिखी इबारत पढ़ने की तुम कोशिश करते हो। लगता है, मेरे बारे में जानना चाहते हो। ठीक है, आओ, मैं तुम्हें अपनी जीवन कहानी सुनाती हूँ।

 

मेरा जन्म एक कारखाने में आज से लगभग पंद्रह साल पहले हुआ था। मेरे साथ-साथ मेरी बहुत-सी सहेलियों का भी वहाँ निर्माण किया गया था। उन सबमें मैं सबसे अधिक चमकीली और सुंदर थी।

 

मुंबई के एक व्यापारी ने मुझे और मेरी संगिनियों को खरीद लिया। उसने हम सबको अपनी दुकान के शो-केस में सजा कर रख दिया।

 

एक दिन मुझ पर इस घर की मालकिन की निगाह पड़ी। उनका इकलौता बेटा सातवीं कक्षा में पढ़ता था। वह कई दिनों से घड़ी के लिए हठ कर रहा था। मुझे देखते ही मालकिन खुश हो गईं। उन्होंने मुझे खरीद लिया।

 

घर आकर मालकिन ने मुझे अपने बेटे की कलाई पर बाँध दिया। मुझे पाकर उनके बेटे की खुशी का ठिकाना न रहा। वह दिन-रात मुझे अपने साथ ही रखने लगा। मैं भी उसे हमेशा ठीक समय बताती रहती हूँ।

 

वह बालक मुझे अपने दोस्तों को दिखाया करता है। जब वे मेरी खूबसूरती की तारीफ करते हैं, तब मैं खुशी से फूली नहीं समाती।

 

एक दिन उस बालक की ममेरी बहन इस घर में आई थी। मुझे देखते हो उसकी आँखे चमक उठीं। मुझे पाने के लिए वह हठ करने लगी। लेकिन, इस बालक ने मुझे अपने से अलग करना स्वीकार नहीं किया। उस दिन मैने अपने जीवन को सफल समझा।

 

अब तो मेरी यही इच्छा है कि जीवन भर में इस बालक की सेवा करती रहूँ। आशा है, भगवान मेरी यह इच्छा पूरी करेंगे।

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